इंटरनेशल विमेंस डे 8 मार्च यानी कि आज मनाया जा रहा है। इस साल भी लोगों ने महिला दिवस को एक अलग अंदाज में सेलिब्रेट करने की तैयारी की है। ऐसे में आज हम आपको बॉलीवुड की कुछ ऐसी एक्ट्रेसेस के बारे में बताएंगे, जिन्होंने अपने दम पर बॉलीवुड में एक अलग पहचान बनाई। बॉलीवुड की मशहूर अदाकारा मीना कुमारी का जन्म 1 अगस्त को दादर (मुंबई) में हुआ था। उनका असली नाम महजबीं बानो था।उन्हें फिल्म इंडस्ट्री की ट्रेजडी क्वीन कहा जाता था। फिल्म लेदरफेस(1939) में उन्हें बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट करियर की शुरुआत की थी। मीना ने एक ही रास्ता , आरती , बहू बेग़म,साहब बीबी और गुलाम जैसी अनगिनत फिल्मों में काम किया। उन्होंने महज 39 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया था।31 मार्च, 1972 को उनका निधन हो गया था।
1942 की फिल्म 'बसंत' से शुरू हुआ मधुबाला का फिल्मी करियर
मधुबाला का जन्म 14 फरवरी, 1933 को दिल्ली में हुआ था। इनके बचपन का नाम मुमताज जहां देहलवी था। इनके पिता का नाम अताउल्लाह और माता का नाम आयशा बेगम था।मुमताज ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत वर्ष 1942 की फिल्म 'बसंत' से की थी। यह काफी सफल फिल्म रही और इसके बाद इस खूबसूरत अदाकारा की लोगों के बीच पहचान बनने लगी।वर्ष 1947 में आई फिल्म 'नील कमल' मुमताज के नाम से आखिरी फिल्म थी। इसके बाद वह मधुबाला के नाम से जानी जाने लगीं। इस फिल्म में महज चौदह वर्ष की मधुबाला ने राजकपूर के साथ काम किया। 'नील कमल' में अभिनय के बाद से उन्हें सिनेमा की 'सौंदर्य देवी' कहा जाने लगा। उन्होंने लगभग 70 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया।
15 साल की उम्र से ही वैजयंती माला ने पर्दे पर धमाल मचाना कर दिया था शुरू
बॉलीवुड की खूबसूरत एक्ट्रेस वैजयंती माला ने अपने डांस और अभिनेय की दम पर सिनेमा में एक अलग ही पहचान बनाई। कहते हैं वो फिल्म अधूरी मानी जाती थी जिसमें माला का डासिंग सांग ना हो। उनको अभिनय विरासत में मिला था उनकी मां तमिल फिल्मों की एक प्रसिद्ध अभिनेत्री थीं। महज 15 साल की उम्र से उन्होंने पर्दे पर धमाल मचाना शुरू कर दिया था। 1949 में तमिल भाषा में आई 'Vazhkai' उनकी पहली फिल्म थी। कहते हैं कि वह पहली साउथ इंडियन एक्ट्रेस थीं जो नेशनल स्टार बनीं थीं। उनके बाद ही साउथ के स्टार्स ने बॉलीवुड में पहली बार एंट्री लेनी शुरू की। एक नायाब डांसर होने के साथ वह स्टेज डांसर भी मानी जाती थीं। अपने डांस नंबर्स के कारण वैजयंती को 'ट्विंकल टोज' के नाम से भी जाना जाता है।
'हरे रामा हरे कृष्णा' से जीनत अमान को मिली थी बॉलीवुड में पहचान
जीनत अमान ने बॉलीवुड में एक से बढ़कर एक फिल्मों में काम किया। जीनत अमान का जन्म 19 नवंबर 1951 को मुंबई में हुआ था। जीनत का नाता फिल्मी दुनिया से ही था दरअसल उनके पिता अमानुल्लाह फिल्म इंडस्ट्री में स्क्रिप्ट राइटर के रूप में काम किया करते थे। उन्होंने'मुगल-ए-आजम' और 'पाकीजा' जैसी फिल्मों में भी सह लेखक के तौर पर कहानी लिखी थी ऐसे में जीनत के लिए सिनेमा में आना मुश्किल नहीं रहा। उनकी पहली फिल्म 1971 में आई 'हलचल' थी। लेकिन इसी बीच उन्हें 'हरे रामा हरे कृष्णा' में देवआनंद की बहन का रोल निभाने का मौका मिला जिसने उनके जीवन और करियर दोनों को हमेशा के लिए बदल और फैंस के बीच बसा दिया।
ऑल टाइम श्रेष्ठ अभिनेत्रियों में शुमार नरगिस दत्त
