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शोभना जैन का ब्लॉग: भारत और नेपाल के बीच ‘कालापानी’ की छाया

By शोभना जैन | Updated: November 23, 2019 13:17 IST

भारतीय राज्य उत्तराखंड की नेपाल से 80.5 किमी सीमा लगती है और 344 किमी चीन से. कालापानी सीमा विवाद वैसे तो काफी पुराना है लेकिन इसकी ताजा शुरु आत जम्मू-कश्मीर के बंटवारे के बाद भारत सरकार के नए नक्शे को जारी करने के बाद से हुई.

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ठळक मुद्दे भारत और श्रीलंका के संबंधों में उथल-पुथल सी नजर आ रही है. भारत - चीन - नेपाल के ट्राइजंक्शन पर स्थित कालापानी इलाका सामरिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है.

भारत  नेपाल  सीमा पर  सामरिक दृष्टि से अहम कालापानी भू-क्षेत्न के लंबे समय से चल रहे स्वामित्व विवाद को लेकर नेपाल में इन दिनों विरोध-प्रदर्शन बढ़ रहा है. इस बीच  नेपाल के प्रधानमंत्नी के. पी. ओली के हाल में दिए गए विवादास्पद तल्ख बयान से भारत और श्रीलंका के संबंधों में उथल-पुथल सी नजर आ रही है.

नेपाल ने इस पुराने विवाद के फिर से उभरने पर हालांकि इसके समाधान के लिए राजनयिक पहल की है और भारत ने इस पर सधी हुई संयत प्रतिक्रिया व्यक्त की है लेकिन नेपाल के साथ चीन की बढ़ती नजदीकियों के मद्देनजर यह विवाद तूल पकड़ रहा  है.

गत 31 अक्तूबर को भारत के नए आधिकारिक नक्शे के बाद इस विवाद पर अपनी सार्वजनिक प्रतिक्रिया में ओली ने कहा था कि कालापानी नेपाल का हिस्सा है, यह नेपाल, भारत और तिब्बत के बीच का ट्राइजंक्शन है और यहां से भारत को तत्काल अपने सैनिक हटा लेने चाहिए. इस पर भारत ने अपनी  आधिकारिक प्रतिक्रिया में कहा  कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद जारी नए नक्शे में भारत के भू-क्षेत्न का सटीक चित्नण किया गया है.  

भारत - चीन - नेपाल के ट्राइजंक्शन पर स्थित कालापानी इलाका सामरिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है. उत्तराखंड सीमा पर नेपाल-भारत और तिब्बत के ट्राइजंक्शन पर स्थित कालापानी करीब 3600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है.  यह उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में 35 वर्ग किमी जमीन है.

उधर, नेपाल सरकार का कहना है कि यह इलाका उसके दारचुला जिले में आता है. वर्ष 1962 में भारत-चीन के बीच युद्ध के बाद से इस इलाके पर भारत के आईटीबीपी के जवान तैनात हैं. दोनों देशों के बीच विवाद महाकाली नदी के उद्गम स्थल को लेकर है. यह नदी कालापानी इलाके से होकर गुजरती है.

भारतीय राज्य उत्तराखंड की नेपाल से 80.5 किमी सीमा लगती है और 344 किमी चीन से. कालापानी सीमा विवाद वैसे तो काफी पुराना है लेकिन इसकी ताजा शुरु आत जम्मू-कश्मीर के बंटवारे के बाद भारत सरकार के नए नक्शे को जारी करने के बाद से हुई. इस नए नक्शे पर नेपाल ने आपत्ति जताई है. दोनों देशों के बीच इस विवाद को राजनयिक तरीके से सुलझाने पर सहमति बनी है और बातचीत भी जारी है.  

गौरतलब है कि भारत और नेपाल सीमा 97 प्रतिशत चिन्हित हैं, केवल कालापनी और सुस्ता का भू-क्षेत्न चिन्हित नहीं है. बहरहाल विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत जारी है. नेपाल की समाजवादी पार्टी नेपाल के नेता और पूर्व प्रधानमंत्नी बाबूराम भट्टरई ने भी कहा है कि कालापानी को लेकर पीएम ओली भारतीय प्रधानमंत्नी नरेंद्र मोदी से बात करें. उम्मीद की जानी चाहिए कि  चीन कनेक्शन से परे जल्द ही दोनों  परंपरागत मित्न देश आपसी संवाद  की प्रक्रिया आगे बढ़ाते हुए इस मसले को हल कर लेंगे.

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