शोभना जैन का ब्लॉगः कब तक सुलगता रहेगा हांगकांग?

By शोभना जैन | Published: August 26, 2019 08:45 AM2019-08-26T08:45:48+5:302019-08-26T08:45:48+5:30

सवाल ये है कि आखिर कौन सी वजह रही, जिसने हांगकांग को, विशेष तौर पर वहां के युवाओं को इस कदर उकसा दिया कि लाखों लोग सड़कों पर उतरे. 2014 में भी हांगकांग के लोग चीन के खिलाफ बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरे थे.

How long will Hong Kong keep smoldering, hong kong protests | शोभना जैन का ब्लॉगः कब तक सुलगता रहेगा हांगकांग?

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Highlightsएशिया के वित्तीय केंद्र माने जाने वाले हांगकांग में गत जून से विवादास्पद प्रत्यार्पण विधेयक को लेकर शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों और अशांति का दौर खत्म होता नहीं दिख रहा है.ये प्रदर्शन अब लोकतंत्न समर्थक और राजनैतिक सुधारों के आंदोलन का रूप ले चुके हैं.

एशिया के वित्तीय केंद्र माने जाने वाले हांगकांग में गत जून से विवादास्पद प्रत्यार्पण विधेयक को लेकर शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों और अशांति का दौर खत्म होता नहीं दिख रहा है. ये प्रदर्शन अब लोकतंत्न समर्थक और राजनैतिक सुधारों के आंदोलन का रूप ले चुके हैं. मुख्य रूप से छात्नों/युवाओं की अगुवाई में हो रहे इन प्रदर्शनों में लोग सड़कों पर उतर रहे हैं. 

दुनिया के इस व्यस्ततम हवाई अड्डे पर लाखों प्रदर्शनकारियों के धरने से लेकर शहर में विशाल जन सैलाब के जरिये 40 किमी लंबी मानव श्रृंखला बनाने जैसे कदमों के जरिये प्रशासन पर अपनी मांग मनवाने का ध्यान खींचने का हर तरीका अपनाने के बावजूद दोनों पक्षों के बीच  अभी तक गतिरोध दूर कर बातचीत का रास्ता नहीं बन सका है. 

इन प्रदर्शनों का खुशहाल माने जाने वाले हांगकांग की वित्तीय स्थिति पर निश्चित तौर पर प्रतिकूल असर पड़ने का अंदेशा है, जहां की  अर्थव्यवस्था अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध की वजह से वैसे ही संकट ग्रस्त हो रही थी. सुरक्षित और भरोसेमंद व्यापारिक केंद्र माने जाने वाले हांगकांग की इस स्थिति पर दुनिया भर में चिंता के बादल हैं. ऐसी भी खबरें हैं कि वहां के कुछ उद्योगपति ऑस्ट्रेलिया और पश्चिमी देशों में अपने व्यापार को ले जा रहे हैं.  

सवाल ये है कि आखिर कौन सी वजह रही, जिसने हांगकांग को, विशेष तौर पर वहां के युवाओं को इस कदर उकसा दिया कि लाखों लोग सड़कों पर उतरे. 2014 में भी हांगकांग के लोग चीन के खिलाफ बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरे थे.   विदेशी मामलों के एक  जानकार के अनुसार वस्तुत: इसका एक बड़ा कारण है हांगकांग के भविष्य को लेकर विशेष तौर पर युवाओं में  पनपने वाला डर. उन्हें चीनी सरकार से अपनी आजादी छिनने का खतरा नजर आ रहा है. 

हांगकांग में ज्यादातर लोग चीनी नस्ल के हैं, लेकिन चीन का हिस्सा होने के बावजूद हांगकांग के अधिकांश लोग चीनी के रूप में पहचान नहीं रखना चाहते हैं. ध्यान देने योग्य है कि केवल 11 फीसदी खुद को चीनी कहते हैं, जबकि 71 फीसदी लोग कहते हैं कि वे चीनी नागरिक नहीं अपितु हांगकांग के नागरिक हैं. वहां 18 से 35 साल की उम्र वाले वोटरों की संख्या साल 2000 में जहां 58 फीसदी थी, वहीं 2016 में ये संख्या बढ़कर 70 फीसदी हो गई. देखना है कि दोनों पक्षों के बीच गतिरोध कब खत्म होता है, यह घटनाक्र म क्या रूप लेता है. 

Web Title: How long will Hong Kong keep smoldering, hong kong protests

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