हिन्दी फिल्म अभिनेत्री नरगिस दत्त को बॉलीवुड की ऑल टाइम श्रेष्ठ अभिनेत्रियों में शुमार किया जाता है। नरगिस के बचपन का नाम फातिमा रशीद था। उनका जन्म कलकत्ता (अब कोलकाता) में एक जून 1929 को हुआ था। उनके पिता अब्दुल रशीद मूलतः पंजाबी हिन्दू थे। उन्होंने जद्दन बाई से शादी करने के लिए इस्लाम अपना लिया था। जद्दन बाई अपने समय की ख्यातिलब्ध गायिका थीं। जद्दन बाई ने हिन्दी फिल्मों में भी अपनी आवाज दी थी। जद्दन बाई ने ही अपनी बेटी नरगिस को फिल्मी करियर के लिए प्रेरित किया। नरगिस ने चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर 1935 में "तलाश-ए-हक़" फिल्म से अभिनय करियर शुरू किया। ननरिगस को करियर की शुरुआत में ही मोतीलाल और महबूब खान जैसे नामी हीरो और डायरेक्टरों के साथ काम करने का मौका मिला लेकिन उनकी अलग पहचान राज कपूर की फिल्मों से बनी। 1948 में आई राज कपूर और नरगिस की फिल्म आग ने हिन्दी सिनेमा को एक अमर जोड़ी दे दी।
महज चार साल की उम्र से बतौर बाल कलाकार फिल्मों में आ गईं थी श्री देवी
13 अगस्त 1963 को तमिलनाडु के शिवकाशी में जन्मी बॉलीवुड की पहली फीमेल सुपरस्टार अभिनेत्री श्रीदेवी की 24 फरवरी, 2018 को दुबई में हार्ट अटैक से मौत हो गई। उन्होंने महज चार साल की उम्र से बतौर बाल कलाकार फिल्मों में काम शुरू कर दिया था। उनकी पहली फिल्म कंधन करुणई (तमिल) थी। साल 1979 में श्रीदेवी ने फिल्म 'सोलहवां साल' से हिंदी फिल्मों में आईं। 80 के दशक में उन्होंने हिम्मतवाला, तोहफा, मिस्टर इंडिया, नगीना जैसी सुपरहिट फिल्में दे दीं। साल 1996 में उन्होंने फिल्म निर्माता बोनी कपूर से शादी की और साल 1997 में रिलीज हुई 'जुदाई' से फिल्मों से 15 साल के लिए संन्यास ले लिया। इस बीच उन्होंने दो बेटियों, जाह्नवी कपूर, खुशी कपूर को जन्म दिया। श्रीदेवी ने 15 सालों बाद फिर से वापसी की। साल 2012 में उन्होंने अवार्ड वीनिंग फिल्म 'इंग्लिश-विंगलिश' में जबर्दस्त अभिनय किया। साल 2017 में उन्होंने 'मॉम' में फिर से अपने चाहने वालों को जीत लिया। लेकिन यह उनकी आखिरी फिल्म बन गई। यह उनकी 300वीं फिल्म थी।
11वीं की पढ़ाई बीच में छोड़कर एक्टिंग की दुनिया में हेमा मालिनी ने रखे थे कदम
हेमा मालिनी का जन्म 16 अक्टूबर 1948 को फ़िल्म प्रोड्यूसर जया लक्ष्मी चक्रवर्ती और वीएसआर चक्रवर्ती के घर हुआ। हेमा मालिनी की शुरुआती पढ़ाई लिखाई चेन्नई (तब मद्रास) में हुई। 11वीं की पढ़ाई बीच में छोड़कर हेमा अभिनय की दुनिया में आ गईं। हेमा मालिनी ने 1961 में तमिल फिल्म इधु साथियम से एक्टिंग डेब्यू किया। हिन्दी सिनेमा में हेमा ने 1968 में आई फिल्म 'सपनों का सौदागर' से कदम रखा। इस फिल्म में उनके को-स्टार शोमैन राज कपूर थे। अपने पाँच दशक से ज्यादा लम्बे फिल्मी करियर में हेमा मालिनी ने शोले, सीता और गीता, तेरे मेरे सपने, राजा जानी, क्रांति, रजिया सुल्तान, सत्ते पर सत्ता जैसी हिट फिल्में दीं। हेमा मालिनी साल 2004 में आधिकारिक तौर पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हुईं। साल 2003 में बीजेपी ने उन्हें राज्यसभा सांसद मनोनित किया। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें मथुरा लोकसभा सीट से टिकट मिला। हेमा ने रालोद नेता जयंत चौधरी को एक लाख से ज्यादा वोटों से हराकर चुनाव जीता।
बॉलीवुड की डांसिंग दीवा के नाम से प्रसिद्ध माधुरी दीक्षित
माधुरी दीक्षित एक बेहतरीन एक्ट्रेस होने के साथ - साथ एक बेहद उम्दा क्लासिकल डांसर भी हैं । बॉलीवुड की डांसिंग दीवा के नाम से प्रसिद्ध माधुरी दीक्षित ने अपने पूरे कैरियर में बहुत सी बेहतरीन फिल्में की हैं। इनको अभिनय के लिए 4 बार फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री और एक बार फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का पुरस्कार दिया गया। इसके अलावा भारत सरकार ने " पद्मश्री " से भी सम्मानित किया है।