वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: नरम-गरम रही विदेश नीति

By वेद प्रताप वैदिक | Published: January 3, 2020 09:03 AM2020-01-03T09:03:51+5:302020-01-03T09:03:51+5:30

भारत-पाक संबंधों में इतना तनाव पैदा हो गया कि मोदी ने नए साल की शुभकामनाएं सभी पड़ोसी नेताओं को दीं लेकिन इमरान को नहीं दीं. उधर इमरान ने करतारपुर साहिब में सिखों के अलावा किसी के भी जाने पर पाबंदी लगा दी. यह हमारे उस नए नागरिकता कानून का जवाब मालूम पड़ता है, जिसमें पड़ोसी देशों के मुसलमानों के अलावा सबको शरण देने की बात कही गई है.

Ved Pratap Vaidik blog: India Foreign policy has been Soft & warm in 2019 | वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: नरम-गरम रही विदेश नीति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। (फाइल फोटो)

कई लोग पूछ रहे हैं कि विदेश नीति के हिसाब से पिछला साल कैसा रहा? मैं कहूंगा कि खट्टा-मीठा और नरम-गरम दोनों रहा. कश्मीर से अनुच्छेद 370 के विशेष प्रावधानों को हटाने के भारत के कदम को चीन के अलावा सभी महाशक्तियों ने भारत का आंतरिक मामला मान लिया. कश्मीर पर तुर्की और मलेशिया-जैसे देशों ने थोड़ी-बहुत आलोचना की लेकिन दुनिया के अधिकतर राष्ट्रों ने मौन धारण कर लिया था.

जहां तक पाकिस्तान का सवाल है, उसे तो कड़ा विरोध करना ही था. उसने किया भी लेकिन अंतर्राष्ट्रीय जगत तब भी कश्मीर के सवाल पर तटस्थ ही रहा. उसके पहले बालाकोट पर हुए भारत के हमले को चाहे पाकिस्तान ने ‘हवाई’ करार दे दिया हो लेकिन उसने मोदी सरकार की छवि में चार चांद लगा दिए. भारत-पाक संबंधों में इतना तनाव पैदा हो गया कि मोदी ने नए साल की शुभकामनाएं सभी पड़ोसी नेताओं को दीं लेकिन इमरान को नहीं दीं. उधर इमरान ने करतारपुर साहिब में सिखों के अलावा किसी के भी जाने पर पाबंदी लगा दी. यह हमारे उस नए नागरिकता कानून का जवाब मालूम पड़ता है, जिसमें पड़ोसी देशों के मुसलमानों के अलावा सबको शरण देने की बात कही गई है.

इस कानून का विरोध हो रहा है. इसने भारत में सारे विरोधी दलों को एक कर दिया है. यही वह कारण है, जिसके चलते अब इस्लामी सहयोग संगठन पाकिस्तान में कश्मीर के बहाने सम्मेलन कर इस मुद्दे को उठाएगा. दुनिया की कई संस्थाएं मानव अधिकार के मामले को कश्मीर और नागरिकता के संदर्भ में उठा रही हैं. 

अमेरिका के साथ हमारी व्यापारिक गुत्थी अभी तक उलझी हुई है और चीन के साथ व्यापारिक असंतुलन बढ़ता जा रहा है. सीमा का सवाल ज्यों का त्यों है. हमारे नागरिकता कानून से बांग्लादेश नाराज है. हमारे पड़ोसी देशों में चीन की घेराबंदी बढ़ रही है. अफगान-संकट के बारे में भारत की उदासीनता आश्चर्यजनक है. हमारी विदेश नीति में कोई दूरगामी और गहन व्यापक दृष्टि अभी तक दिखाई नहीं पड़ रही है.

Web Title: Ved Pratap Vaidik blog: India Foreign policy has been Soft & warm in 2019

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