Pakistani terrorists: पाकिस्तानी आतंकियों पर शिकंजा कसने के नए कदमों के संकेत

By आलोक मेहता | Updated: February 22, 2025 05:56 IST2025-02-22T05:56:20+5:302025-02-22T05:56:20+5:30

Pakistani terrorists: पिछले साल नवंबर में उसने इस पर पुनर्विचार याचिका दायर की थी. इस याचिका को भी सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने खारिज कर दिया है.

Pakistani terrorists Indications new steps tighten noose blog Alok Mehta Tahawwur Rana 26-11 terrorist | Pakistani terrorists: पाकिस्तानी आतंकियों पर शिकंजा कसने के नए कदमों के संकेत

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Highlightsअमेरिकी अदालत ने तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित करने की अनुमति भी दे दी थी. पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने मुंबई पर हमले की साजिश रची थी. संगठन के प्रमुख हाफिज सईद को पाकिस्तान से प्रत्यर्पित करने की मांग करता रहा है.

Pakistani terrorists: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाॅशिंगटन यात्रा के दौरान पाकिस्तान सीमा से आतंकी हमलों के विरुद्ध संयुक्त प्रयास का संकल्प और आतंकियों के प्रत्यर्पण की घोषणा पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने  प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान किया है कि 26 नवंबर 2008 को मुंबई पर हुए हमलों के साजिशकर्ता तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित किया जाएगा. आतंकवादी हमले से जुड़े राणा को भारत में न्याय का सामना करना होगा. भारत कई वर्षों से राणा के प्रत्यर्पण की मांग करता रहा है. एक बार तो अमेरिकी अदालत ने तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित करने की अनुमति भी दे दी थी. लेकिन पिछले साल नवंबर में उसने इस पर पुनर्विचार याचिका दायर की थी. इस याचिका को भी सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने खारिज कर दिया है.

पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने मुंबई पर हमले की साजिश रची थी. भारत, इस संगठन के प्रमुख हाफिज सईद को पाकिस्तान से प्रत्यर्पित करने की मांग करता रहा है. अमेरिका से राणा तथा अन्य आरोपियों की वापसी के साथ कनाडा और पाकिस्तान पर दबाव बढ़ सकता है.आतंकी साजिशकर्ता राणा पर भारत में कानूनी कार्रवाई  चलने और पूछताछ से  न केवल पाकिस्तान बल्कि अन्य देशों से संपर्क और फंडिंग से आतंकी गतिविधियों को सहायता करने वालों का भंडाफोड़ हो सकता है. राणा और उसके साथी हेडली ने छद्म नामों, कंपनियों का सहयोग लेकर आतंकी गतिविधियों का इंतजाम किया था.

भारतीय एजेंसियों की ओर से पाकिस्तानी-अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली के खिलाफ जांच में एक नाम बार-बार आ रहा था, और वो नाम था तहव्वुर हुसैन राणा का. शिकागो में कड़ी सुरक्षा के बीच चार हफ्ते तक चले मुकदमे के दौरान राणा के बारे में कई जानकारियां सामने आई थीं. इस मुकदमे की सबसे अहम बात ये रही कि हेडली तहव्वुर राणा के खिलाफ सरकारी गवाह बन गया.

तहव्वुर हुसैन राणा का जन्म पाकिस्तान में हुआ और वहीं परवरिश हुई. मेडिकल डिग्री हासिल करने के बाद वो पाकिस्तानी सेना की मेडिकल कोर में शामिल हो गया था. राणा की पत्नी भी डॉक्टर थी. 1997 में दोनों पति-पत्नी कनाडा चले गए और 2001 में कनाडा के नागरिक बन गए.

साल 2009 में अपनी गिरफ्तारी से कुछ साल पहले राणा ने अमेरिका के शिकागो में एक इमिग्रेशन और ट्रैवल एजेंसी खोली. शिकागो में डेविड कोलमैन हेडली के साथ उसकी पुरानी दोस्ती फिर से शुरू हो गई थी. हेडली ने जब मुंबई पर हमले की तैयारी शुरू की तो वे 2006 से 2008 के बीच कई बार मुंबई आए.

बार-बार भारत आने पर किसी को शक न हो इससे बचने के लिए हेडली ने राणा की ट्रैवल एजेंसी की एक शाखा मुंबई में खोली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार अमेरिका वार्ता में भी अवैध घुसपैठ के लिए सहायक लोगों और ट्रैवल एजेंसियों पर कड़ी नजर व कार्रवाई पर जोर दिया. डेविड कोलमैन हेडली को  अमेरिका की एक जेल में 35 साल के लिए बंद रखा गया है, जबकि राणा लॉस एंजिल्स की जेल में है और उसे भारत में तिहाड़ जेल में रखने की तैयारियां हो रही हैं.

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