ब्लॉग: छोटे देशों पर दादागिरी जमाने वाले चीन को अमेरिका ने सीखा दिया सबक!

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Published: February 6, 2023 03:30 PM2023-02-06T15:30:35+5:302023-02-06T15:31:02+5:30

चीनी के चक्कर में आए दिन ताइवान, हांगकांग, फिलीपींस, श्रीलंका जैसे देश फंसते रहते हैं. हालांकि अमेरिका के चंगुल में चीन फंस गया और उसे मुंह की खानी पड़ी.

America taught lesson to China, by shooting their spy ballon | ब्लॉग: छोटे देशों पर दादागिरी जमाने वाले चीन को अमेरिका ने सीखा दिया सबक!

ब्लॉग: छोटे देशों पर दादागिरी जमाने वाले चीन को अमेरिका ने सीखा दिया सबक!

अमेरिका के आसमान में उड़ता चीनी जासूसी गुब्बारा आखिरकार शनिवार को दक्षिण कैरोलिना के तट पर मार गिराया गया. यह बुधवार को अमेरिका के पश्चिमी राज्य मोंटाना में उड़ता पाया गया था. उससे पहले वह अलास्का के अल्यूशन आईलैंड और कनाडा से भी होकर गुजरा था. अमेरिका ने सुरक्षा कारणों के चलते संयम से काम लिया, लेकिन सही वक्त और स्थान पर जाकर उसे नष्ट कर दिया. 

इससे यह साफ हुआ कि चीन के लिए एशियाई देशों के आसपास उत्पात मचाना आसान है, किंतु अमेरिका में ऐसी हरकतों के परिणाम क्या हो सकते हैं? बीते साल अगस्त माह में चीन का जासूसी जहाज युआन वांग-5 श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पर रुका था, जो भारत से सिर्फ 700 मील की दूरी पर था. उसके बाद चीन का नया जासूसी जहाज युआन वांग-6 हिंद महासागर में पहुंच गया था. 

हालांकि उस दौरान किसी भी एशियाई देश ने उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग नहीं उठाई, न ही कोई विकसित देश जहाज को लेकर कुछ बोला. लिहाजा चीन के हौसले बुलंद होने ही थे. मगर पाला जब अमेरिका से पड़ा तो कीमत चुकानी पड़ी. वह भी उस समय, जब अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन चीन के दौरे पर जाने के लिए तैयार थे. 

मजेदार बात यह है कि इतना सब कुछ होने के बावजूद चीन ने अपने गुब्बारे को जासूसी करने वाला नहीं माना और उसे सामान्य मौसम संबंधी जानकारी जुटाने वाला बताया. यदि बात इतनी सामान्य थी तो उसने अंतरराष्ट्रीय हवाई सीमाओं का उल्लंघन कैसे किया? वह अमेरिका के संवेदनशील इलाकों पर कैसे उड़ने लगा? स्पष्ट है कि हाल के दिनों में छोटे देशों पर दादागीरी कर चीनी दुस्साहस बढ़ा है. 

ताइवान, हांगकांग, फिलीपींस, श्रीलंका जैसे कुछ नाम हैं, जो आए दिन चीनी चक्कर में फंसते हैं. किंतु अमेरिका के चंगुल में फंसने पर उसे मुंह की खानी पड़ी. कुछ उसी तरह जिस प्रकार भारत भी उसे सीधी लाइन पर चलने के लिए मजबूर करता रहता है. किंतु चीन की विस्तारवादी सोच और आंतरिक हालात की सच्चाई उसे अनुचित कार्यों को करने के लिए मजबूर करते हैं. मगर अब चीन को यह समझना होगा कि वह केवल मनमर्जी से दुनिया में नहीं चल सकता है. 

खास तौर पर अंतरराष्ट्रीय मामलों में उसे अपनी सीमा बांधनी होगी. केवल दुनिया की उत्पादन इकाइयों को चलाकर विश्व पर राज करने का ख्वाब देखना आसान नहीं है. व्यापारिक परिस्थितियों का अच्छा होना भी किसी देश की राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियों पर निर्भर होता है. यदि उनमें कोई उथल-पुथल देखी जाती है तो परिणाम नजर आने लगते हैं. 

हाल के दिनों में चीन में कुछ ऐसा ही हो रहा है, किंतु वह अपने गिरेबान में झांकने की बजाय दूसरों के घरों में घुसने की कोशिश में लगा रहता है. ऐसे में अमेरिका ने समय पर उसे सबक सिखा कर सही संदेश दिया है. उम्मीद है कि इस झटके से वह आगे कुछ संभल कर कदम रखेगा.

Web Title: America taught lesson to China, by shooting their spy ballon

विश्व से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे