वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉगः निर्यात क्षेत्र में भारत की उपलब्धि

By वेद प्रताप वैदिक | Published: March 25, 2022 03:02 PM2022-03-25T15:02:06+5:302022-03-25T15:03:31+5:30

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्नी पीयूष गोयल ने भारत के व्यापार-उद्योग में लगे लोगों की कार्यकुशलता, प्रामाणिकता और परिश्रम की जो प्रशंसा की है, वह उचित ही है।

Vedpratap Vaidik blog India achievement in the export sector | वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉगः निर्यात क्षेत्र में भारत की उपलब्धि

वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉगः निर्यात क्षेत्र में भारत की उपलब्धि

हमारे लिए यह खुशी की बात है कि इस साल भारत का निर्यात 400 अरब डॉलर से भी ज्यादा का हो गया है। देश के अंतरराष्ट्रीय व्यापार का यह अब तक का सर्वोच्च प्रतिमान है। भारत ने इतना निर्यात पहले कभी नहीं किया। निर्यात का यह आंकड़ा सरकार ने तय जरूर किया था लेकिन उसको भी विश्वास नहीं था कि भारत इस ऊंचाई तक पहुंच जाएगा। इसके दो कारण थे। एक तो कोरोना महामारी और दूसरा विश्व बाजारों की शिथिलता। लेकिन इसके बावजूद भारत के माल को सारी दुनिया के बाजारों में पसंद किया गया और उन्हें जमकर खरीदा गया। यूरोप में चल रहा रूस और यूक्रेन का युद्ध भी हमारे निर्यात की बढ़ोत्तरी में आड़े नहीं आया।

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भारत के व्यापार-उद्योग में लगे लोगों की कार्यकुशलता, प्रामाणिकता और परिश्रम की जो प्रशंसा की है, वह उचित ही है। ठंडे बाजार और महामारी की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कई चीजों की कीमतें घट गईं तो उनकी मात्रा बढ़ गई। बढ़ी हुई मात्रा ने पैसों की आवक भी बढ़ाई और मुनाफा भी। यह भी हुआ कि बाजारों और उत्पादन की विश्वव्यापी शिथिलता के कारण कई चीजों की कमी हो गई तो उनकी कीमतें बढ़ गईं। जैसे मोटर के कल-पुर्जो, अनाज से बनी वस्तुएं, चावल, गलीचों और फलों के रस से भारत की आमदनी बढ़ गई। हमारा इंजीनियरिंग का सामान सारी दुनिया में पसंद किया जाता है। उसकी बिक्री दुगुनी हो गई। बिजली के सामान का निर्यात 42 प्रतिशत बढ़ गया। जेवरात का निर्यात 57।3 प्रतिशत बढ़ गया। यानी भारत चाहे तो अगले कुछ वर्षो में इन्हीं चीजों का निर्यात इतने बड़े पैमाने पर कर सकता है कि वह अमेरिका और चीन के नजदीक पहुंच सकता है। अमेरिका और चीन से आगे निकलना तो आज असंभव लगता है।

 ये दुनिया के दो सबसे बड़े निर्यातक देश हैं। इनका निर्यात का आंकड़ा भारत से कई गुना बड़ा है। दोनों देश लगभग 2500 अरब डॉलर का निर्यात करते हैं। उनका आयात भी कहीं ज्यादा है। महंगा बेचना और सस्ता खरीदना- यही उनकी समृद्धि का रहस्य है। भारत के लाखों प्रतिभाशाली लोग अमेरिका और यूरोपीय देशों को आर्थिक दृष्टि से समृद्ध बना रहे हैं। यदि भारत की प्रतिभा और परिश्रम का सही इस्तेमाल हो सके तो भारत की गिनती भी दुनिया के सबसे बड़े निर्यातकों में हो सकती है।

Web Title: Vedpratap Vaidik blog India achievement in the export sector

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