वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: भारत-विरोधी आतंकवाद और जासूसी गंभीर मामला
By वेद प्रताप वैदिक | Published: September 21, 2020 03:23 PM2020-09-21T15:23:14+5:302020-09-21T15:23:14+5:30
भारत में लोकतंत्न है और कानून का राज है, इसलिए इन लोगों पर मुकदमा चलेगा. ये लोग अपने आप को निदरेष सिद्ध करने के लिए तथ्य और तर्क भी पेश करेंगे.
नौ आतंकियों और तीन जासूसों की गिरफ्तारी की खबर देश के लिए चिंताजनक है. आतंकी अल-कायदा और पाकिस्तान से जुड़े हुए हैं और जासूस चीन से! जासूसी के आरोप में राजीव शर्मा नामक एक पत्नकार को भी गिरफ्तार किया गया है. जिन नौ आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है, वे सब केरल के हैं. इनमें से कुछ प. बंगाल से भी पकड़े गए हैं.
इन दोनों राज्यों में गैर-भाजपाई सरकारें हैं. राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने इन लोगों को कुख्यात अल-कायदा और पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी से संपर्क रखते हुए पकड़ा है. ये आतंकी दिल्ली, मुंबई और कोच्चि में हमला बोलनेवाले थे. ये कश्मीर पहुंचकर पाकिस्तानी अल-कायदा द्वारा भेजे गए हथियार लेनेवाले थे.
भारत में लोकतंत्न है और कानून का राज है, इसलिए इन लोगों पर मुकदमा चलेगा. ये लोग अपने आप को निदरेष सिद्ध करने के लिए तथ्य और तर्क भी पेश करेंगे. उन्हें सजा तभी मिलेगी, जबकि वे दोषी पाए जाएंगे. लेकिन ये लोग यदि हिटलर के जर्मनी में या स्तालिन के सोवियत रूस में या माओ के चीन में या किम के उ. कोरिया में पकड़े जाते तो आप ही बताइए इनका हाल क्या होता?
जहां तक चीन के लिए जासूसी करने का सवाल है, यह मामला तो और भी भयंकर है. जासूसी सिर्फ पैसे के लिए की जाती है. लालच के खातिर ये लोग देशद्रोह पर उतारू हो जाते हैं. पत्नकार राजीव शर्मा और उसके दो चीनी साथियों पर जो आरोप लगे हैं, वे यदि सत्य हैं तो उनकी सजा कठोरतम होनी चाहिए. राजीव पर पुलिस का आरोप है कि उसने एक चीनी औरत और एक नेपाली आदमी के जरिये चीन-सरकार को डोकलाम, गलवान घाटी तथा हमारी सैन्य तैयारी के बारे में कई गोपनीय व नाजुक जानकारियां भी दीं.
इन तीनों के मोबाइल, लैपटॉप और कागजात से ये तथ्य उजागर हुए. राजीव के बैंक खातों की जांच से पता चला है कि साल भर में उसे विभिन्न चीनी स्त्नोतों से लगभग 75 लाख रु. मिले हैं. भारत के विरुद्ध जहर उगलनेवाले अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ में राजीव ने लेख भी लिखे हैं. देखना यह है कि उन लेखों में उसने क्या लिखा है? दिल्ली प्रेस क्लब के अध्यक्ष आनंद सहाय ने बयान दिया है कि राजीव शर्मा स्वतंत्न और अनुभवी पत्नकार है और उसकी गिरफ्तारी पुलिस का मनमाना कारनामा है.
वैसे तो किसी पत्नकार पर उक्त तरह के आरोप यदि सत्य हैं तो यह पत्नकारिता का कलंक है और यदि यह असत्य है तो इसे सरकार व पुलिस का बेहद गैर-जिम्मेदाराना काम माना जाएगा. दिल्ली पुलिस को पहले भी पत्नकारों के दो-तीन मामलों में मुंह की खानी पड़ी है. उसे हर कदम फूंक-फूंककर रखना चाहिए.