लाइव न्यूज़ :

नरेंद्र कौर छाबड़ा का ब्लॉग: गुणों के भंडार गणपति से ली जा सकती है ढेरों सीख

By नरेंद्र कौर छाबड़ा | Updated: August 22, 2020 12:16 IST

गणोशजी का बड़ा सिर जो हाथी का है, बुद्धिमत्ता तथा विवेकशीलता का प्रतीक है. सभी जानवरों में हाथी को सबसे अधिक बुद्धिमान माना जाता है. तभी तो गणोशजी ने माता-पिता के चक्कर लगाकर संपूर्ण पृथ्वी की परिक्र मा करने की घोषणा की थी और विजय प्राप्त की थी.

Open in App

ऐसी मान्यता है कि जिन घरों में गणपति बाप्पा का स्वागत किया जाता है और दस दिनों तक उनकी पूजा होती है, उन परिवारों पर बाप्पा की विशेष कृपा होती है. गणोशजी की कृपा से उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. गणोशजी को सभी देवताओं में प्रथम पूज्यनीय माना जाता है. कोई भी शुभ कार्य करने से पहले उनकी आरती की जाती है.

गणपति के विचित्न स्वरूप को देखकर भक्त लोग कोई सवाल नहीं उठाते क्योंकि श्रद्धावश वे देवी-देवताओं के किसी भी रूप को स्वीकार कर लेते हैं लेकिन आधुनिक पीढ़ी जरूर सवाल करती है, भला ऐसे कैसे संभव है कि किसी का सिर हाथी का हो और शेष शरीर इंसान का हो? क्या यह अजीब नहीं लगता? दरअसल इसके पीछे गहरा आध्यात्मिक रहस्य छुपा हुआ है. ईश्वर ने गणोशजी की रचना मनुष्यों को बहुत बड़ा संदेश देने के लिएकी है.

गणोशजी के इस रहस्यमयी स्वरूप का आध्यात्मिक अर्थ इस प्रकार समझा जा सकता है -

गणोशजी का बड़ा सिर जो हाथी का है, बुद्धिमत्ता तथा विवेकशीलता का प्रतीक है. सभी जानवरों में हाथी को सबसे अधिक बुद्धिमान माना जाता है. तभी तो गणोशजी ने माता-पिता के चक्कर लगाकर संपूर्ण पृथ्वी की परिक्र मा करने की घोषणा की थी और विजय प्राप्त की थी.

छोटी आंखें दूरदर्शिता तथा एकाग्रता का प्रतीक हैं. शिकारी भी निशाना साधते वक्त या तो आंखों को छोटा कर लेते हैं या एक आंख बंद कर लेते हैं. अर्जुन ने भी पूरी एकाग्रता से जब केवल चिड़िया की आंख पर निशाना साधा था तभी सफल हो पाया था.हाथी के कान सूप के समान बड़े होते हैं. सूप कचरे को बाहर फेंकता है तथा सार को ही स्वयं में समाहित रखता है. यह संकेत देता है कि व्यर्थ की बातों को बाहर झाड़ देना है, भीतर नहीं आने देना है. व्यर्थ की बातें बहुत हानि करती हैं.

सूंड जहां शक्तिशाली पेड़ों को भी उखाड़ फेंकती है, वहीं फूल जैसे कोमल सामान को भी उठा लेती है. जीवन में ऐसा ही लचीलापन जरूरी है. जो परिस्थिति के अनुसार कठोर या नर्म बना सके.

गणपति के बड़े पेट का भी गूढ़ अर्थ है. बड़े पेट का मतलब सभी तरह की बातों को अपने भीतर समा लेना, समेट लेना, उनका प्रचार-प्रसार नहीं करना, वरना जीवन बहुत दुखदाई हो सकता है. गणोशजी के चार हाथ हैं.

उनमें   कमल पुष्प, फरसा, मोदक तथा आशीर्वाद की मुद्रा होती है. कमल का फूल पवित्नता का प्रतीक है. कीचड़ में रहकर उससे ऊपर उठा रहता है. इसी प्रकार संसार में रहते हुए भी निर्लेप रहने का संदेश है. फरसा अपने भीतर के अवगुणों, आसुरी संस्कारों, विकारों को काटते रहने का प्रतीक है. जीवन में सभी के प्रति मधुरता, मिठास बनाए रखने का प्रतीक मोदक है. आशीर्वाद की मुद्रा का संदेश है सबके प्रति शुभ भावना, कल्याण, भलाई की सोच सदा बनी रहे.

गणोशजी की सवारी मूषक (चूहा) है, जो हमारे मन का प्रतीक है. चूहे की तरह हमारा मन भी बहुत चंचल होता है. चूहे पर सवारी अर्थात अपने मन पर पूरी तरह से नियंत्नण. गणोशजी की बैठने की मुद्रा भी विशिष्ट तरह की है. उनका एक पैर मुड़ा होता है और दूसरा धरती को छूता है जो यह दर्शाता है कि संसार में रहते हुए भी उससे ऊपर उठकर रहो.  

इस तरह गणोशजी के सर्वगुण संपन्न, संपूर्ण व्यक्तित्व से जीवन जीने की कला के दर्शन होते हैं. आज आवश्यकता है उनके स्वरूप को सही अर्थो में जानकर उनके गुणों का अनुसरण किया जाए. केवल पूजा-अर्चना और विसर्जन तो अब तक करते आए हैं, अब उनके गुणों को भी अपने जीवन में धारण करना शुरू करें तो जीवन खुशहाल हो जाएगा. यही त्यौहार मनाने का असली मकसद होना चाहिए. 

टॅग्स :गणेश चतुर्थी
Open in App

संबंधित खबरें

ज़रा हटकेVIRAL: गणेश जी को पानी में मत डालो, डूब जाएंगे, इमोशनल कर देने वाला वीडियो वायरल

भारतगणेश प्रतिमा विसर्जनः 4 डूबे और 13 अन्य लापता, महाराष्ट्र में गणेश उत्सव के समापन को लेकर उमड़े लोग

भारतVIDEO: हैदराबाद में 69 फीट ऊंचे गणपति बप्पा का विसर्जन, ढोल-नगाड़ों की धुन पर थिरकते भक्त, देखें वीडियो

ज़रा हटकेविदेशी धरती पर गणपति विसर्जन में दिखा ऐसा नजारा, सोशल मीडिया पर लोगों ने की जमकर तारीफ

पूजा पाठGanesh Chaturthi 2025: मुंबई के इन जगहों पर होगा भव्य गणपति विसर्जन, जानिए कैसे देख पाएंगे आप

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठPanchang 13 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAstrology 2026: नए साल में गुरु-शनि की एनर्जी में होगा बड़ा बदलाव, इन 5 राशियों को मिलेगी जबरदस्त सफलता

पूजा पाठMesh Rashifal 2026: मेष राशिवालों के लिए तरक्की-कामयाबी का शानदार साल, पढ़ें वार्षिक राशिफल में आपके लिए सुनहरे अवसर

पूजा पाठVrishabh Rashifal 2026: वृषभ राशिवालों के लिए नया साल मुश्किलों को मौकों में बदलने का बढ़िया अवसर

पूजा पाठPanchang 12 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय