वेदप्रताप वैदिक का कॉलमः करतारपुर भावना आगे बढ़े
By वेद प्रताप वैदिक | Published: July 16, 2019 06:35 AM2019-07-16T06:35:02+5:302019-07-16T06:35:02+5:30
करतारपुर गलियारे को संचालित करने पर भाजपा और पाकिस्तान के बीच सैद्धांतिक सहमति हो गई है. इस्लामाबाद ने विश्वास दिलाया है कि वह करतारपुर गुरुद्वारे के नाम पर चलने वाली हर भारत-विरोधी गतिविधि पर प्रतिबंध लगाएगा.
करतारपुर गलियारे को संचालित करने पर भाजपा और पाकिस्तान के बीच सैद्धांतिक सहमति हो गई है. इस्लामाबाद ने विश्वास दिलाया है कि वह करतारपुर गुरुद्वारे के नाम पर चलने वाली हर भारत-विरोधी गतिविधि पर प्रतिबंध लगाएगा. उसने यह घोषणा भी की है कि भारत के प्रत्येक नागरिक को, यदि उसके पास पासपोर्ट है तो उसे वीजा बिना भी करतारपुर जाने दिया जाएगा.
भारत के आग्रह पर पाकिस्तान ने खालिस्तानी नेता गोपाल सिंह चावला को पाकिस्तान की सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से भी बाहर निकलवा दिया है. चावला ने भारत के विरुद्ध जहर उगलने का ठेका ले रखा था और वह उक्त कमेटी का महासचिव था. पाकिस्तान की फौज और सरकार उसका इस्तेमाल अपने एक हथियार की तरह करती रही है. इमरान खान की सरकार ने यह फैसला करने की हिम्मत की, यह अपने आप में बड़ी बात है. हालांकि पदमुक्त होने के बावजूद भी चावला अपनी भारत-विरोधी गतिविधि जारी रख सकता है.
दोनों देशों में अलगाववादी संगठनों और व्यक्तियों पर प्रतिबंध होना चाहिए. दोनों देश अटूट रहें, उन्नति करें और संपन्न बनें, तभी उनके संबंध सुधरेंगे. फिलहाल करतारपुर-भावना को आगे बढ़ाने की जरूरत है. दोनों देशों को एक-दूसरे के हवाई मार्गो पर से अब प्रतिबंध उठा लेना चाहिए. भारत के विमान पाक-सीमा से उड़कर नहीं जाते हैं. उन्हें चक्कर लगाकर ही पश्चिमी देशों में जाना पड़ता है.
फरवरी से अब तक 5-6 सौ करोड़ रु. का अतिरिक्त खर्च भारतीय विमानन कंपनियों तथा सरकार को करना पड़ा है. पाकिस्तान इस प्रतिबंध को हटाने के लिए यह शर्त रख रहा है कि भारत सीमा पर स्थित हवाई अड्डों पर तैनात अपने युद्धक विमानों को हटा ले. इस समय पाकिस्तान जैसे संकट में फंसा है, दूर-दूर तक यह संभावना नहीं है कि वह भारत पर कोई हमला करना चाहेगा. ऐसी परिस्थितियां अपने आप बन रही हैं कि कश्मीर का मसला भी सुलझ सकता है और भारत-पाक संवाद भी शुरू हो सकता है.