ब्लॉग: रिश्तों की कद्रदान थीं वह

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: August 8, 2019 11:11 AM2019-08-08T11:11:11+5:302019-08-08T11:11:11+5:30

तो मौत का मुकर्रर वक्त किसी को पता नहीं होता. लेकिन कैसे मान लें उन्हें पता नहीं था!

She was valued by relationships | ब्लॉग: रिश्तों की कद्रदान थीं वह

ब्लॉग: रिश्तों की कद्रदान थीं वह

(लेखक-ऋतुपर्ण दवे)

 तो मौत का मुकर्रर वक्त किसी को पता नहीं होता. लेकिन कैसे मान लें उन्हें पता नहीं था! भले ही दुनिया कहे कि सुषमा स्वराज का एकाएक चले जाना भौंचक्का करने वाला है पर इस सच्चाई का जवाब भी तो किसी के पास नहीं है कि उन्हें कैसे सब कुछ पता था! मौत की दस्तक से लगभग डेढ़ घंटे पहले शाम 7 बजकर 23 मिनट पर उनके प्रधानमंत्री को भेजे आखिरी ट्वीट का एक-एक शब्द बहुत कुछ कहता है और पूवार्भास का अहसास भी कराता है. अब यह सवाल ही रह जाएगा कि ऐसा उन्होंने क्यों लिखा. 


विलक्षण प्रतिभाओं से भरी वह सहज इंसान जो रिश्तों की कद्रदान थीं. विदेश मंत्री के रूप में जीवन के बेमिसाल आखिरी 5 साल बेहद यादगार रहेंगे. आखिरी समय तक सोशल मीडिया खासकर ट्वीटर पर आम और खास सभी से सीधे जुड़ी रहीं. मदद के इस हुनर ने हर किसी को उनका कायल बना दिया. एक ट्वीट और सरहद पार फंसे देशवासियों तक मदद पहुंचाना. 


चाहे सऊदी अरब का यमन पर हमला हो जिसमें 4 हजार से ज्यादा भारतीयों सहित 41 देशों के साढ़े 5 हजार से ऊपर नागरिकों की सुरक्षित वापसी हो या पाकिस्तान में फंसी गूंगी-बहरी गीता को सुरक्षित लाना हो या फिर जरूरतमंद पाकिस्तानियों को तुरंत मेडिकल वीजा दिलाकर यहां इलाज मुहैया कराना हो, वो काम हैं जिसके लिए सुषमा स्वराज हमेशा याद रहेंगी. इसी कारण पाकिस्तानी भी उन्हें हिंदुस्तान में अपनी दूसरी मां कहते रहे. 


 यूनाइटेड नेशन्स में बतौर विदेश मंत्री हिंदी में दिए भाषण के साथ उसे नसीहत देने के लिए भी सुर्खियों में रहीं. वहीं, बतौर विपक्ष के नेता यूपीए के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में लगातार उजागर हो रहे घोटालों पर लोकसभा में कहे शेर पर खूब दाद मिली- ‘‘तू इधर-उधर की बात न कर, ये बता कि काफिला क्यों लुटा? मुझे रहजनों से गिला नहीं, तेरी रहबरी का सवाल है.’’

थोड़े दिन बाद इसी शेर को यूं आगे बढ़ाया- ‘‘मैं बताऊं कि काफिला क्यों लुटा, तेरा रहजनों से वास्ता था और इसी का हमें मलाल है.’’ यह तो उनकी बानगी भर है. ऐसे जिंदादिल, लोकप्रिय, विनम्र कर्मयोगी,  संवेदनशील और सदा मुस्कुराते रहने वाले दबंग चेहरे का असमय चला जाना देश की अपूरणीय क्षति है

Web Title: She was valued by relationships

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