अवधेश कुमार का ब्लॉग: पाक का मिसाइल परीक्षण जंग का माहौल बनाने की नाकाम कोशिश

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 1, 2019 07:11 AM2019-09-01T07:11:04+5:302019-09-01T07:11:04+5:30

पाकिस्तान की सिविल एविएशन अथॉरिटी ने ‘नोटिस टु एयरमैन’ जारी करके बंदरगाहों को भी सतर्क रहने की सलाह दी थी. पाकिस्तान सरकार ने कहा था कि वह भारतीय उड़ानों के लिए देश के विमानन क्षेत्न के इस्तेमाल पर पूर्ण पाबंदी लगाने पर विचार कर रही है.

Pakistan's missile test failed to create an atmosphere of war | अवधेश कुमार का ब्लॉग: पाक का मिसाइल परीक्षण जंग का माहौल बनाने की नाकाम कोशिश

पाक का मिसाइल परीक्षण जंग का माहौल बनाने की नाकाम कोशिश

पाकिस्तान द्वारा सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल गजनवी का सफलतापूर्वक परीक्षण कर देने के ऐलान पर किसी को हैरत नहीं होनी चाहिए. पाकिस्तान अपनी रणनीति के तहत इसे अवश्य एक बड़ी घटना मान रहा हो, पर दुनिया ने इसका संज्ञान तक नहीं लिया.

भारत ने जिस तरह पहले से पाकिस्तान के जंग-जंग के राग तथा नाभिकीय युद्ध के खतरे को नजरअंदाज किया वैसे ही इस परीक्षण को भी. ध्यान रखने की बात है कि कश्मीर मुद्दे पर छटपटाते पाकिस्तान ने धमकी दी थी कि वह युद्ध की तैयारी करने की दृष्टि से बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण करेगा. पाकिस्तान के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने 28 अगस्त को कराची हवाई अड्डे की सभी अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के 3 मार्गो को बंद कर दिया था.

पाकिस्तान की सिविल एविएशन अथॉरिटी ने ‘नोटिस टु एयरमैन’ जारी करके बंदरगाहों को भी सतर्क रहने की सलाह दी थी. पाकिस्तान सरकार ने कहा था कि वह भारतीय उड़ानों के लिए देश के विमानन क्षेत्न के इस्तेमाल पर पूर्ण पाबंदी लगाने पर विचार कर रही है. पायलटों को कराची को पार करने के लिए वैकल्पिक मार्ग का इस्तेमाल करने की सूचना भी पाक ने जारी की थी.

प्राधिकरण ने ‘नोटिस टु एयरमैन’ में कहा है कि यह चार दिवसीय पाबंदी एक सितंबर को खत्म होगी. इनसे यह साफ हो गया था कि पाकिस्तान कराची के पास अपने टेस्ट रेंज से मिसाइल का परीक्षण करने वाला है. कहने का तात्पर्य यह कि पाकिस्तान पर नजर रखने वालों के लिए यह अपेक्षित था.


सामान्यत: किसी भी देश को मान्य अंतर्राष्ट्रीय नियमों का पालन करते हुए मिसाइल परीक्षण करने का अधिकार है. किंतु इसमें समय और उस देश के वक्तव्यों को भी देखना होता है. इससे स्पष्ट होता है कि आखिर उसके परीक्षण का उद्देश्य क्या था. यह जानना जरूरी है कि पाकिस्तान ने जिस बैलिस्टिक मिसाइल गजनवी का परीक्षण किया है वह सतह से सतह पर मार करने वाली है जो  290 किमी की दूरी तक का लक्ष्य भेदने में सक्षम है. यानी यह मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है. इसे गजनवी के साथ हत्फ-3 मिसाइल के नाम से जाना जाता है.

पाकिस्तान के पास पहले से ही सतह से सतह पर 290 से 320 किमी तक की दूरी तक मार करने में सक्षम  मिसाइल है. यह मिसाइल 700 किलोग्राम विस्फोटक के साथ नाभिकीय हथियार ले जाने में सक्षम है. ऐसे में समझ से परे है कि पाकिस्तान ने फिर से 300 किमी रेंज की ही गजनवी मिसाइल का परीक्षण क्यों किया?  


चीन ने एम-11 मिसाइल वर्ष 1987 में पाकिस्तान को दी थी, जिसकी तकनीक का इस्तेमाल करके पाकिस्तान ने गजनवी मिसाइल का निर्माण किया. इसका पहला वर्जन 2004 से ही पाकिस्तानी सेना के पास है. कई परीक्षण से गुजरने के बाद 2007 में इसे घोषित तौर पर पाकिस्तानी सेना में शामिल किया गया.  पाकिस्तान के पास 130 से 140 परमाणु हथियार होने का अनुमान है. गजनवी के अलावा पाकिस्तान के पास शाहीन और गौरी जैसी लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलें हैं.


मिसाइलों के मामले में पाकिस्तान हमारे पास कहीं नहीं ठहरता है. यह उसे भी पता है और दुनिया के प्रमुख देशों को भी. इमरान खान सेना के निर्देश पर काम करते हैं यह बताने की आवश्यकता नहीं. वहां सेना की प्रतिष्ठा 2016 के सर्जिकल स्ट्राइक तथा 26 फरवरी को भारत द्वारा आतंकवादी ठिकानों पर हवाई बमबारी से काफी गिर चुकी है. मिसाइल का परीक्षण उसके निर्देश पर ही हुआ है. आगे भी जो होगा सेना की चाहत के अनुसार ही होगा. मिसाइल परीक्षण का माहौल जब खत्म होगा तब ये क्या करेंगे? उनको कुछ न कुछ करते रहना है ताकि जंग का वातावरण बना रहे. किंतु इससे वह खोएगा ही, पाएगा कुछ नहीं.

Web Title: Pakistan's missile test failed to create an atmosphere of war

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