जैकलिन की तमन्ना, सानिया मिर्जा की बायोपिक में करना चाहती हैं काम
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: December 23, 2017 05:15 PM2017-12-23T17:15:09+5:302017-12-23T17:27:46+5:30
जैकलिन ने अभी तक के करियर में रोमांटिक कॉमेडी फिल्में ही अधिक की हैं।
जैकलिन फर्नाडीज उन चंद गिनी-चुनी अभिनेत्रियों की जमात में हैं, जो किसी दूसरे देश से यहां आकर कड़ी मेहनत के बाद अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहीं। वह यूं तो पद्मावती जैसा ऐतिहासिक किरदार निभाना चाहती हैं, लेकिन किसी नामचीन खिलाड़ी के जीवन पर बनी फिल्म में काम करना उनकी प्राथमिकता है। वह सानिया मिर्जा से काफी प्रभावित हैं और खुद को पर्दे पर उनके किरदार में ढलते देखना चाहती हैं।
जैकलिन ने अभी तक के करियर में रोमांटिक कॉमेडी फिल्में ही अधिक की हैं, लेकिन वह आशुतोष गोवारीकर और संजय लीला भंसाली जैसे निर्दशकों की पीरियड्स फिल्में करना चाहती हैं। इस संबंध में जैकलिन ने मुंबई से आईएएनएस को दिए साक्षात्कार के दौरान कहा, "मैं मानती हूं कि मैंने अभी तक रोमांटिक कॉमेडी फिल्में बहुत की हैं, लेकिन मैं संजय लीला भंसाली की 'पद्मावती' जैसा किरदार निभाना चाहूंगी। आशुतोष और संजय जैसे निर्देशकों की फिल्मों में काम करने की मेरी तमन्ना है।"
पढ़ें जैकलिन की क्या है तमन्ना
पिछले कुछ सालों से इंडस्ट्री में बन रही बायोपिक फिल्में जैकलिन को बहुत भा रही हैं। वह कहती हैं, "बायोपिक में काम करने से आप बहुत कुछ सीख पाते हैं। हाल फिलहाल में कई बेहतरीन बायोपिक बनी हैं। मैं चूंकि फिटनेस को लेकर जुनूनी हूं, तो चाहती हूं कि किसी स्पोर्ट्स पर्सनैलिटी के जीवन पर बनी फिल्म में काम करूं। सानिया मिर्जा का करियर मुझे काफी प्रभावित करता है, उम्मीद करती हूं कि सानिया मिर्जा के जीवन पर बनी फिल्म में काम करूं।"
श्रीलंकाई सुंदरी को भारत से खासा लगाव है और वह बचपन से ही हिंदी सिनेमा देखते हुए बड़ी हुई हैं। इसलिए बॉलीवुड से दूर जाने का सवाल उन्हें हिला देता है। हॉलीवुड में करियर के सवाल पर वह कहती हैं, "मैं हॉलीवुड जाने के बजाय बॉलीवुड में ही काम करने को ज्यादा तवज्जो देती हूं। यहां बहुत खुश हैं, मुझे हॉलीवुड नहीं जाना है। भारत मेरी नस-नस में बसता है, लेकिन हां अगर हॉलीवुड से कुछ अलग हटकर ऑफर मिलता है तो जरूर करना चाहूंगी।"
सलमान के साथ 'किक' और अब 'रेस 3' में काम कर चुकीं जैकलिन उन्हें प्रेरणादायक के रूप में देखती हैं। वह कहती हैं, "जब मैंने 'किक' में पहली बार सलमान के साथ काम किया था, उस वक्त बहुत नर्वस थी। मुझे अच्छे से याद है कि जब वह सेट पर आए थे तो उन्हें देखकर मैं अपनी सारी लाइनें भूल गई थी। उनके साथ शॉट करने में पसीना छूट जाता था, लेकिन सलमान ने काफी सपोर्ट किया।"
वह आगे कहती हैं, "अच्छा लगता है, जब लोग बोलते हैं कि हम-दोनों की जोड़ी अच्छी लगती है। सलमान की हीरोइन कहलाने में ही अच्छा फील होता है।"
जैकलिन फिल्म इंडस्ट्री में लैंगिक असमानता के मुद्दे पर बड़ी ही बिंदास राय रखती हैं। वह कहती हैं, "आज का सिनेमा बदल रहा है। पहले की तुलना में महिला प्रधान फिल्में ज्यादा बनने लगी हैं। अब हीरोइनें हीरो के पीछे-पीछे नहीं चलतीं, बल्कि उन्हें टक्कर दे रही हैं। हां, आय को लेकर दोनों में अभी काफी फर्क है, लेकिन एक समय आएगा, जब हमें भी हीरो के बराबर मेहनताना मिलेगा।"
बॉलीवुड पर फिल्मों की कहानियां चुराने को लेकर होती आलोचनाओं का जैकलिन के पास सधा सा जवाब है, "आजकल पुराने गानों के रीमिक्स काफी चलन में हैं, और इन्हें पसंद भी किया जाता है तो फिल्में क्यों नहीं। अमेरिका और फ्रांस में भी पुरानी हिंदी फिल्मों से प्रेरित फिल्में बनी हैं। मुझे इसमें कोई बुराई नजर नहीं आती। कला की कोई सीमा नहीं होती। सात समुंदर पार के देशों की फिल्मों को हिंदी में बनाया जा रहा है, तो इसमें हल्ला मचाने जैसा कुछ भी नहीं है।"