मलेशिया में नस्लभेद का शिकार होते प्रवासी भारतीय

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: June 22, 2018 01:33 AM2018-06-22T01:33:31+5:302018-06-22T01:33:31+5:30

मलेशिया में फिर भी एक तरह की शांति थी जब डाक्टर महातिर मोहम्मद वर्षो तक इसके प्रधानमंत्री रहे। परंतु जब वे सत्ता से हट गए और उनकी जगह नजीब रजाक देश के प्रधानमंत्री हुए तब उन्होंने अनेक गलत नियम लागू कर भारतीय मूल के लोगों और चीनी मूल के लोगों पर अत्याचार करना शुरू कर दिया।

nri are becoming victims of racism in Malaysia | मलेशिया में नस्लभेद का शिकार होते प्रवासी भारतीय

मलेशिया में नस्लभेद का शिकार होते प्रवासी भारतीय

गौरीशंकर राजहंस

मलेशिया भारत का पड़ोसी देश है। अंग्रेज बड़े उद्यमी थे। प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्व के बीच संसार में रबड़ की बहुत मांग थी। अंग्रेजों ने मलय देश के जंगलों में घूम घूमकर देखा कि वहां रबड़ की खेती बहुत बड़े पैमाने पर हो सकती है। इसके लिए वे दक्षिण भारत से जहाजों में भरकर भारतीय मूल के लोगों को मलय देश ले गए। पहले मलय देश दो भागों में विभक्त था, मलेशिया और सिंगापुर। 50 के दशक में मलेशिया, सिंगापुर से अलग हो गया और वहीं से उसके बुरे दिन शुरू हो गए। सिंगापुर में जो भारतीय मूल के लेाग थे, वे धीरे धीरे बहुत संपन्न हो गए और सरकार में ऊंचे-ऊंचे पदों पर पहुंच गए, परंतु मलेशिया की हालत दिनोंदिन खराब होती गई। 

मलेशिया में फिर भी एक तरह की शांति थी जब डाक्टर महातिर मोहम्मद वर्षो तक इसके प्रधानमंत्री रहे। परंतु जब वे सत्ता से हट गए और उनकी जगह नजीब रजाक देश के प्रधानमंत्री हुए तब उन्होंने अनेक गलत नियम लागू कर भारतीय मूल के लोगों और चीनी मूल के लोगों पर अत्याचार करना शुरू कर दिया। मलेशिया के मूल निवासी भूमिपुत्र कहलाते हैं। रजाक जब सत्ता में आए तब उन्होंने  न्यू इकोनॉमिक पॉलिसी नाम का एक कानून बनाया जिसके अनुसार यह कहा गया कि देश के हर क्षेत्र में भूमिपुत्रों को तरजीह दी जाएगी और भारतीय तथा चीनी मूल के लोग देश में द्वितीय दर्जे के नागरिक होकर रहेंगे। 

देश में नजीब रजाक के खिलाफ रोष बहुत बढ़ गया तो लोगों ने महातिर मोहम्मद से अनुरोध किया कि वे नई पार्टी बनाकर रजाक को पदच्युत करें। लोगों के आग्रह पर 92 वर्षीय महातिर मोहम्मद ने नई पार्टी बनाई और आम चुनाव में रजाक की पार्टी को धूल चटा दी। चुनाव के समय महातिर ने वादा किया था कि यदि वे सत्ता में आएंगे तो भारतीय मूल के लोगों के साथ कोई नस्ली भेदभाव नहीं होगा। हाल ही में जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  आसियान देशों की यात्र के लिए मलेशिया गए थे तो उन्होंने महातिर मोहम्मद को ढेर सारी बधाई दी थी और कहा था कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि अब मलेशिया में नया सवेरा आएगा और भारतीय मूल के लोग मलेशिया में सुरक्षित रहेंगे। 

 कुल मिलाकर स्थिति यह है कि भारतीय मूल के लोगों ने महातिर से बहुत उम्मीदें पाल रखी हैं। देखना यह होगा कि चुनाव के दौरान उन्होंने भारतीय मूल के लोगों से जो बराबरी का वायदा किया था, उसे वे पूरा कर पाते हैं या नहीं।

Web Title: nri are becoming victims of racism in Malaysia

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