US Deports Indians: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के आदेश स्वरूप अमेरिका द्वारा अवैध भारतीय प्रवासियों को स्वदेश वापस भेजे गए ऐसे प्रवासी भारतीयों का पहला जत्था भारत तो आ गया है, लेकिन जिस तरह से इन भारतीयों को एक सैन्य विमान में भरकर अमानवीय तरीके से भारत भेजा गया उससे प्रतिपक्ष सहित समाज के एक बड़े वर्ग ने रोष जताया है. उनका कहना है कि जिस तरह से इन भारतीयों को, जिसमें महिलाएं और बच्चे शामिल हैं, ‘बंदियों’ की तरह से सैन्य विमान में भर कर भारत भेजा गया, वह निहायत ही अमानवीय तरीका है.
दरअसल यह कार्रवाई ट्रम्प के उस चुनावी वादे के संदर्भ में की गई है, जिसमें उन्होंने गैरकानूनी ढंग से अमेरिका में एक करोड़ से अधिक अवैध प्रवासियों के रहने के दावे किए थे और उन्हें वापस उनके देश भेजे जाने को अपनी पहली प्राथमिकता बताया था ताकि अमेरिकियों को अपने देश में रोजगार मिल सके.
राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण करते ही गत 20 जनवरी के बाद उन्होंने इसे अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया. हालांकि अमेरिका में मौजूद अवैध प्रवासियों में भारत की हिस्सेदारी बमुश्किल तीन प्रतिशत बताई जाती है और इसकी तुलना में अमेरिका के पड़ोसी देश, मैक्सिको या लातिन अमेरिका से बड़ी संख्या में लोग गैरकानूनी रूप से अमेरिका जाते हैं.
अमेरिका ने इस श्रेणी में 18000 भारतीयों को चिन्हित किया है, जिसके तहत 100 से अधिक भारतीयों का पहला जत्था कल भारत पहुंचा. हालांकि अपुष्ट आंकड़ों के अनुसार अमेरिका में लगभग 7.25 लाख भारतीय अवैध तरीके से रहते हैं. इनमें बड़ी तादाद में वहां कार्यरत आईटी प्रोफेशनल शामिल हैं जिनका कहना है कि वर्क वीजा समाप्त जरूर हुआ लेकिन वे उसके नवीकरण का प्रयास कर रहे हैं.
वैसे देखा जाए तो ऐसे भारतीयों का अमेरिका के आर्थिक तकनीकी विकास में खासा योगदान है, जिसके चलते वहां अनेक राज्यों और प्रबुद्ध वर्गों ने ट्रम्प के इस फैसले का विरोध भी किया है. यह सही है कि किसी भी देश को पूरी जांच के बाद दस्तावेज अपुष्ट पाए जाने पर अवैध प्रवासियों को स्वदेश भेजने का अधिकार है लेकिन यह वापसी मानवीय ढंग से होनी चाहिए.
अवैध आव्रजन पर रोक लगाने पर भारत का रवैया भी स्पष्ट है, क्योंकि अवैध प्रवासन भारत में भी एक गंभीर मसला है और भारत का मानना है कि इससे संगठित अपराध को मदद मिलती है. यही कारण है कि साल 2023 में जब अवैध प्रवासन का मसला राज्यसभा में उठा, तब यह कहा गया कि कई देश अपने यहां मौजूद अवैध प्रवासी भारतीयों की संख्या तब तक नहीं बताते, जब तक कि उनको निर्वासित नहीं किया जाता, लेकिन इसकी जानकारी भी दी गई कि देश में 30 अक्तूबर, 2023 तक 2,925 ऐसे एजेंटों की पहचान कर ली गई थी, जो गलत तरीके से भारतीयों को विदेश भेजते हैं.
अगले सप्ताह प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका यात्रा पर जाएंगे जहा ट्रम्प से मुलाकात के दौरान प्रवासी भारतीयों के मुद्दे पर भी चर्चा करेंगे. पीएम की यात्रा से ठीक पहले ट्रम्प प्रशासन द्वारा इस कदम की शुरुआत करना, वो भी उन्हें सैन्य विमान से अमानवीय तरीके से भारत वापस भेजा जाना सवालों के घेरे में तो है ही, लेकिन उम्मीद की जानी चाहिए कि इस मसले पर दोनों देशों के बीच आपसी सहमति से मुद्दे को हल कर लिया जाएगा.