वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: दुनिया में भारतवंशियों का बज रहा डंका

By वेद प्रताप वैदिक | Updated: January 19, 2021 14:06 IST2021-01-19T14:06:11+5:302021-01-19T14:06:11+5:30

अमेरिका, ब्रिटेन, अबू धाबी और दुबई जैसी दुनिया में कई ऐसी जगहें हैं जहां भारतीय आज के दौर में बड़ी संख्या में मौजूद हैं. पिछले 20 साल में एक करोड़ भारतीय विदेशों में जाकर बस गए हैं.

Vedapratap Vedic blog: Indians and their presence in world | वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: दुनिया में भारतवंशियों का बज रहा डंका

अमेरिका, ब्रिटेन से लेकर सऊदी अरब तक भारतवंशियों का डंका (फाइल फोटो)

Highlightsपिछले 20 साल में एक करोड़ भारतीय विदेशों में जाकर बसे हैं, कई देशों में अच्छी-खासी मौजूदगीदुनिया के सब देशों में कुल 27 करोड़ विदेशी नागरिक, भारत के प्रवासियों की संख्या सबसे ज्यादा संयुक्त अरब अमीरात में इस समय 35 लाख भारतीय हैं, अमेरिका में 27 लाख

संयुक्त राष्ट्र की एक ताजा रपट में कहा गया है कि दुनिया के विभिन्न देशों में 1 करोड़ 80 लाख भारतीय प्रवास कर रहे हैं. मैं यदि इनकी संख्या दो करोड़ कहूं तो ज्यादा सही होगा, क्योंकि फिजी से सूरीनाम तक फैले 200 देशों में भारतीय मूल के लाखों लोग पिछले सौ-डेढ़ सौ साल से वहीं के होकर रह गए हैं. 

यातायात की सुविधाएं जब से बढ़ी हैं और तकनीक के विकास ने दुनिया को छोटा कर दिया है, लगभग सभी देशों में प्रवासियों की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी हो गई है. इस समय दुनिया के सब देशों में कुल मिलाकर 27 करोड़ विदेशी नागरिक रह रहे हैं. भारत के प्रवासियों की संख्या दुनिया में सबसे ज्यादा है.

अब से 50 साल पहले जब मैं न्यूयॉर्क के कोलंबिया विश्वविद्यालय में पढ़ता था, तब न्यूयॉर्क जैसे बड़े शहर में मुझे कोई भारतीय कहीं दिख जाता था तो मेरी बांछें खिल जाती थीं. हिंदी में किसी से बात करने के लिए मैं तरस जाता था लेकिन अब अमेरिका के छोटे-मोटे गांवों में भी आप भारतीयों से टकरा सकते हैं. 

अबू धाबी और दुबई तो अब ऐसे लगते हैं, जैसे वे कोई भारतीय शहर ही हों. संयुक्त अरब अमीरात में इस समय 35 लाख भारतीय हैं, अमेरिका में 27 लाख और सऊदी अरब में 25 लाख. आप दुनिया के किसी भी महाद्वीप में चले जाइए- ऑस्ट्रेलिया से अर्जेटीना तक आपको भारतीय लोग कहीं भी दिख जाएंगे. 

पिछले 20 साल में एक करोड़ भारतीय विदेशों में जाकर बस गए हैं. अमेरिका, यूरोप और सुदूर पूर्वी देशों में तो प्राय: पढ़े-लिखे लोग जाते हैं और अरब देशों में मेहनतकश लोग. सब मिलाकर ये भारतीय सालाना 5 लाख करोड़ रुपए भारत भेजते हैं. 

हमारे केरल जैसे प्रांतों की समृद्धि का श्रेय इसी को है. जो भारतीय विदेशों में रहते हैं, वे वहां की संस्कृति से पूरा ताल-मेल बिठाने की कोशिश करते हैं लेकिन भारतीय संस्कृति उनकी नस-नस में बसी होती है. वे भारत में नहीं रहते लेकिन भारत उनमें रहता है. वे उन देशों के लोगों के लिए बेहतर जीवन-पद्धति का अनुकरणीय आदर्श उपस्थित करते हैं. 

अमेरिका में तो यह माना जाता है कि वहां रहनेवाले भारतीय लोग समूह के रूप में सबसे अधिक सुशिक्षित, सुसंस्कृत और सम्पन्न वर्ग के लोग हैं. यदि ये भारतीय आज एकाएक भारत लौटने का फैसला कर लें तो अमेरिका को हृदयाघात (हार्ट अटैक) हो सकता है.

अब से 20 साल पहले मैंने लिखा था कि वह दिन दूर नहीं जबकि अमेरिका का राष्ट्रपति कोई भारतीय मूल का व्यक्ति होगा. कमला हैरिस इस लक्ष्य के पास पहुंच चुकी हैं. दुनिया के लगभग एक दर्जन देशों में भारतमाता के बेटे-बेटियां सर्वोच्च पदों पर या उन तक पहुंच चुके हैं. हमें उन पर गर्व है.

Web Title: Vedapratap Vedic blog: Indians and their presence in world

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे