मुंबईः 90 के दशक के 'हीरो नंबर 1' के रूप में खुद को स्थापित करनेवाले गोविंदा को छोटे होने पर बड़े संघर्षों का सामना करना पड़ा था। उनके जन्म से पहले ही उनका परिवार कठिन समय का सामना कर रहा था। गोविंदा के पिता अरुण आहूजा ने एक फिल्म का निर्माण किया था जो बॉक्स ऑफिस पर विफल रही थी।
गोविंदा मंगलवार (21 दिसंबर) को अपना 58वां जन्मदिन मना रहे हैं। गोविंदा ने विरार की एक चॉल से बॉलीवुड के एक सच्चे सुपरस्टार तक का सफर तय किया। 58 साल के इस सफर में गोविंदा को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। एक समय ऐसा भी आया जब उनके पास घर का सामान खरीदने के लिए भी पैसे नहीं थे। तब उनकी मां और वे फूट-फूटकर रोए थे।
1997 में इंडिया टुडे के साथ एक साक्षात्कार में, गोविंदा ने बताया था कि एक समय में किराने का सामान भी खरीदने में सक्षम नहीं थे। और उनके बकाए को लेकर उनको अपमानित भी किया गया था। गोविंदा ने बताया था- “बनिया मुझे घंटों खड़ा करता था क्योंकि वह जानता था कि मैं सामान के लिए भुगतान नहीं करूंगा। एक बार मैंने दुकान पर जाने से मना कर दिया। मेरी मां रोने लगी और मैं उनके साथ रोने लगा।"
गोविंदा ने 1986 में लव 86 से बॉलीवुड में डेब्यू किया और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने इलजाम, आंखें, राजा बाबू, हीरो नंबर 1, बड़े मियां छोटे मियां और हसीना मान जाएगी जैसी हिट फिल्मों के साथ खुद को 80 और 90 के दशक के एक प्रमुख सितारे के रूप में स्थापित किया। उन्होंने अपनी कॉमिक टाइमिंग और डांस मूव्स के लिए प्रशंसा हासिल की।
गोविंदा कहते हैं कि मैं ऑस्कर जीतने का सपना देखता हूं तो लोग लोग हंसते हैं। वे कहते हैं, 'वह ठीक से अंग्रेजी भी नहीं बोल सकता, उसे ऑस्कर क्या मिलेगा?' लेकिन अगर कुछ नहीं से मैं गोविंदा बन सका, तो निश्चित रूप से गोविंदा से मैं कुछ बन सकता हूं।
गोविंदा आखिरी बार बड़े पर्दे पर रंगीला राजा में नजर आए थे। पिछले कुछ हफ्तों से वह म्यूजिक वीडियो लेकर आ रहे हैं। हाल ही में उन्होंने अपना पहला सिंगल- टिप टिप पानी बरसा रिलीज किया है। उनका तीसरा गाना हैलो जल्द ही रिलीज होनेवाला है।