ब्लॉग: एक-दूसरे के पूरक हैं मनुष्य और पशु
By योगेश कुमार गोयल | Published: October 4, 2023 10:06 AM2023-10-04T10:06:49+5:302023-10-04T10:40:18+5:30
विश्व में 4 अक्टूबर को विश्व पशु कल्याण दिवस मनाया जा रहा है। यह दिवस पशुओं के अधिकारों के लिए यह एक वैश्विक पहल है, जिसका प्रमुख उद्देश्य पशु कल्याण के लिए बेहतर मानक सुनिश्चित करना है।
पशुओं के कल्याण मानकों में सुधार को लेकर दुनियाभर में लोगों में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से हर साल 4 अक्तूबर को ‘विश्व पशु कल्याण दिवस’ मनाया जाता है। पशुओं के अधिकारों के लिए यह एक वैश्विक पहल है, जिसका प्रमुख उद्देश्य पशु कल्याण के लिए बेहतर मानक सुनिश्चित करना है। विश्व पशु दिवस पहली बार सिनोलॉजिस्ट हेनरिक जिमर्मन की पहल पर जर्मनी के बर्लिन में 24 मार्च 1925 को पशु कल्याण के बारे में जागरूकता फैलाने के मकसद से मनाया गया था और उस कार्यक्रम में पांच हजार से भी ज्यादा लोगों ने भाग लेते हुए इसे समर्थन दिया था।
पशुओं की लुप्तप्राय प्रजातियों की दुर्दशा को उजागर करने के लिए इटली के फ्लोरेंस में 1931 में आयोजित पारिस्थितिकीविदों के एक सम्मेलन में विश्व पशु दिवस की शुरुआत की गई थी और तब असीसी के सेंट फ्रांसिस के पर्व के कारण यह दिवस मनाने के लिए हर साल 4 अक्तूबर को ही चुना गया था।
2003 में पहली विश्व पशु दिवस वेबसाइट यूके स्थित पशु कल्याण चैरिटी ‘नेचर वॉच फाउंडेशन’ द्वारा लॉन्च की गई थी। इस दिन को ‘पशु प्रेमी दिवस’ के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह पशु अधिकारों को बढ़ावा देने वाले व्यक्तियों एवं संगठनों का समर्थन करके जानवरों के प्रति प्यार, देखभाल, स्नेह और सुरक्षा को प्रोत्साहित करता है।
विश्व पशु दिवस विश्वभर में कल्याण मानकों के मिशन के साथ जानवरों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए एक ऐसा सामाजिक आंदोलन है, जो हर साल एक निर्धारित थीम के साथ मनाया जाता है। इस साल दिवस का विषय है ‘ग्रेट ऑर स्मॉल, लव दैम ऑल’ यानी पशु चाहे छोटे हों या बड़े, हम उन सभी से प्यार करें।
2022 में यह दिवस ‘ए शेयर्ड प्लेनेट’ थीम के साथ मनाया गया था, जिसके माध्यम से दुनियाभर में लोगों को यह संदेश दिया गया था कि यह दुनिया प्रत्येक जीवित प्राणी की है, न कि केवल इंसानों की। वास्तव में यह दिन विश्वभर में लोगों को न केवल पशुओं की विलुप्तप्राय प्रजातियों के बारे में अवगत कराता है बल्कि यह भी बताता है कि कैसे उनका संरक्षण किया जाए। भारत में करीब 70 फीसदी आबादी कृषि और कृषि संबंधी व्यवसायों पर निर्भर है।