ब्लॉग: भारतवंशियों का बज रहा अमेरिका में डंका, बाइडेन प्रशासन के 'बड़े दिल' की भी होनी चाहिए तारीफ

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: August 26, 2022 15:07 IST2022-08-26T14:56:26+5:302022-08-26T15:07:53+5:30

लोकतांत्रिक मूल्य और परंपराओं के लिए भारत और अमेरिका-दोनों देश प्रतिबद्ध हैं. एक दूसरे की प्रतिभाओं को समुचित स्थान और सम्मान दिए जाने से आपसी संबंध तो मजबूत होंगे ही,इन परंपराओं का महत्व भी और बढ़ेगा.

Indian diaspora and their role in America increasing, Joe Biden administration should also be praised for it | ब्लॉग: भारतवंशियों का बज रहा अमेरिका में डंका, बाइडेन प्रशासन के 'बड़े दिल' की भी होनी चाहिए तारीफ

ब्लॉग: भारतवंशियों का बज रहा अमेरिका में डंका, बाइडेन प्रशासन के 'बड़े दिल' की भी होनी चाहिए तारीफ

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का रुतबा बढ़ा है और यह अब कमजोर देश नहीं रह गया है. भारत का कद, देश की प्रतिष्ठा लगातार बढ़ रही है. व्हाइट हाउस हो या बाइडेन का ओवल ऑफिस, हर जगह भारतवंशियों की मौजूदगी दिख जाएगी. भारतीय मूल के अमेरिकी लोग अमेरिका में छाए हुए हैं. अमेरिका में भारतीयों के हुनर का जलवा लगातार देखने को मिल रहा है. 

इन दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन में अब तक 130 से अधिक भारतवंशियों को प्रमुख पदों पर नियुक्त किया गया है. यह भारतीय समुदाय का सबसे अच्छा प्रतिनिधित्व है, जो अमेरिकी आबादी का लगभग एक प्रतिशत है. इस बारे में इंडियास्पोरा के संस्थापक सिलिकाॅन वैली निवासी उद्यमी समाजसेवी व वेंचर कैपलिस्ट एमआर रंगास्वामी कहते हैं कि भारतीय-अमेरिकियों में सेवाभाव भरा हुआ है जो अमेरिका में सार्वजनिक सेवाओं के साथ निजी क्षेत्र में उनकी मौजूदगी से परिलक्षित होता है. 

बाइडेन प्रशासन से इतर गूगल के सुंदर पिचाई, माइक्रोसाफ्ट के सत्या नडेला आदि के रूप में दो दर्जन से अधिक अमेरिकी कंपनियों में भारतवंशियों का डंका बज रहा है. राष्ट्रपति बाइडेन 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के समय जो वायदा किया था, वह निभाया है. उन्होंने इतनी बड़ी संख्या में भारतीयों को अपने प्रशासन में शामिल करके सभी राष्ट्रपतियों के रिकार्ड भी तोड़ दिए हैं. उनके पूर्ववर्ती राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 80 से अधिक तो बराक ओबामा प्रशासन ने अपने आठ साल के कार्यकाल में 60 से अधिक भारतवंशियों को प्रमुख पदों पर नियुक्त किया था. 

राष्ट्रपति की ओर से प्रशासन में पहली बार भारतवंशियों की नियुक्तियां रोनाल्ड रीगन के समय हुई थीं. और इस समय बाइडेन प्रशासन में लगभग सभी विभागों और एजेंसियों में भारतवंशियों की बड़ी संख्या में नियुक्तियां उसी का सुपरिणाम है. अमेरिकी उपराष्ट्रपति के रूप में कमला हैरिस का चुनाव करके उन्होंने इतिहास ही रच दिया. वहीं, अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में डॉ. एमी बेरा, रो खन्ना, राजा कृष्णमूर्ति और प्रमिला जयपाल के रूप में चार भारतवंशी मौजूद हैं. 

जाहिर है, भारत में तेजी से हो रही प्रगति और औद्योगिक विकास के चलते विदेशों मे रहने वाले हिंदुस्तानियों के प्रति लोगों का रवैया सकारात्मक हुआ है. अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत द्वारा कही गई बात को गंभीरता से लिया जा रहा है. आज जब भारत किसी भी वैश्विक मंच पर बोलता है, तो पूरी दुनिया सुनती है, सराहती है. अंतरराष्ट्रीय रुतबे की बात करें तो हाल ही में हेनले पासपोर्ट इंडेक्स में भारतीय पासपोर्ट 7 पायदान चढ़कर 83वें स्थान पर पहुंच गया है. 

लोकतांत्रिक मूल्य और परंपराओं के लिए भारत और अमेरिका-दोनों देश प्रतिबद्ध हैं. एक दूसरे की प्रतिभाओं को समुचित स्थान और सम्मान दिए जाने से आपसी संबंध तो मजबूत होंगे ही,इन परंपराओं का महत्व भी और बढ़ेगा. गौरतलब है कि भारत-अमेरिका संबंध केवल राजनयिक नहीं, तो पारिवारिक भी हैं. अमेरिका में 40 लाख भारतीय-अमेरिकी परिवार हैं, जो संयुक्त राज्य को हर दिन मजबूत बनाते हैं. 

इसका मतलब यह भी है कि 40 लाख से अधिक भारतीय अमेरिकी, अमेरिका की प्रगति के हिस्सेदार हैं. निश्चित ही अमेरिका की प्रगति में भारतीय प्रतिभाओं का बड़ा योगदान है. और सराहनीय है कि बाइडेन प्रशासन ने इसे बड़े दिल से स्वीकारा भी है. भारतीय प्रतिभाएं भारत-अमेरिका संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगी, इसमें दोराय नहीं.

Web Title: Indian diaspora and their role in America increasing, Joe Biden administration should also be praised for it

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