लाइव न्यूज़ :

रघुनाथ धोंडो कर्वे, ध्यास पर्व और डेढ़ सौ करोड़ हो गए हम

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: December 16, 2025 07:16 IST

उनकी पत्रिका ‘समाज स्वास्थ्य’ के खिलाफ तो वे महिलाएं भी खड़ी हो गईं, जो स्त्री-पुरुष समानता की पैरोकार थीं.

Open in App

सुनील सोनी

अजीज उर रहमान शहीद फतेहपुरी की गजल है...‘‘अजब कैफियत आखिर तलक रही दिल की / फराज-ए-दार में भी जुस्तुजू थी मंजिल की...’’

2001 में अमोल पालेकर की मराठी फिल्म ‘ध्यास पर्व’ आई, तो बहुत नहीं चली, पर प्रगति के हामी लोगों ने इस ‘जीवनी’ को खासा पसंद किया. हालांकि उसका हिंदी रूप ‘कल का आदमी’ तो शायद ही किसी ने देखा हो. 1953 में रघुनाथ धोंडो कर्वे के गुजरने की आधी सदी बाद; डेढ़ सौ करोड़ से अधिक आबादी वाले देश में उन्हें याद करना ही ‘मंजिल की जुस्तुजू’ है. आधुनिक चिकित्सा के चरम के बावजूद भारत में अब भी लाखों महिलाएं प्रसूति के दौरान मरती हैं या जीवनभर उससे लगे घाव बर्दाश्त करती हैं. इनकार का अधिकार तो बहुत दूर की बात है.

‘भारतरत्न’ पिता महर्षि कर्वे और ‘सुधारक’ गोपाल गणेश आगरकर के स्त्रीमुक्ति के पथ पर रघुनाथ (र.धों.) काफी आगे निकल गए. प्रसूति के समय मां की मौत के कारणों की तलाश और उन जैसी लाखों महिलाओं की दुर्गति देखकर उन्होंने सामाजिक सुधारों के साथ स्त्री-पुरुषों में यौन शिक्षा का बीड़ा उठाया और आंदोलन के रूप में आगे बढ़ाया.

रूढ़िवादियों के भीषण विरोध के बावजूद उनकी कलम में जादू था कि उदारवादियों ने दबे स्वर से ही सही, उनके काम को सराहा. 1919 में वे गणित में पीएचडी करने पेरिस पहुंचे, तो तथाकथित आधुनिक यूरोप में स्त्रियों के प्रति व्याप्त दकियानूस विचार और आचरण ने उन्हें सतर्क किया कि स्त्री स्वतंत्रता के नए आयाम पर काम करना ही असली रास्ता है.

यह वह वक्त था, जब इंग्लैंड में भी यौन शिक्षा पर सार्वजनिक रूप से कुछ कहना निषिद्ध था और हैवलॉक एलिस को अपनी किताबें जर्मनी-अमेरिका से प्रकाशित करने पर विवश होना पड़ा था. फ्रांस से गर्भनिरोध के साधन व साहित्य से भरा बक्सा लेकर लौटे र.धों. ने 1921 में न केवल लंदन में, बल्कि मुंबई के परेल में पहला परिवार नियोजन केंद्र स्थापित किया. 1923 में ‘परिवार नियोजन’ पर पहली व्याख्यानमाला का भारी विरोध हुआ. उनकी पत्रिका ‘समाज स्वास्थ्य’ के खिलाफ तो वे महिलाएं भी खड़ी हो गईं, जो स्त्री-पुरुष समानता की पैरोकार थीं. दूसरे कई प्रिंटिंग प्रेस के साथ ही गोपाल कृष्ण गोखले की ‘सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी’ के प्रिंटिंग प्रेस बॉम्बे वैभव ने भी ‘समाज स्वास्थ्य’ को सहमति के बावजूद छापने से इनकार कर दिया. द्वितीय विश्वयुद्ध की वजह से कागज व अन्य सामग्री की कमी के बावजूद र.धों. ने पत्रिका को जारी रखा.

विडम्बना ही थी कि मशहूर साहित्यकार जब प्रेम व प्रणय लीला पर चटखारेदार कहानियां लिख रहे थे और अश्लील पत्रिकाएं चोरी-छिपे खूब छप रही थीं; तब र.धों. निषिद्ध विषयों पर मर्मस्पर्शी आलेख और किताबें लिख रहे थे, जो स्त्रियों को यौन समानता व अधिकार को आंदोलन बनाने के हामी थे. उनकी किताबों में ‘आधुनिक आहारशास्त्र’, ‘आधुनिक कामशास्त्र’, ‘संतति नियमन : विचार व आचार’, ‘वेश्या व व्यवसाय’, ‘पॅरिसच्या परी’, ‘तेरा गोष्टी’ की मूल प्रतियां बड़ी मुश्किल के बावजूद अब उपलब्ध हैं.

