खिलाड़ी अक्षय कुमार ने भारतीय जवानों संग मनाई होली, अपने इस करतब से कर दिया सबको हैरान
By मेघना वर्मा | Published: March 19, 2019 03:21 PM2019-03-19T15:21:42+5:302019-03-19T15:21:42+5:30
अक्षय इस बार फिल्म केसरी के जरिए फैंस के रुबरु होने को तैयार हैं। ये फिल्म भारतीयों की शौर्यगाथा को पेश करती है। सारागढ़ी की गाथा के बारे में हम भारतियों ने थोड़ा बहुत सुना है लेकिन अब ये फिल्म हम सभी को पूरी असलियत से रुबरु करवाएगी।
अक्षय कुमार इन दिनों अपनी फिल्म केसरी के प्रमोशन में जुटे हुए हैं। 19 मार्च को खिलाड़ी कुमार देश की राजधानी दिल्ली में थे। इस मौके पर ना सिर्फ अक्षय कुमार ने अपने फिल्म का प्रचार किया बल्कि लाल किले भी गए। वहीं अक्षय कुमार ने देश के असली हीरो यानी जवानों के साथ भी खूब जश्न मनाया। होली से दो दिन पहले अक्षय ने जवानों के साथ अनोखे अंदाज में होली भी खेल डाली।
सोशल मीडिया पर अक्षय कुमार का ये वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। अक्षय इस वीडियो में जवानों के साथ क्रेजी वे में डांस करते हुए दिख रहे हैं। माथे पर गुलाल लगा कर अक्षय केसरी के ही पंजाबी गाने पर ठुमके लगाते दिख रहे हैं। वीडियो में अक्षय ने ब्लैक टीशर्ट और आर्मी पैंट पहन रखी हैं। वहीं उनके साथ परिणीति चोपड़ा भी दिखाई दे रही हैं।
जब सिर ऊपर करके चलने लगे अक्षय कुमार
अक्षय कुमार को बॉलीवुड का खिलाड़ी कुमार यूं ही नहीं बुलाते। वो अपने स्टंट और करतब से लोगों को अचम्भे में डाल देते हैं। ऐसा ही हुआ जब सभी आर्मी जवानों कि डिमांड पर अक्षय हाथ के बल पैर ऊपर हवा में करके चलने लगे। अक्षय के इस एक्ट को देखकर वहां खड़ा हर आदमी उनके लिए तालियां पीटने लगा। सिर्फ यही नहीं लोग तो ये भी कहते दिखे की 50 की उम्र में होने के बाद भी वो इतने फिट हैं।
अक्षय इस बार फिल्म केसरी के जरिए फैंस के रुबरु होने को तैयार हैं। ये फिल्म भारतीयों की शौर्यगाथा को पेश करती है। सारागढ़ी की गाथा के बारे में हम भारतियों ने थोड़ा बहुत सुना है लेकिन अब ये फिल्म हम सभी को पूरी असलियत से रुबरु करवाएगी। केसरी 21 मार्च को पर्दे पर रिलीज हो रही है। फिल्म की रिलीज से पहले हम आपको बताते हैं ये फिल्म क्यों खास है और इसमें सारागढ़ी की जंग को किस रूप में पेश किया गया है जो फैंस को थिएटर में ले जाने का काम करेगा-
सारागढ़ी की खास बातें
सारागढ़ी की लड़ाई को यूनेस्को ने दुनिया की 5 सबसे महान लड़ाइयों में एक मानी जाती है। इस युद्ध नें 21 सिखों ने दुश्मनों से युद्ध करके उनके छक्के छुड़ा दिए थे। ये युद्ध 21 सिख और 10,000 अफगानी कबिलाइयों के बीच हुआ था जो आज तक याद किया जाता है। जिस सारागढ़ी में 21 सिखों ने इतिहास रचा था वह आज भारत का हिस्सा नहीं है। कहते हैं कि हिदंकुश पर्वत माला पर स्थित एक छोटा सा गांव सारागढ़ी है। बटंवारे के बाद पाकिस्तान का हिस्सा बन गया है।