सोनू सूद का आउटसाइडर्स को सलाह: संघर्ष करने की हिम्मत लेकर फिल्म इंडस्ट्री में ले एंट्री, यहां चमत्कार नहीं होते
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: July 27, 2020 08:46 AM2020-07-27T08:46:23+5:302020-07-27T08:46:23+5:30
सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड के बाद फिल्म इंडस्ट्री में 'आउटरसाइडर्स-इनसाइडर्स' और 'नेपोटिज्म' की बहस तेज हो गई है। फिल्म इंडस्ट्री में काम करने वाला हर शख्स इस पर अपनी बात रख रहा है।
प्रवासी मजदूरों के लिए मसीहा बने सोनू सूद ने बॉलीवुड में जारी नेपोटिज्म और इनसाइडर-आउटसाइडर की बहस पर अपनी राय जाहिर की है। उन्होंने फिल्मों में हीरो बनने का सपना संजोए बॉलीवुड का रुख करने वाले कलाकारों को लाख टके की सलाह भी दी है। उन्होंने कहा कि स्टार किड्स को सबकुछ आसानी से मिल जाता है, लेकिन बाहरी कलाकारों को कुछ भी आसानी से नहीं मिलता।
सोनू ने अपनी बात को आगे जारी रखते हुए कहा कि अगर आपके पास स्टील की नसें हैं, तो ही आप यहां आएं। कोई चमत्कार होने की उम्मीद ना करें। आप अच्छे दिखते हैं या आपकी बॉडी अच्छी है, इसका मतलब यह नहीं है कि कोई प्रोडक्शन हाउस आपको बुलाएगा और अगली फिल्म में काम देगा। आपको हालातों से लड़ना आना चाहिए।
सुशांत सिंह की आत्महत्या ने तोड़े करोड़ों दिल
सोनू ने सुशांत सिंह राजपूत को मेहनती लड़का करार देते हुए एक इंटरव्यू में कहा, ''जब एक आउटसाइडर शहर में आता है और बड़ा काम करता है तो हमें बड़ा गर्व होता है। इससे हर न्यूकमर की उम्मीदें जागती हैं, लेकिन जब ऐसा कुछ (सुशांत की मौत) होता है तो हम सभी का दिल टूट जाता है।'' अपना अनुभव बताते हुए सोनू ने कहा, ''जब मैं यहां आया था, तो मेरे पास पहले से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री थी।
फिल्म पाने के लिए करना पड़ा था संघर्ष
मुझे लगता था कि लोग कुछ अलग करने के लिए मुझसे बात करेंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मुझे किसी ऑफिस में भी नहीं घुसने दिया जाता था। मैंने पहले 6-8 महीने में महसूस कर लिया था कि ये जर्नी कठिन होनी वाली है। जिस कलाकार ने सलमान खान से लेकर जैकी चैन के साथ किया उसे भी आउटसाइडर कहा जाता है। इसलिए इस इंडस्ट्री में आने वाले आउटसाइडर्स को मैं केवल इतना ही कह सकता हूं कि किसी चमत्कार की उम्मीद में यहां न आएं। आपको संघर्ष करना ही पड़ेगा।''