जूते-चप्पल फेंके जाने, उपहास का पात्र बनाए जाने और अश्लीलता के आरोपों में मुकदमों के बावजूद वे अडिग रहे. उन्हें पत्नी मालतीबाई के साथ मशहूर विद्वान ‘रैंगलर’ परांजपे, विदुषी शकुंतला परांजपे और बाबासाहब आंबेडकर जैसे शुभचिंतक और मित्र मिले. र.धों. की यात्रा में मालतीबाई कंधे से कंधा लगाकर र.धों. के अभियान में जुटी रहीं, बल्कि उन्हें परिवार नियोजन की सर्जरी करवाने की इजाजत भी दी.

र.धों. ने आलेख ही नहीं लिखे, फ्रांसीसी कहानियों और नाटकों को मराठी में अनूदित किया. नाटक, सिनेमा, संगीत और साहित्य पर आलोचनाएं लिखीं. लगातार 27 वर्षों तक यानी मृत्युपर्यंत वे ठोस सैद्धांतिक आधारों और दलीलों पर इस कार्य को आगे बढ़ाते रहे. अमोल पालेकर ने जैसे उनके क्रांतिकारी कार्यों व विचारों पर ‘ध्यास पर्व’ और ‘कल का आदमी’ बनाई, वैसे ही श्री. जे. जोशी ने उपन्यास लिखा, ‘रघुनाथाची बखर.’ अजित दलवी के नाटक ‘समाज स्वास्थ्य’ को 2017 में मशहूर रंगकर्मी अतुल पेठे ने मंचित किया, तो उसे बहुत सराहना मिली, पर वैसी नहीं जैसी 21वीं सदी के समाज में मिलनी चाहिए. न्यूयॉर्क के प्रगतिवादी वैचारिक संगठन ‘महाराष्ट्र फाउंडेशन’ ने ‘समाज स्वास्थ्य’ के सभी अंकों के संग्रह वाली र.धों. को समर्पित वेबसाइट https://radhonkarve.com/ 2022 में आरंभ की, जिसमें अंजलि जोशी और अमोल पालेकर ने प्रस्तावना आलेख लिखे हैं. हिंदी समाज क्रांति की इस धारा से अब भी अछूता है.

टॅग्स :महाराष्ट्रहिस्ट्रीफिल्म
Open in App

संबंधित खबरें

भारतMaharashtra Local Body Elections 2026 Dates Announced: 29 निकाय, 2,869 सीट, 3.48 करोड़ मतदाता, 15 जनवरी को मतदान और 16 जनवरी 2026 को मतगणना

भारतनिकाय चुनावों में भाजपा-शिवसेना का गठबंधन, सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा- अजित पवार से दोस्ताना मुकाबला

कारोबार177319.84 करोड़ रुपये के यूसी जमा नहीं, महाराष्ट्र सरकार के कई विभाग पिछड़े, कैग रिपोर्ट में खुलासा, जल्दबाजी में खर्च किए बजट

क्राइम अलर्ट5 वर्षीय लड़की के घर के पास देखा, 32 वर्षीय शख्स ने चॉकलेट का लालच देकर बहलाया, रेप के बाद गला घोंटकर हत्या

भारत“मुंबई के खजाने को लूटने वाले रहमान डकैत” कौन है?, एकनाथ शिंदे ने कहा-‘धुरंधर महायुति’ गठबंधन देगा जवाब?

भारत अधिक खबरें

भारतNational Herald money laundering case: सोनिया और राहुल गांधी को राहत, अदालत ने संज्ञान लेने से किया इनकार

भारतSIR in West Bengal: चुनाव आयोग ने जारी की SIR ड्राफ्ट लिस्ट, 58 लाख से ज्यादा नाम कटे, जानें वोटर लिस्ट में अपना नाम चेक करने का तरीका

भारतENG VS AUS Ashes 2025-26: तीसरे मैच में स्टीव स्मिथ कप्तान नहीं, कमिंस संभालेंगे कमान, सीरीज में 2-0 से आगे ऑस्ट्रेलिया, देखिए प्लेइंग इलेवन

भारतजम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बिजली सकंट, भयंकर ठंड के बीच बिजली की कटौती से लोगों को हो रही परेशानी

भारतदिल्ली-आगरा एक्सप्रेसवे पर कोहरे की वजह से भीषण हादसा, बसों और कारों में लगी आग; 4 की मौत