निरंकार सिंह का ब्लॉगः बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे राजाजी

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: December 10, 2019 11:32 IST2019-12-10T11:32:52+5:302019-12-10T11:32:52+5:30

विंस्टन चर्चिल ने एक बार कहा था कि हर महान व्यक्ति की एक निशानी यह है कि क्या उसमें इतनी ऊर्जा है कि वह उस आदमी पर, जो उससे मिलने आता है, अपनी छाप छोड़ सके. और दूसरी निशानी यह कि क्या उसने उन सब मामलों का जिनसे उनका संपर्क रहा है, हल करने की कोशिश में वह कौशल दिखाया था, जिसके नतीजतन आने वाले हालात उसकी कोशिशों की वजह से लगातार प्रभावित हो सकें. 

versatile rich Chakravarti Rajagopalachari has many dimensions to his personality | निरंकार सिंह का ब्लॉगः बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे राजाजी

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निरंकार सिंह

बहुमुखी प्रतिभा के धनी चक्रवर्ती राजगोपालाचारी के व्यक्तित्व के कई आयाम थे. वे भारत के प्रथम गवर्नर जनरल के साथ-साथ एक महान नेता, स्वतंत्रता सेनानी, एडवोकेट और प्रख्यात लेखक के रूप में भी जाने जाते हैं. उन्हें स्नेह और आदर से लोग राजाजी भी कहते हैं. वे कट्टर कांग्रेसी, गांधीवादी होते हुए भी अपनी स्वतंत्र परंतु तर्कसंगत विचारधारा रखते थे और इस बात के लिए उन्होंने बड़े से बड़े व्यक्ति से भी समझौता नहीं किया. 

विंस्टन चर्चिल ने एक बार कहा था कि हर महान व्यक्ति की एक निशानी यह है कि क्या उसमें इतनी ऊर्जा है कि वह उस आदमी पर, जो उससे मिलने आता है, अपनी छाप छोड़ सके. और दूसरी निशानी यह कि क्या उसने उन सब मामलों का जिनसे उनका संपर्क रहा है, हल करने की कोशिश में वह कौशल दिखाया था, जिसके नतीजतन आने वाले हालात उसकी कोशिशों की वजह से लगातार प्रभावित हो सकें. 

राजाजी इन दोनों कठोर कसौटियों पर खरे उतरते हैं. यदि महानता में ऊंचे दर्जे के चरित्र-बल और बुद्धि संपदा का होना जरूरी है और यदि महानता की जांच उस महान व्यक्ति के विचारों तथा उसके द्वारा किए गए चिरस्थायी महत्व के ठोस कार्यो की कसौटी पर की जाए तो हमें बेहिचक इस निष्कर्ष पर पहुंचना पड़ेगा कि राजाजी विश्व इतिहास में महान व्यक्ति थे.

चक्रवर्ती राजगोपालाचारी का जन्म मद्रास प्रेसीडेंसी के सालेम जिले के थोरापल्ली गांव में 10 दिसंबर 1878 को हुआ था. उनका जन्म एक धार्मिक आयंगर परिवार में हुआ था. नवंबर 1972 में उनका स्वास्थ्य बिगड़ने लगा और 17 दिसंबर 1972 को उन्हें मद्रास गवर्नमेंट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया जहां 25 दिसंबर को उन्होंने अंतिम सांस ली. उस आयु में भी उनमें गहन और कठोर तपिश व भाव-प्रवणता थी, उन कार्यो को पूर्ण करने की प्रबल इच्छा थी, जो वे जानते थे कि कभी समाप्त नहीं होंगे.

Web Title: versatile rich Chakravarti Rajagopalachari has many dimensions to his personality

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