वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: ट्रंप का अजीबोगरीब रुख
By वेद प्रताप वैदिक | Published: September 25, 2019 06:58 AM2019-09-25T06:58:17+5:302019-09-25T06:58:17+5:30
ट्रम्प के इस तेवर का साफ-साफ विरोध इमरान खान ने ‘कौंसिल ऑफ फॉरेन रिलेशंस’ (न्यूयॉर्क) के अपने भाषण में कर दिया. इमरान को ट्रम्प का रवैया इतना अजीब लगा है कि उन्होंने यहां तक कह डाला कि (ट्रम्प को क्या पता नहीं है कि) ‘इस्लाम क्या है. वह नरम या गरम नहीं है’.
ह्यूस्टन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की संयुक्त सभा ने जो जलवा पैदा किया है, उससे सभी हतप्रभ हैं. अंतर्राष्ट्रीय राजनीति का विद्यार्थी होने के नाते मैं रविवार को जिस अदृश्य तथ्य को समझ रहा था और जिसके बारे में पहले भी लिख चुका हूं, अब वही होने जा रहा है. दो देशों के नेता परस्पर कैसा भी व्यवहार करें लेकिन उन दोनों देशों के संबंधों का निर्धारण उनके राष्ट्रहित ही करते हैं. ट्रम्प ने ह्यूस्टन में मोदी और भारत के लिए तारीफों के पुल बांध दिए, लेकिन क्या यही उन्होंने इमरान खान के साथ नहीं किया? जब इमरान उनसे न्यूयॉर्क में मिले तो उनकी हर अदा ऐसी थी, जैसे कि वे भारत और पाकिस्तान में कोई फर्क ही नहीं करते. ट्रम्प ने मोदी और इमरान दोनों को महान बताकर भारत-पाक के बीच मध्यस्थता करने का राग दुबारा अलाप दिया. इतना ही नहीं, उन्होंने ह्यूस्टन में मोदी के भाषण को काफी ‘आक्रामक’ बता दिया.
यह तो उन्होंने पत्नकारों को बताया लेकिन पत्नकारों को जो पता नहीं है यानी इमरान को उन्होंने पता नहीं क्या-क्या उल्टा-सीधा घुमाया होगा जबकि ह्यूस्टन में मोदी ने पाकिस्तान के खिलाफ किसी आक्रामक शब्द का इस्तेमाल तो किया ही नहीं, घुमाफिराकर उसका नाम लिए बिना उसकी कुछ आक्रामक प्रवृत्तियों का और उसकी मुश्किलों का जिक्र किया. जबकि खुद ट्रम्प ने ‘इस्लामिक टेररिज्म’ शब्द का इस्तेमाल किया, यानी तालियां बजवाने के खातिर ट्रम्प कुछ भी बोल सकते हैं.
ट्रम्प के इस तेवर का साफ-साफ विरोध इमरान खान ने ‘कौंसिल ऑफ फॉरेन रिलेशंस’ (न्यूयॉर्क) के अपने भाषण में कर दिया. इमरान को ट्रम्प का रवैया इतना अजीब लगा है कि उन्होंने यहां तक कह डाला कि (ट्रम्प को क्या पता नहीं है कि) ‘इस्लाम क्या है. वह नरम या गरम नहीं है’. जब ट्रम्प और इमरान संयुक्त राष्ट्र भवन में पत्नकारों के साथ खड़े थे तो ट्रम्प से जब पत्नकारों ने पूछा कि आतंकवाद के हिसाब से क्या पाकिस्तान सबसे खतरनाक देश नहीं है, तो उन्होंने झट से ईरान का नाम ले दिया. वे भारत और पाकिस्तान दोनों को खुश करने में लगे हुए हैं. देखना यह है कि वे भारत-अमेरिका व्यापार के उलझे हुए सवालों पर क्या रवैया अपनाते हैं.