जमीला जमील, रिज़ अहमद गेट्स फाउंडेशन के अवार्ड फंक्शन में नहीं होंगे शामिल, पीएम मोदी को 'स्वच्छ भारत अभियान' के लिए मिलेगा सम्मान
By मेघना वर्मा | Published: September 17, 2019 01:17 PM2019-09-17T13:17:35+5:302019-09-17T13:17:35+5:30
नरेंद्र मोदी को ‘ग्लोबल गोलकीपर अवॉर्ड’ से सम्मानित किया जाएगा। यह अवॉर्ड किसी नेता द्वारा अपने देश में या वैश्विक स्तर पर वैश्विक लक्ष्य के लिए प्रभावी काम करने की दिशा में प्रतिबद्धता दिखाने के लिए दिया जाता है।
पीएम मोदी आज अपना 69वां जन्मदिन मना रहे हैं। पूरा देश उन्हें जन्मदिन की बधाई दे रहा है। आम जनता से बॉलीवुड सितारों तक उन्हें अपने अंदाज में बर्थडे विश कर रहे हैं। वहीं पीएम मोदी को जल्द ही बिल एंड मेलिंद गेट सेरेमनी (Bill and Melinda Gates Foundation ceremony) में स्वच्छ भारत अभियान के लिए सम्मानित किया जाना है। जिसमें दुनिया भर की कई नामचीन हस्तियां शामिल होंगी।
मगर अब खबर आ रही है कि इस सेरेमनी से ब्रिटिश एक्ट्रेस जमीला जमील और रिज अहमद ने आने से इनकार कर दिया है। हफ पोस्ट की खबर के मुताबिक फाउंडेशन ने यह बात सोमवार को खुद बताई है कि जमीला जमील और रिज अहमद अब इस शो का हिस्सा नहीं बनेंगे।
वहीं अपने ट्विटर अकाउंट पर जमीला ने कहा भी है कि उन्होंने कभी भी इस शो में आने के लिए कमिट नहीं किया था। पुलिस प्रोजेक्ट सुचारिता विजन के एक ट्वीट का जवाब देते हुए एक्ट्रेस ने यह बात कही थी। वहीं एक्टर अहमद ने अभी तक इस पर कोई भी कमेंट नहीं किया है। बताया जा रहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी अगले सप्ताह इस समारोह में शामिल हो सकते हैं।
वहीं जब से पीएम मोदी को यह सम्मान देने की बात कही गई है तभी से कई जगहों पर इसकी आलोचना भी शुरू हो गई है। कुछ ही दिनों पहले पोलिस प्रोजेक्ट के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर सुचारिता विजयन ने पुरस्कार की घोषणा के कुछ दिनों बाद जॉर्ज टाउन यूनिवर्सिटी में लॉ के सहायक प्रोफेसर अर्जुन सिंह सेठी के साथ मिलकर पुरस्कार वापस लेने की नींव रखी थी।
वाशिंगटन पोस्ट को दिए अपने एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि उनका मनना है पीएम मोदी के नेतृत्व में देश ने घृणा, अपराधों और भीड़ हिंसा को बढ़ावा मिला है। खासकर मुसलमानों के खिलाफ। शायद ही कभी अपराधियों को जवाबदेह ठहराया जाता हो।
उन्होंने आगे कहा कि मोदी के स्वच्छ भारत अभियान पर लोगों को कोई संदेह नहीं है लेकिन वो अपने जीवन के बाकी हिस्सों में हिंसा और उत्पीड़न से कैसे बच सकते हैं? मोदी को यह पुरस्कार दिया जाना उनकी नीतियों को वैधता प्रदान करेगा और उनके द्वारा निर्धारित नैतिकतावादी ताकतों को गले लगाएगा।
इसी विषय पर एक ऑनलाइन याचिका भी दायर की गई थी। जिसमें कश्मीर और असम NRC में प्रतिबंधों का हवाला दिया गया था। इस याचिका में कहा गया कि यह पुरस्कार अजीब समय पर आया है साथ ही गेट्स फाउंडेशन को अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के भी कहा गया था। याचिका में 100,000 से अधिक हस्ताक्षर किए गए हैं।
वहीं दक्षिण एशियाई लोगों के एक समूह द्वारा एक खुला पत्र लिखा गया। जिसमें भी मोदी को सम्मान दिए जाने पर सवाल खड़ा किया गया था। इस लेटर में पुरस्कार वापस लेने का आग्रह करते हुए कहा, "गेट्स फाउंडेशन के वैश्विक प्रभाव और कमजोर समुदायों की जरूरतों पर प्रभाव को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। अगर पीएम मोदी को यह सम्मान मिला तो इससे ऐसा संदेश जाएगा कि भारत में कश्मीरियों, मुस्लिमों, सिखों, दलितों, ईसाइयों और अन्य के जीवन का मूल्य कम है।''
वहीं हफपोस्ट को दिए बयान में गेट्स फाउंडेशन अपने इस निर्णय के साथ खड़ा दिखाई दिया। उसने कहा कि वह पीएम मोदी को सम्मान इसलिए दे रहे हैं क्योंकि उन्होंने भारत को सैनिटेशन और उसकी प्रगति के लिए यह अभियान शुरू किया था।