ऋषभ मिश्रा का ब्लॉगः‘जल प्रलय’ के लिए भ्रष्टाचार भी जिम्मेदार

By ऋषभ मिश्रा | Published: July 29, 2023 12:52 PM2023-07-29T12:52:33+5:302023-07-29T12:53:23+5:30

लगभग प्रत्येक वर्ष देश के किसी न किसी राज्य और क्षेत्र में वर्षा के दौरान आने वाली बाढ़ या जल प्रलय जैसी स्थिति के बाद इस बार भी यह सवाल कुछ अधिक ऊंचे स्वर में पूछा जाने लगा है कि इस तबाही की जिम्मेदार क्या केवल प्रकृति ही है? या फिर सरकार की गलत योजनाएं और व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार भी इसके लिए जिम्मेदार है?

Rishabh Mishra's blog Corruption is also responsible for Jal Pralay | ऋषभ मिश्रा का ब्लॉगः‘जल प्रलय’ के लिए भ्रष्टाचार भी जिम्मेदार

तस्वीरः ANI

देश के कई राज्य मूसलाधार बारिश की वजह से अभूतपूर्व संकट का सामना कर रहे हैं। कई राज्यों में तो जल प्रलय जैसी स्थिति बन गई। सैकड़ों लोग बाढ़, भूस्खलन की भेंट चढ़ गए। हजारों गांव पूरी तरह डूब गए। न जाने कितने मकान, होटल, व्यावसायिक केंद्र विभिन्न राज्यों में बह गए या फिर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए।

लगभग प्रत्येक वर्ष देश के किसी न किसी राज्य और क्षेत्र में वर्षा के दौरान आने वाली बाढ़ या जल प्रलय जैसी स्थिति के बाद इस बार भी यह सवाल कुछ अधिक ऊंचे स्वर में पूछा जाने लगा है कि इस तबाही की जिम्मेदार क्या केवल प्रकृति ही है? या फिर सरकार की गलत योजनाएं और व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार भी इसके लिए जिम्मेदार है? उदाहरण के तौर पर देश में असम और बिहार जैसे राज्यों की गिनती निश्चित रूप से सबसे अधिक बाढ़ प्रभावित राज्यों में की जाती है।

 असम और बिहार की भौगोलिक स्थिति भी ऐसी है कि नदी प्रधान इन राज्यों में लगभग प्रत्येक वर्ष बाढ़ आती ही रहती है। हजारों करोड़ रुपए सरकारों द्वारा नदियों के तटबंधों के निर्माण पर खर्च किए जाते हैं परंतु नदियों का जलस्तर बढ़ते ही इनमें से कई तटबंध टूट जाते हैं और इसी जल प्रवाह में बह जाते हैं। सवाल है कि नदियों पर निर्मित नए पुल या कुछ वर्षों पूर्व बनाए गए वे पुल आखिर क्यों बह जाते हैं? जबकि देश में हजारों ऐसे पुल अभी भी मौजूद हैं जो अठारहवीं शताब्दी में अंग्रेजों के द्वारा बनाए गए हैं?

शहर या फिर सोसाइटी बसाने से पहले जल निकासी की योजना पहले बनानी होती है। योजना में इस बात का ध्यान रखा जाता है कि किस क्षेत्र में अधिक जलभराव होता है और कौन से क्षेत्र निचले स्तर के हैं और साथ ही यह भी कि इन क्षेत्रों से जल निकासी का मार्ग क्या रखना है। ऐसे ड्रेनेज सिस्टम प्लान के मद्देनजर योजनाएं बनाई जाती हैं, पर इस तरह की विस्तृत योजना ईमानदारी से लागू ही नहीं की जाती। अगर शहर के पानी के निकासी के सिस्टम को ठीक से लागू कर दिया जाए तो शहर में पानी जमा होने की 70 से 80 प्रतिशत समस्या समाप्त हो सकती है। शहरों में बाढ़ आने का प्रमुख कारण नदी-नालों के किनारे अनधिकृत बस्तियों का बसना और ड्रेनेज सिस्टम पर जरूरत से ज्यादा दबाव है। गलत योजनाएं और भ्रष्टाचार ही इसके प्रमुख कारण 

Web Title: Rishabh Mishra's blog Corruption is also responsible for Jal Pralay

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे