Asha Bhosle Birthday Special: परिवार को सपोर्ट करने के लिए शुरू किया था गाना, आज संगीत के इतिहास में दर्ज हैं आशा भोषले के नाम कई रिकॉर्ड्स
By वैशाली कुमारी | Published: September 8, 2021 08:36 AM2021-09-08T08:36:44+5:302021-09-08T08:41:26+5:30
बॉलीवुड की मेलोडी क्वीन आशा भोसले 8 सितंबर को अपना जन्मदिन मनाती हैं। आशा ताई का जन्म साल 1933 को सांगली, महाराष्ट्र में हुआ था। आशा ताई की प्रोफेशनल लाइफ में जितने उतार चढ़ाव आए, निजी जिंदगी भी कुछ वैसी ही रही।

आशा भोसले
बॉलीवुड की मेलोडी क्वीन आशा भोसले 8 सितंबर को अपना जन्मदिन मनाती हैं। आशा ताई का जन्म साल 1933 को सांगली, महाराष्ट्र में हुआ था। आशा भोसले ने अपने बालीवुड करियर की शुरुआत वर्ष 1948 में रिलीज हुई फिल्म चुनरिया से की थी। हंसराज बहल के संगीत निर्देशन में उन्होंने 'सावन आया' गीत गाया था।बतादें कि आशा भोसले पहली ऐसी भारतीय सिंगर हैं जिन्हें ग्रैमी अवॉर्ड के लिए 2 बार नॉमिनेट किया गया था।
परिवार को सम्भालनें के लिए शुरू की थी सिंगिंग:
आशा जब सिर्फ नौ साल की थीं तब उनके पिता का देहांत हो गया था, जिस वजह से उन्होंने अपनी बहन लता मंगेशकर के साथ मिलकर परिवार के सपोर्ट के लिए सिंगिंग और एक्टिंग शुरू कर दी। आशा भोसले ने हिन्दी गाने सै पहले 1943 की मराठी फिल्म 'माझा बल' में पहला गीत 'चला चला नव बाला' गाया था। आशा भोसले को 'पॉप क्रूनर' और 'कैबरे सिंगर' का खिताब दिया गया था लेकिन उन्होंने 'उमराव जान' फिल्म में रेखा पर फिल्माई गई गजलों जैसे 'इन आंखों की मस्ती के', 'दिल चीज क्या है' को गाकर बता दिया कि वह इस तरह के गाने बखूबी गा सकतीं हैं।
शुरूआत में मिलते थे रिजेक्टेड गानें:
आशा भोसले को शुरूआती दौर में रिजेक्टेड गाने दिए जाते थे लेकिन वे उन गानों को भी अपनी आवाज से मशहूर कर देती थीं। दरअसल उस दौर में गीता दत्त, शमशाद बेगम और लता मंगेशकर का नाम ही सबसे ज्यादा बालीवुड में चलता था ऐसे में सभी बड़ी फिल्मों में इन्हीं के गाने लिए जाते थे। लेकिन बी आर चोपड़ा की 1957 में आई हुई फिल्म 'नया दौर' ने 'आशा भोसले' को एक नयी पहचान दिलाई।
गानें के साथ-साथ खाना बनाने की भी हैं शौकीन:
आशा भोसले ना केवल गीत गाने के लिए वक्त निकालती हैं बल्कि अपने शौकिया कारोबार को भी विस्तार दे रही हैं। उन्हें खाना बनाने का बहुत शौक है और दुबई में उन्होंने अपना रेस्टोरेंट भी खोला है।आपको बता दें कि गिनीज बुक के हिसाब से आशा भोसले ने सबसे अधिक गाने गाए हैं। भारत सरकार द्वारा आशा भोसले को दादा साहेब फाल्के और पद्म विभूषण पुरस्कार भी दिया गया है।