अगस्त में गोवा यात्राः गलती से भी ना करें ये मिस्टेक

By खबरीलाल जनार्दन | Published: May 2, 2018 06:35 PM2018-05-02T18:35:34+5:302018-05-02T18:35:34+5:30

अगस्त में मुझे और मेरे चार दोस्तों को गोवा की सबसे रंगीन बीच पर पहुंचे तो हाथ में कपड़े लिए सिर से पांव तक ढकने की कोशिश करते लोग समुद्र की हल्की लहरों में चिल्लाते दिखे।

Goa Trip, Never go in August month | अगस्त में गोवा यात्राः गलती से भी ना करें ये मिस्टेक

अगस्त में गोवा यात्राः गलती से भी ना करें ये मिस्टेक

गोवा में मजलिश लगती है। रेत पर दूर तलक बिछी आराम बिस्तर व कुर्सियां और उनपर बेफिक्र लोटते-पोटते सैलानी। खासकर के विदेशी सैलानी। उनमें खासतौर पर महिला सैलानी। बार-बार किनारे से आकर टकराती लहरें। सस्ते दामों पर मिलने वाली बीयर के भ्रम। काजू की फैनी, टीटोज की क्लबिंग, कलंगुट बीच-बागा बीच की नाइट लाइफ। इसके मायने यह होते हैं कि रात दो-तीन, चार-पांच बजे तक बिना किसी बंधन हाथों में हाथ थामे मन-माफिक समुद्र किनारे घूमते रहिए। क्योंकि आपके आसपास आपकी ही तरह सैकड़ों लोग आपको बिना गौर किए घूमते रहते हैं।

फिर दिनभर 300 रुपये प्रतिदिन की स्कूटी/बाइक पर परचून की दुकानों से पेट्रोल भराकर जितने नये बीच पहुंचेंगे उतनी हरियाली, उतना ही कौतूहल, फिर आपके हिस्से की शांति। सैकड़ों की भीड़ में भी आपकी निजता पर को नजर नहीं डालता।

फिर वाटर स्पोर्ट्स करने के बाद हम तृप्त वाली अवस्‍था में चले जाते हैं। इसके बाद कुछ थोड़ा-बहुत बुरा भी होता है तो वाटर स्पोर्ट्स से मिली खुशी में दब जाती है। स्कूवा डाइविंग में जब हम समुद्र में पानी के नीचे सतह पर पहुंचते हैं और रंगीन घांसों और मछलियों से बातचीत की कोशिश करते हैं तो वो सारा डर रफूचक्कर हो जाता है जो पानी में आने से पहले गैस के सिलेंडर की पाइप को मुंह में चबाकर पानी के अंदर सांस लेने का अभ्यास करने से आता है।

यह भी पढ़ेंः खबरीलाल का ट्रैवल ब्लॉगः पूरा गांव लेकर गंगा सागर की यात्रा करने वाली बस

बनाना राइ‌डिंग में पानी पर दौड़ने से ज्यादा अचानक पानी में गिरा देने पर रोमांच आता है जब चार सेकेंड के लिए लगता है कि वापस जा भी पाएंगे कि नहीं। पैराग्लाइडिंग में आपको समुद्र के ऊपर पैराशूट के बल उड़ने से ज्यादा जब वे पानी में हचकोले लेकर डुबोते और उबारते हैं, तो मजा आएगा। पानी से डरने वाले भी स्कूटर डाइविंग कर लेते हैं।

लेकिन यह सब संभव होगा जब आप गोवा ऑन सीजन जाएंगे। गोवा ऑन सीजन का मतलब होता है नवंबर से मार्च तक। इसके बाद अगर आप वहां जाते हैं तो वही मिलेगा जो मेरी अगस्त वाली गोवा ट्रिप में मुझे मिला।

यह भी पढ़ेंः दो महीने में कम से कम 20 लड़के रुके थे मेरे फ्लैट पर

अगस्त में मुझे और मेरे चार दोस्तों को गोवा की सबसे रंगीन बीच पर पहुंचे तो हाथ में कपड़े लिए सिर से पांव तक ढकने की कोशिश करते लोग समुद्र की हल्की लहरों में चिल्लाते दिखे। समुद्र किनारे की सारी आराम कुर्सियां हटा ली गई थीं। क्योंकि उन पर सोने वाले लोग ही नहीं थे। हमारी तरह पहली बार गोवा भ्रमण और ऑफ सीजन, ऑन सीजन का मतलब ना समझ पाने वाले लोग थोड़ी हिम्मत दिखाते भी तो सामने वाले की हरकतों और एक बिकनी वाली लड़की देखते ही चारों ओर से घेर लेने वाले लोगों ने हमारा सारा नशा उतार दिया। वाटर स्पोर्ट्स पानी बरसने के चलते बंद होते हैं।

खर्चे अपेक्षाकृत थोड़े सस्ते हो जाते हैं। आसपास व सभ्य सैलानियों के लिए यह गोवा वि‌जिट का सार्वोत्तम समय होता है। आप ऐसी भूल बिल्कुल ना करें।

-लोकमत न्यूज के लेटेस्ट यूट्यूब वीडियो और स्पेशल पैकेज के लिए यहाँ क्लिक कर के सब्सक्राइब करें

Web Title: Goa Trip, Never go in August month

मुसाफ़िर से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे

टॅग्स :goaगोवा