सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद फिल्म इंडस्ट्री में इनसाइडर और आउटसाइड पर लगातार बहस हो रही है। कुछ लोग अपने अनुभवों को फैंस के साथ शेयर कर बॉलीवुड की सच्चाई बताने की कोशिश कर रहे हैं। एक्ट्रेस महिमा चौधरी ने भी डायरेक्टर सुभाष घई को लेकर कहा था कि फिल्म 'परदेस' के दौरान सुभाष घई ने उन्हें बुली किया था और उन पर काफी नजर रखा करते थे।
महिमा के इस आरोप पर अब सुभाष घई ने सफाई दी है। दैनिक भास्कर से बात करते हुए सुभाष घई ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। मैं यही कहना चाहूंगा कि मैं और महिमा आज भी अच्छे दोस्त हैं। उन्होंने कुछ साल पहले ही मेरी फिल्म कांची में बिना कोई पैसे लिए काम किया था। जहां तक सवाल है बुली का तो वो हमारे कॉन्ट्रैक्ट का हिस्सा था जो किसी भी नए कलाकार के लिए होता है।
महिमा को मेरे खिलाफ कुछ लोगों ने दिया था भड़का
सुभाष घई ने अपनी बात को आगे जारी रखते हुए कहा कि फिल्म 'परदेस' के बाद उन्हें मेरी कंपनी के साथ दो और फिल्में करनी थीं और जैसा कि बाकी बैनरों के साथ भी होता है कि अगर वो किसी न्यूकमर को लॉन्च करते हैं तो उसके साथ तीन फिल्मों का कॉन्ट्रैक्ट होता है। 'कॉन्ट्रैक्ट की शर्तों के तहत बस मैं उन्हें दूसरे बैनर की फिल्मों से दूर रहने की नसीहत दिया करता था। कुछ प्रोड्यूसर और ट्रेड एनालिस्ट ने महिमा को मेरे खिलाफ भड़का दिया जिस कारण हमारे बीच गलतफहमियां पैदा हो गई थी।
महिमा चौधरी ने लगाया है ये आरोप
बॉलीवुड हंगामा को एक इंटरव्यू में महिमा ने बताया, 'मुझे सुभाष घई ने तंग किया था। वह मुझे अदालत में भी ले गए और चाहते थे कि मैं अपना पहला शो रद्द कर दूं। यह काफी तनावपूर्ण था। उन्होंने सभी निर्माताओं को संदेश दिया कि किसी को भी मेरे साथ काम नहीं करना चाहिए! अगर आप 1998 या 1999 में छपी ट्रेड गाइड मैगज़ीन उठाकर देखेंगे तो तो एक विज्ञापन था जो उन्होंने दिया था जिसमें कहा गया था कि यदि कोई मेरे साथ काम करना चाहता है, तो उस व्यक्ति को उनसे संपर्क करना होगा। वरना ये अनुबंध का उल्लंघन होगा। हालांकि, ऐसा कोई अनुबंध नहीं था, जिसमें कहा गया था कि मुझे उनकी अनुमति लेनी होगी।'