Ayodhya in Thailand: भारत से बाहर अगर हिंदू प्रतीकों और संस्कृति को देखना-समझना है तो आपको थाईलैंड जरूर जाना चाहिए. दक्षिण पूर्व एशिया के इस देश में हिंदू देवी-देवताओं और प्रतीकों को आप चप्पे-चप्पे पर देखते हैं. राजधानी बैंकॉक से सटा है अयोध्या शहर. यहां मान्यता है कि यही थी भगवान श्रीराम की राजधानी.
थाईलैंड के बौद्ध मंदिरों में आपको ब्रह्मा, विष्णु और महेश की मूर्तियां और चित्र मिल जाएंगे. इन सभी देवी-देवताओं के अलग से मंदिर भी हैं. इनमें रोज बड़ी संख्या में हिंदू और बौद्ध पूजा-अर्चना के लिए आते हैं. कहीं कोई कटुता या वैमनस्य का भाव नहीं है. हिंदू धर्म का थाईलैंड के राज परिवार पर सदियों से गहरा प्रभाव है.
माना यह जाता है कि थाईलैंड के राजा भगवान विष्णु के अवतार हैं. इसी भावना का सम्मान करते हुए थाईलैंड का राष्ट्रीय प्रतीक गरुड़ है. यहां तक कि थाईलैंड संसद के सामने गरुड़ की मूर्ति स्थापित है. थाईलैंड में राजा को राम कहा जाता है. उसके नाम के साथ अनिवार्य रूप से राम लगता है. राज परिवार अयोध्या नामक शहर में रहता है.
ये स्थान बैंकॉक से 50-60 किमी दूर है. थाईलैंड के लोग अपने राजा को राम का वंशज होने के चलते विष्णु का अवतार मानते हैं. इसलिए थाईलैंड में एक तरह से रामराज्य है. वहां के राजा को भगवान राम का वंशज माना जाता है. वहां का राष्ट्रीय ग्रंथ रामायण है जिसे थाई भाषा में ‘राम-कियेन’ कहते हैं. जिसका अर्थ राम-कीर्ति होता है, जो वाल्मीकि रामायण पर आधारित है.
थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक के सबसे बड़े और भव्य हॉल का नाम ‘रामायण हॉल’ है. यहां पर राम कियेन पर आधारित नृत्य नाटक और कठपुतलियों का प्रदर्शन प्रतिदिन होता है. राम कियेन के मुख्य पात्रों में राम (राम), लक (लक्ष्मण), पाली (बाली), सुक्रीप (सुग्रीव), ओन्कोट (अंगद), खोम्पून ( जाम्बवन्त), बिपेक ( विभीषण), रावण, जटायु आदि हैं. थाईलैंड में तमिल और उत्तर भारत के भारतवंशी हैं इसलिए मंदिर दक्षिण और उत्तर भारत के मंदिरों की तरह बने हुए हैं.