शशिधर खान का ब्लॉगः नगा डील ‘फाइनल’ होगी?
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: October 26, 2019 07:42 IST2019-10-26T07:42:56+5:302019-10-26T07:42:56+5:30
राज्यपाल ने प्रधानमंत्री के निर्देश के अनुपालन की डेडलाइन 31 अक्तूबर तय की है. उसके पहले 27-29 अक्तूबर को ‘फोरम फॉर नगा रिकन्सिलिएशन’ की अध्यक्षता में दोनों पक्षों की दीमापुर में बैठक होगी. आऱ एऩ रवि ने जिस पक्ष एनएनपीजी से 18 अक्तूबर को बात करके वक्तव्य दिया, वो ‘अलग झंडा, अलग संविधान’ मुद्दा फिलहाल टालने को तैयार है.

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शशिधर खान
नगा डील पर रहस्यमय चुप्पी नगालैंड के राज्यपाल आऱ एऩ रवि ने तोड़ी और ‘फाइनल डील’ का डेडलाइन दे दिया. उसके साथ ही परस्पर विरोधी विसंगतियां खुलकर सामने आ गईं, जिन पर सस्पेंस बना हुआ था. ज्यादातर बातें उसी अलगाववादी हिंसा वाले मुद्दे को जिंदा रखनेवाली हैं, जो शांति मार्ग का ‘डेड एंड’ है.
राज्यपाल ने प्रधानमंत्री के निर्देश के अनुपालन की डेडलाइन 31 अक्तूबर तय की है. उसके पहले 27-29 अक्तूबर को ‘फोरम फॉर नगा रिकन्सिलिएशन’ की अध्यक्षता में दोनों पक्षों की दीमापुर में बैठक होगी. आऱ एऩ रवि ने जिस पक्ष एनएनपीजी से 18 अक्तूबर को बात करके वक्तव्य दिया, वो ‘अलग झंडा, अलग संविधान’ मुद्दा फिलहाल टालने को तैयार है.
आर.एऩ रवि ने वैसे नगा गुटों से नवंबर, 2017 में समझौता किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने दोनों पक्षों से बातचीत की है लेकिन लगता है राज्यपाल का एनएससीएन (मुइवा), एनएफआर समेत मुख्यमंत्री के साथ भी कोई संवाद नहीं चल रहा है. गत वर्ष जुलाई 2018 में मणिपुर के भाजपा मुख्यमंत्री एऩ वीरेन सिंह ने अपने सभी 60 विधायकों के साथ दिल्ली में डेरा डाल दिया और केंद्र से कहा कि कोई भी नगा डील उनसे बात किए बगैर न की जाए. नगालैंड की सत्तारूढ़ नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेस पार्टी भी भाजपा नीत राष्ट्रीय गठजोड़ का हिस्सा है.
एनएससीएन के प्रस्तावित गेट्रर नगालिम में नगालैंड से ज्यादा मणिपुर के नगा बहुल इलाके शामिल हैं जो मुइवा का गृह राज्य है. सितंबर, 2019 में एनएससीएन नेता टुक्कू और मुइवा ने प्रधानमंत्री को फाइनल डील के लिए पत्र लिखा. उसके बाद दिल्ली में नगा छात्रों ने विभिन्न गुटों के साथ प्रदर्शन किया. हर साल की तरह 14 अगस्त को नगा ध्वज के साथ ‘नगा स्वतंत्रता दिवस’ मनाया जा चुका था. हकीकत यह है कि अब शांति वार्ता भी थक चुकी है.