सारंग थत्ते का ब्लॉग: भारत के लिए गेम चेंजर साबित होगा राफेल
By सारंग थत्ते | Published: October 10, 2019 07:04 AM2019-10-10T07:04:16+5:302019-10-10T07:04:16+5:30
वायुसेना दिवस की हिंडन एयर बेस से परेड में शामिल पुराने दौर के डकोटा और टाइगर मॉथ ने दर्शकों को आकाश में टकटकी लगाए रखा था
भारतीय तिरंगे के साथ तुम्हारी तस्वीर विजयादशमी को दोपहर टीवी पर देखी. जोश से लबरेज हो उठा था पूरा भारत - गर्व महसूस कर रहा था. पिछले कुछ सालों से तुम्हारे बारे में इतना कुछ सुना था और फिर जब हमारे रक्षा मंत्री को मंच से तुम्हारे बारे में यह कहते सुना कि राफेल भारत के लिए गेम चेंजर साबित होगा, तब तो भारतमाता की जयजयकार लग चुकी थी. हम सब उतावले हैं तुम्हें करीब से देखने के लिए, आकाश में तुम्हारी गर्जन सुनने के लिए, ऊंचे आकाश में तुम्हारी अठखेलियां सब को भानेवाली हैं, दुश्मन के पसीने छूटने शुरू हो चुके हंै. सीमा पार बिल्कुल खामोशी है. वो समझ रहे हैं कि तुम एक तरह से भारत का ब्रह्मास्त्र हो.
सुबह वायुसेना दिवस की हिंडन एयर बेस से परेड में शामिल पुराने दौर के डकोटा और टाइगर मॉथ ने दर्शकों को आकाश में टकटकी लगाए रखा था. सुखोई, मिग, जगुआर, मिराज, तेजस, आईएल-78, चिनूक, अपाचे, सारंग हेलिकॉप्टर टीम के हैरतअंगेज कारनामे और सूर्यकिरण विमानों ने कलाबाजी खाकर दर्शकों में जोश भर दिया था. उस फ्लायपास्ट ने नीले आकाश में भारत के रंग भर दिए थे. हम सब वाकई गौरवान्वित थे. फिर दोपहर को फ्रांस के मेरिनियाक से राफेल की खबर आनी शुरू हुई.
पहले राफेल जिस पर आरबी 001 अंकित था, को फ्रांस के रक्षा मंत्री और दसॉल्ट एविएशन के सीईओ ने हमारे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को अधिकारिक तौर पर सौंपा. एक समा बांध दिया था - भारतीय इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा गया वह लम्हा! दशहरे पर शस्त्र पूजा का चलन हमारी सशस्त्र सेनाओं में प्रचलित है. रक्षा मंत्री ने राफेल को भी टीका लगाकर उस पर ओम लिखा, टायरों के नीचे दो नींबू रखे गए और पंडितजी ने मंत्र पढ़े. नयी पीढ़ी का लड़ाकू जहाज, हमारा नया शस्त्र- राफेल हमारे लिए विशेष तौर पर बनाया गया था, उसका पहला संस्करण हम देख रहे थे.
59,000 करोड़ रुपये के कुल 36 राफेल जहाजों को आते आते 2022 का साल आ चुका होगा. लेकिन पहले चार राफेल जो फिलहाल तैयार हैं, उन्हें अगले वर्ष मई माह में भारत भेजने की योजना है. तब तक इन पर भारतीय पायलटों और अन्य तकनीकी कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. कुछ रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले गणतंत्र दिवस पर राफेल को पूरा भारत देखना चाहेगा. सवाल है क्या तबतक हमारे जांबाज पायलट, राफेल की उड़ान की बारीकियों को समझ कर इसमें उड़ान के लिए लामबंद हो सकेंगे ? हमारी अपनी सीमा की रक्षा के लिए और आतंक को खत्म करने के लिए राफेल अपने आप में एक गेमचेंजर की भूमिका निभाएगा यह सम्पूर्ण सत्य है, इसीलिए अब भारतीय वायुसेना आने वाले समय का बेसब्री से इंतजार कर रही है