वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: दिल्ली-दंगे और भारत की छवि

By वेद प्रताप वैदिक | Updated: March 5, 2020 10:11 IST2020-03-05T10:11:59+5:302020-03-05T10:11:59+5:30

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की छवि चमकाने में जो अपूर्व परिश्रम किया है, उस पर ही आंच आती दिखाई पड़ रही है. इस मुद्दे से निपटने का सही रास्ता सरकार को जल्दी से जल्दी ढूंढना चाहिए. दिल्ली के दंगों ने इसे तूल दे दिया है. यह बात ईरानी विदेश मंत्री जवाद जरीफ के एक बयान में भी दिखाई पड़ी.

Ved Pratap Vaidik blog: Delhi-riots and the image of India | वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: दिल्ली-दंगे और भारत की छवि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। (फाइल फोटो)

दिल्ली में हुए दंगों के बाद दो अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं आईं, जो कि काफी गंभीर हैं. पहली तो है-संयुक्त राष्ट्र मानव अधिकार आयोग की और दूसरी है, ईरान की ! इस आयोग ने जिनेवा स्थित हमारे दूतावास को बताया है कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय में वह एक याचिका दायर करनेवाला है, जिसमें उसका तर्क होगा कि भारत सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून पास करके भारतीय संविधान का उल्लंघन किया है. पड़ोसी देशों के मुस्लिम शरणार्थियों की उपेक्षा इस कानून की सबसे बड़ी कमी है. इस तरह का मुकदमा मेरी जानकारी में आज तक भारत की किसी अदालत में संयुक्त राष्ट्र की किसी संस्था ने नहीं किया है. यह अपूर्व है.

भारत सरकार ने इसकी कड़ी आलोचना की है. सर्वोच्च न्यायालय इस मुकदमे को अनुमति देगा या नहीं लेकिन एक बात निश्चित है कि इस खबर से ही दुनिया में भारत की छवि पर खराब असर पड़ेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की छवि चमकाने में जो अपूर्व परिश्रम किया है, उस पर ही आंच आती दिखाई पड़ रही है. इस मुद्दे से निपटने का सही रास्ता सरकार को जल्दी से जल्दी ढूंढना चाहिए. दिल्ली के दंगों ने इसे तूल दे दिया है. यह बात ईरानी विदेश मंत्री जवाद जरीफ के एक बयान में भी दिखाई पड़ी.

उन्होंने कहा कि भारतीय मुसलमानों पर हो रही हिंसा की वे निंदा करते हैं और चाहते हैं कि ईरान का यह पुराना मित्र सब भारतीयों की सुरक्षा का इंतजाम करे. इस पर हमारे विदेश मंत्रालय ने दिल्ली स्थित ईरानी राजदूत अली चगनी को बुलाकर नाराजगी जताई. यह ठीक है कि दिल्ली के दंगे भारत का आंतरिक मामला है और बाहरी देशों और संगठनों का उनमें टांग फंसाना अनुचित है लेकिन हमने क्या अमेरिकी और यूरोपीय देशों के साथ वही सख्ती दिखाई है, जो हम ईरान के साथ दिखा रहे हैं? अमेरिकी दबाव में हमने ईरानी तेल खरीदना बंद कर दिया है और चाहबहार बंदरगाह का काम भी अधर में लटका हुआ है. ईरान के साथ भारत के संबंध मधुर बने रहें, यह दोनों के लिए जरूरी है.

Web Title: Ved Pratap Vaidik blog: Delhi-riots and the image of India

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