लाइव न्यूज़ :

ये प्रस्तावित ग्रिड सपोर्ट शुल्क बिल्कुल ही नाजायज होगा

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: December 18, 2025 08:35 IST

उसका कहना है कि उपभोक्ता चूंकि महावितरण के ग्रिड का इस्तेमाल कर रहे हैं, इसलिए उन्हें शुल्क देना चाहिए.

Open in App

ऐसा साफ-साफ लग रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों को महावितरण चौपट करने पर आमादा हो गया है. प्रधानमंत्री ने सपना देखा है कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भारत आगे बढ़े ताकि देश में कोयले की खपत कम हो. प्रधानमंत्री ने न केवल सपना देखा बल्कि उसे जमीन पर उतारने के लिए उपभोक्ताओं को आर्थिक अनुदान भी देना शुरू किया. इसका नतीजा यह हुआ कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से वृद्धि दर्ज की गई. अत्यंत कम समय में सौर ऊर्जा उत्पादन में 25 फीसदी का इजाफा हुआ है. उम्मीद की जा रही है कि इसमें और इजाफा होगा लेकिन महावितरण ऐसी हरकतें कर रहा है कि लोगों को सौर ऊर्जा उत्पादन का पूरा लाभ ही न मिल पाए.

सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने वाले उपभोक्ताओं को पहले 24 घंटे लाभ मिल रहा था लेकिन महावितरण को यह रास नहीं आया और इसकी अवधि घटाकर 8 घंटे कर दी गई. यह सब इतने चुपके-चुपके किया गया कि ज्यादातर उपभोक्ताओं को इसकी जानकारी ही नहीं मिल पाई है. अब महावितरण चाहता है कि वह ग्रिड सपोर्ट शुल्क भी लगा दे. उसका कहना है कि उपभोक्ता चूंकि महावितरण के ग्रिड का इस्तेमाल कर रहे हैं, इसलिए उन्हें शुल्क देना चाहिए. सवाल यह उठता है कि महावितरण अभी जो स्थायी शुल्क ले रहा है, वह क्या है. जो उपभोक्ता सौर ऊर्जा उत्पादन कर रहे हैं और उनके पास थ्री फेज कनेक्शन है तो बिजली विभाग उनसे हर महीने 400 रुपए से ज्यादा स्थायी शुल्क के रूप में वसूलता है.

अब यह देखिए कि बहुत से उपभोक्ता अपने उपयोग से ज्यादा सौर ऊर्जा का उत्पादन कर रहे हैं और वह बिजली विभाग के पास जमा हो जाता है. इस जमा बिजली का मूल्य कायदे से वही मिलना चाहिए जिस दर पर बिजली विभाग उपभोक्ताओं को बिजली देता है. मगर ऐसा नहीं है. महावितरण उस जमा बिजली के लिए आधे से भी कम दर प्रदान करता है. इस बिजली के बदले मिलने वाली राशि उपभोक्ताओं के अकाउंट में महावितरण के पास ही जमा रहती है. इसी राशि में से स्थायी शुल्क की कटौती हो जाती है. यदि आप हिसाब लगाएं तो जो उपभोक्ता सौर ऊर्जा का उत्पादन कर रहे हैं उन्हें तो घाटा हो रहा है.

इस घाटे की भरपाई के बजाय महावितरण नया ग्रिड सपोर्ट शुल्क लाकर लोगों को परेशान करने की कोशिश कर रहा है. यदि महावितरण का यही रवैया रहा तो लोग सौर ऊर्जा का उत्पादन क्यों करेंगे? वे क्यों एकमुश्त राशि खर्च करेंगे? महावितरण को यह उपभोक्ता विरोधी रवैया त्यागना चाहिए और प्रधानमंत्री के सपनों को पूरा करने की कोशिश करनी चाहिए.

टॅग्स :नरेंद्र मोदीCoal MinistryEnergy Department
Open in App

संबंधित खबरें

विश्वविदेशी धरती पर पीएम मोदी को मिला इथियोपिया का सर्वोच्च सम्मान, यह अवार्ड पाने वाले बने विश्व के पहले नेता

भारतकौन हैं ऋतुराज सिन्हा?, नितिन नबीन की जगह दी जाएगी बड़ी जिम्मेदारी

भारतभाजपा को मां के समान मानते?, बिहार प्रमुख संजय सरावगी बोले-आगे बढ़ाने की दिशा में ईमानदारी से काम करेंगे

विश्वखुद ड्राइव कर प्रधानमंत्री मोदी को जॉर्डन संग्रहालय ले गए प्रिंस अल हुसैन बिन अब्दुल्ला द्वितीय, वीडियो

भारतसुशासन दिवस पर पीएम मोदी करेंगे राष्ट्र प्रेरणा स्थल का लोकार्पण, 232 करोड़ रूपए खर्च कर 65 एकड़ में बनाया गया राष्ट्र प्रेरणा स्थल

भारत अधिक खबरें

भारतलोकसभा में पास हुआ 'जी राम जी' बिल, शिवराज चौहाने बोले- "कांग्रेस ने बापू के आदर्शों को खत्म कर दिया"

भारतMaharashtra: बॉम्बे हाईकोर्ट में बम की धमकी से हड़कंप, मुंबई के बांद्रा और एस्प्लेनेड कोर्ट खाली कराए गए

भारतFlight Advisory: दिल्ली में घने कोहरे से उड़ाने प्रभावित, इंडिगो समेत एयरलाइंस ने जारी की एडवाइजरी

भारतChhattisgarh: सुकमा में सुरक्षाबलों और माओवादियों संग मुठभेड़, कई माओवादी ढेर

भारतPunjab Local Body Election Results: आप 60, कांग्रेस 10, शिअद 3 और भाजपा 1 सीट पर आगे, देखिए अपडेट