आखिर क्यों आदिवासी लड़कियों के रेप पर मेट्रो सिटी और बॉलीवुड का बुद्धिजीवी नहीं जागता?
By पल्लवी कुमारी | Updated: June 25, 2018 13:20 IST2018-06-25T13:20:35+5:302018-06-25T13:20:35+5:30
अरे सरकार, आपको इतना भी समझ नहीं आ रहा है कि झारखंड में खूँटी नाम की एक जगह है। भारत के नक्शे पर ही है। वहाँ 5 लड़कियों से गैंगरेप हुआ है। कब हुआं हुआं करना है या नहीं करना है, प्लीज मुझे भी बता दीजिएगा।

आखिर क्यों आदिवासी लड़कियों के रेप पर मेट्रो सिटी और बॉलीवुड का बुद्धिजीवी नहीं जागता?
नई दिल्ली, 25 जून: झारखंड के खूंटी जिले में पिछले हफ्ते मंगलवार को एक नुक्कड़ नाटक के मंचन के दौरान पांच महिलाओं को अगवा कर उनके साथ गैंगरेप की घटना सामने आई थी। मंगलवार को हुई इस घटना पर पुलिस भी थोड़ा देर से जागी। फिलहाल पुलिस ने मामले में सभी आरोपियों की पहचान कर ली है। शनिवार को राज्य के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इस बात की घोषणा की। गैंगरेप को लेकर सीनियर पुलिस ऑफिसर एडीजी आरके मलिक ने कहा कि 6 में से दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उन्होंने मजिस्ट्रेट के सामने अपने अपराध को स्वीकार भी कर लिया है। लड़कियों को अगवा किया गया, बेरहमी से रेप किया गया लेकिन मेट्रो सिटी के लोग और बॉलीवुड बुद्धिजीवी वर्ग खामोश क्यों है?
पहले तो मैंने सोचा कि रेप मंगलवार को हुआ है, तो उसके एक दिन बाद या दो दिन कोई-न-कोई फेसबुक ट्विटर या किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर हैशटैग तो जरूर चलेगा लेकिन चला ही नहीं। ये घटना सिर्फ अखबारों और टीवी तक सीमित रह गई। फिर मेरे दिमाग में ख्याल आया कि हर मुद्दे पर सबसे ज्यादा बोलने वाले बॉलीवुड का बुद्धिजीवी वर्ग भी अभी तक इस मामले में खामोश है। घटना के इतने दिनों बाद भी बॉलीवुड का कोई सितारा हाथ में बोर्ड लिए या सोशल मीडिया पर शोक जताते नहीं दिखा। भई, रेप तो रेप होता है चाहे वह कश्मीर में हो या दिल्ली, या फिर यूपी के उन्नाव में या मुंबई। तो फिर क्यों इतनी खामोशी है?
वहीं हमारे देश के नेता भी इस मुद्दे पर चुप्पी साधे बैठे हैं, ना तो कोई हाथ में कैंडल लेकर मार्च कर रहा है ना ही कोई बयानबाजी कर रहे हैं। सिर्फ इसलिए की इस रेप घटना में कोई हिन्दू-मुस्लिम का एंगल नहीं मिल रहा है या इसलिए कि आप सबकुछ जानते हुए भी आप इग्नोर करना चाहते हैं, या इसलिए की इस बार रेप आदिवासी लड़कियों के साथ हुआ है। या इसलिए कि इस बार रेप का आरोप किसी पंडित या मौलवी पर नहीं बल्कि एक पादरी पर लग रहा है।
कहां हैं इस देश के वो बुद्धिजीवी लोग जो हर बात के लिए सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हैं। आखिर क्यों, आदिवासी कलाकार लड़कियों के रेप पर दिल्ली या बॉलीवुड का बुद्धिजीवी नहीं जागता है? अभी कोई ऐक्ट्रेस कास्टिंग काउच का आरोप लेकर सामने आ जाए या कंगना रानावत बनाम रितिक रोशन का मुद्दा हो तब आप इन मेट्रो के प्रगतिशील लोगों का विलाप देखिए। भाई साहब, इतना हैशटैग चलेगा कि टाइमलाइन भर जाएगी। आप चाहे कुछ भी खोले फेसबुक, ट्विटर या इंस्टाग्राम आपको हर जगह वही हैशटैग दिखेगा। खासकर मुझे बॉलीवुड का तो डबल स्टैंडर समझ नहीं आता है, कभी तो सारे के सारे 24 घंटे सोशल मीडिया पर मिलकर आंदोलन छेड़ देते हैं तो कभी चुप्पी साध लेते हैं।
अरे सरकार, आपको इतना भी समझ नहीं आ रहा है कि झारखंड में खूँटी नाम की एक जगह है। भारत के नक्शे पर ही है। वहाँ 5 लड़कियों से गैंगरेप हुआ है। कब हुआं हुआं करना है या नहीं करना है, प्लीज मुझे भी बता दीजिएगा।
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