अशोक कुमारः लॉ का वह छात्र जो फिल्मों में आया तो बॉक्स ऑफिस का पहला हिट अभिनेता बना, जानिए दादामुनि के बारे में
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 13, 2021 09:57 AM2021-10-13T09:57:13+5:302021-10-13T10:08:17+5:30
अशोक कुमार जयंतीः वह कानून के छात्र थे, लेकिन उन्हें न्यायपालिका में अपना करियर बनाने में कोई दिलचस्पी नहीं थी; क्योंकि वह हमेशा से फिल्म उद्योग में एक तकनीशियन के रूप में काम करना चाहते थे।
गुजरे जमाने के सुपरस्टार अशोक कुमार की आज जयंती है। भले ही फैंस और बॉलीवुड उनको अशोक कुमार के नाम से जानते हों लेकिन उनका असली नाम कुमुद कुमार गांगुली था। 10 दिसंबर को जब अशोक कुमार ने दुनिया को अलविदा कहा तो हर किसी ने कहा कि आज अभिनय का एक चमकता सितारा कहीं चला गया।
वह कानून के छात्र थे, लेकिन उन्हें न्यायपालिका में अपना करियर बनाने में कोई दिलचस्पी नहीं थी; क्योंकि वह हमेशा से फिल्म उद्योग में एक तकनीशियन के रूप में काम करना चाहते थे। फिल्म उद्योग में उनका पहला कार्यकाल बॉम्बे स्टूडियो में एक प्रयोगशाला सहायक के रूप में था जहां उन्होंने 5 साल तक काम किया। एक अभिनेता के रूप में उनकी पहली फिल्म जीवन नैया थी। वह संयोग से इस फिल्म में अभिनेता बन गए; कुछ कारणों से उन्होंने नज्म-उल-हसन (जो भूमिका के लिए पहली पसंद थे) की जगह ली। अपने शानदार गायन और करिश्माई प्रदर्शन के साथ, वह भारतीय फिल्म उद्योग के पहले ऐसे नायक बन गए, जिनकी फिल्म "किस्मत, 1943" ने बॉक्स ऑफिस पर एक करोड़ का आंकड़ा पार किया।
डायरेक्टर बनना था अशोक कुमार का सपना
कहते हैं अशोक कुमार ऐसे तो हमेशा बॉलीवुड के सपने देखते थे लेकिन एक अभिनेता के तौर पर नहीं। वह बॉलीवुड में एक्टर नहीं बल्कि फिल्म डायरेक्टर बनना चाहते थे। यही कारण था कि उन्होंने 1934 में मुंबई के न्यू थिएटर में बतौर लेबोरेटरी सहायक काम करना शुरू किया था। बाद में उनके बहनोई और दोस्त शशिधर मुखर्जी ने उन्हें अपने पास बॉम्बे टॉकीज स्टूडियो में काम करने के लिए बुलवा लिया था।
अशोक कुमार ने यूं की बॉलीवुड में शुरुआत
1936 में बॉम्बे टॉकीज स्टूडियो की फिल्म ‘जीवन नैया’ के हीरो बीमार हो जाने से हर कोई परेशान था कि आखिर अब कौन लीड रोल में काम करेगा।ऐसे में हिमांशु राय की नजर लैबोरेटरी सहायक अशोक कुमार जा कर हर गई फिर क्या था उन्होंने अशोक को फिल्म करने को कहा और वह मान गए बस यहीं से शुरू हुआ उनके करियर का आगाज।
अपनी पहली ही फिल्म में उन्होंने अभिनय के झंडे गाड़ दिए। इतना ही नहीं पहली बार हिंदी सिनेमा में एंटी हीरो किरदार का चलन भी उन्होंने ही शुरू किया था। जीवन नैया के बाद उन्होंने फिल्म अछूत कन्या थी। ये फिल्म पर्दे पर सुपरहिट हुई और अशोक के करियर को एक नया मुकाम मिला।
किशोर कुमार की मौत से लगा था सदमा
साल 1987 की बात है, अपने जन्मदिन की तैयारी में लगे अशोक कुमार को अपने छोटे भाई और मशहूर गायक किशोर कुमार के निधन की ख़बर मिली। अशोक के लिए यह खबर किसी सदमे से कम नहीं थी। किशोर उम्र में अशोक कुमार से 18 साल छोटे थे। एक तरह से किशोर को उन्होनें गोद में खिलाया था। उस दिन के बाद से उन्होंने अपना जन्मदिन मनाना छोड़ दिया था। वो अक्सर कहते थे कि मैं उस दिन खुश कैसे हो सकता हूं जिस दिन मेरा भाई चला गया।