वर्ष 2022 में पवन और सौर ऊर्जा उत्पादन ने वैश्विक स्तर पर उत्पादित कुल बिजली के 12 प्रतिशत के कीर्तिमानी स्तर को छू लिया है। ऊर्जा क्षेत्र के थिंक टैंक एम्बर की हाल ही में जारी एक अहम रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है। जहां तक भारत का सवाल है तो वर्ष 2022 में यहां पवन तथा सौर ऊर्जा उत्पादन संयुक्त रूप से कुल बिजली उत्पादन का 9 प्रतिशत (165 टेरावाट) रहा।
इस दौरान भारत के छह राज्यों ने वैश्विक औसत से अधिक उत्पादन किया। इनमें गोवा (78 प्रतिशत), राजस्थान (36 प्रतिशत), गुजरात (30 प्रतिशत) और कर्नाटक (28 प्रतिशत) प्रमुख हैं। आंकड़ों से जाहिर होता है कि अब 60 से ज्यादा देश अपने यहां कुल उत्पादित बिजली का 10 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा पवन और सौर माध्यमों से पैदा करते हैं।
भारत के छह राज्यों में पवन और सौर बिजली का संयुक्त हिस्सा 2022 में वैश्विक औसत से ऊपर था। पिछले लगातार 18 सालों से सौर ऊर्जा साल दर साल 24 फीसदी की वृद्धि के साथ सबसे तेजी से बढ़ते वैश्विक ऊर्जा स्रोत के तौर पर अपना दबदबा बनाए हुए है। यह इतनी बिजली पैदा कर रहा है जिससे पूरे दक्षिण अफ्रीका की ऊर्जा संबंधी जरूरतें पूरी की जा सकती हैं।
इसी तरह वर्ष 2022 में पवन ऊर्जा उत्पादन में भी 17 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है जो लगभग पूरे ब्रिटेन की बिजली संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए काफी है। भारत में जहां सौर ऊर्जा उत्पादन में 39 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, वहीं पवन ऊर्जा उत्पादन में 2.9 फीसदी की कमजोर बढ़ोत्तरी दर्ज की गई।