अहमदाबाद नगर निकाय चुनावः परिवारवाद के नियम पर पीएम मोदी की भतीजी सोनल को नहीं दिया टिकट
By प्रदीप द्विवेदी | Published: February 5, 2021 01:03 PM2021-02-05T13:03:43+5:302021-02-05T18:49:32+5:30
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भतीजी सोनल मोदी अहमदाबाद नगर निकाय चुनाव के लिये भाजपा का टिकट पाने में नाकाम रहीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भतीजी सोनल मोदी को परिवारवाद विरोध के नियम के कारण अहमदाबाद नगर निकाय चुनाव के लिए बीजेपी ने टिकट नहीं दिया.
खबर है कि बीजेपी ने अहमदाबाद नगर निगम के आगामी चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों के नामों की सूची जारी कर दी है, लेकिन इसमें सोनल मोदी का नाम नहीं है. उन्होंने अहमदाबाद नगर निगम के बोदकदेव वार्ड से चुनाव लड़ने के लिए बीजेपी से टिकट मांगा था.
उल्लेखनीय है कि सोनल मोदी, पीएम मोदी के भाई प्रह्लाद मोदी की बेटी हैं, जो शहर में राशन की दुकान चलाते हैं और गुजरात उचित दर दुकान संघ के अध्यक्ष भी हैं. खबरों की माने तो बीजेपी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सीआर पाटिल का इस मुद्दे पर कहना था कि- नियम सबके लिए बराबर हैं.
गुजरात के स्थानीय निकाय चुनाव के मद्देनजर बीजेपी ने जो मानदंड तय किए थे
इससे पहले, गुजरात के स्थानीय निकाय चुनाव के मद्देनजर बीजेपी ने जो मानदंड तय किए थे, उसकेे बाद पीएम मोदी के बड़े भाई प्रह्लाद मोदी ने ही भाई-भतीजावाद के मुद्दे पर कई प्रश्नचिन्ह लगा दिए थे. गुजरात बीजेपी प्रमुख सीआर पाटिल ने बीजेपी उम्मीदवारों के लिए आवश्यक मानदंडों की जो घोषणा की थी, उसमें कहा गया था कि 60 साल से अधिक आयु के लोगों, नेताओं के रिश्तेदारों, जो लोग पहले से ही कॉर्पोरेशन में तीन कार्यकाल पूरा कर चुके हैं आदि को इस बार टिकट नहीं दिया जाएगा.
जाहिर है, इसके बाद गुजरात में सियासी चाय के प्याले में तूफान आना ही था. पीएम मोदी के बड़े भाई प्रह्लाद मोदी की बेटी सोनल मोदी अहमदाबाद के बोदकदेव से चुनाव लड़ना चाहती थीं, परन्तु ऐसे मानदंड के चलते वह चुनाव नहीं लड़ पाएंगी, क्योंकि वह तो पीएम मोदी के परिवार से हैं.
न्यूज चैनल से बात करते हुए विस्तार से भाई-भतीजावाद पर बात की
प्रह्लाद मोदी ने भी इस संबंध में एक न्यूज चैनल से बात करते हुए विस्तार से भाई-भतीजावाद पर बात की, इतना ही नहीं बीजेपी में ही भाई-भतीजावाद के उदाहरण देते हुए उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह को भी सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया.
प्रह्लाद मोदी का कहना था कि गृहमंत्री अमित शाह के बेटे जय, जिनका क्रिकेट में कोई महत्वपूर्ण योगदान नहीं है और न ही मैंने उनकी इस क्षेत्र में उपलब्धि के बारे में कुछ पढ़ा है, बावजूद इसके उन्हें क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की जिम्मेदारी दी गई है. उनके पास कोई डिग्री है कि सरकार के लिए उपयोगी हैं?
गुजरात में 21 फरवरी और 28 फरवरी 2021 को दो चरणों में स्थानीय निकाय चुनाव होने हैं
उन्हें बीजेपी सहित दूसरे पक्षों से सपोर्ट मिल रहा है, अगर वे क्रिकेट बोर्ड के सचिव बन सकते हैं, तो पार्टी दो समानान्तर तरीके से काम कर रही है. गौरतलब है कि गुजरात में 21 फरवरी और 28 फरवरी 2021 को दो चरणों में स्थानीय निकाय चुनाव होने हैं. इसके मद्देनजर जहां कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है, वहीं बीजेपी में भी मानदंडों की सियासी छाया में चुनावी हलचलें तेज हैं!
गुजरात के राजकोट, अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत, भावनगर और जामनगर समेत कुल छह नगर निगमों के चुनाव के लिये 21 फरवरी को मतदान होगा, जबकि 81 नगरपालिकाओं, 31 जिला पंचायतों और 231 तालुका पंचायतों के लिये 28 फरवरी को वोट डाले जाएंगे।