रहीस सिंह का ब्लॉग: भारत के प्रति बदलता वैश्विक नजरिया

By रहीस सिंह | Published: September 10, 2019 03:19 PM2019-09-10T15:19:21+5:302019-09-10T15:19:21+5:30

जिस तरह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प सिंपल हार्मोनिक मोशन कर रहे थे और पाकिस्तान का सदाबहार दोस्त चीन पाकिस्तान के पाले में खड़ा था, उसे देखते हुए भारत को कुछ सफल, अग्रगामी और काउंटर करने वाले कदम उठाने की जरूरत थी.

Rahis Singh's blog: Changing global outlook towards India | रहीस सिंह का ब्लॉग: भारत के प्रति बदलता वैश्विक नजरिया

रहीस सिंह का ब्लॉग: भारत के प्रति बदलता वैश्विक नजरिया

Highlightsप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बियारित्ज (फ्रांस) जी-7 समिट के दौरान ही संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन की यात्रा पर भी गए थे. प्रयूएई के सर्वोच्च सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ जाएद’ से पीएम मोदी को किया गया था सम्मानित

आने वाले समय में 5 अगस्त 2019 की तिथि भारतीय राजनय के इतिहास में एक विभाजक रेखा के रूप में दर्ज होगी. इस तारीख को भले ही भारतीय संसद ने अपनी संप्रभु सीमाओं के अंदर संवैधानिक अधिकारों को प्रयोग करते हुए मूलभूत निर्णय लिया हो, लेकिन इसके बाद पाकिस्तान ने भारत को कूटनीतिक तौर पर डिग्रेट करने की मुहिम शुरू कर दी. भारत के लिए यद्यपि यह बड़ी चुनौती नहीं थी लेकिन जिस तरह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प सिंपल हार्मोनिक मोशन कर रहे थे और पाकिस्तान का सदाबहार दोस्त चीन पाकिस्तान के पाले में खड़ा था, उसे देखते हुए भारत को कुछ सफल, अग्रगामी और काउंटर करने वाले कदम उठाने की जरूरत थी. लेकिन पिछले एक महीने में भारतीय नेतृत्व के प्रयास के चलते जिस तरह के परिणाम देखने को मिले उनके चलते पाकिस्तान अनिश्चय की स्थिति में पहुंच रहा है और भारत दक्षिण एशिया के नेता के रूप में ही नहीं, एशियाई नेता के रूप में अपनी पहचान बना रहा है.

कश्मीर पर एक ऐतिहासिक निर्णय लेने के बाद प्रधानमंत्री जब जी-7 सम्मेलन में भाग लेने के लिए गए तो उम्मीद थी कि भारत की जी-7 डिप्लोमेसी सफल होनी चाहिए, लेकिन जिस तरह से भारत पाकिस्तान को अलग-थलग करने में सफल रहा, वह भारत के लिए एक बहुत बड़ी कूटनीतिक विजय है. महत्वपूर्ण बात यह रही कि पाकिस्तान के मित्र अब अपना परंपरागत माइंडसेट बदलते दिख रहे हैं और भारत के साथ निर्णायक या स्वाभाविक साझेदारी की तरफ बढ़ने का संदेश दे रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बियारित्ज (फ्रांस) जी-7 समिट के दौरान ही संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन की यात्रा पर भी गए थे. प्रधानमंत्री मोदी 23 अगस्त को यूएई के लिए रवाना हुए जहां उनको आबुधाबी के प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जाएद अल नहयान ने यूएई के सर्वोच्च सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ जाएद’ से सम्मानित किया. यह व्यक्तिगत कूटनीति की विजय का प्रतीक है.

कुल मिलाकर भारत की रूस के साथ डिप्लोमेटिक बॉउंडिंग तो शीतयुद्ध के दौर की दोस्ती के रूपों में परिलक्षित होती दिख रही है, साथ ही पूरब से लेकर पश्चिम तक, जिसमें अमेरिका, फ्रांस और जर्मनी के साथ-साथ अरब देश और कुछ अन्य उभरती शक्तियां शामिल हैं, भी भारत के साथ कदम बढ़ाने के लिए उत्सुक हैं. अब भारत को इन्हें एक साथ बनाए रखने और उनसे डिप्लोमेटिक डिविडेंड हासिल करने की रणनीति पर काम करना है.

Web Title: Rahis Singh's blog: Changing global outlook towards India

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