रंजना मिश्रा- ब्लॉग: देश में होगा क्वांटम तकनीक का विकास
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: April 28, 2023 04:07 PM2023-04-28T16:07:03+5:302023-04-28T16:10:55+5:30
पीएम मोदी ने हाल ही में राष्ट्रीय क्वांटम मिशन को मंजूरी दी है। इस मिशन में 2023-24 से 2030-31 तक 6,003.65 करोड़ रुपए की लागत आएगी।
क्वांटम प्रौद्योगिकी में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में 19 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने बहुप्रतीक्षित राष्ट्रीय क्वांटम मिशन को मंजूरी प्रदान की है।
अभी तक अमेरिका, चीन, कनाडा, ऑस्ट्रिया, फिनलैंड और फ्रांस में इस प्रकार का मिशन शुरू किया जा चुका है। अब भारत भी इस दिशा में काम करने वाला सातवां देश बन गया है।
इस मिशन में 2023-24 से 2030-31 तक 6,003.65 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इस मिशन के तहत 5 वर्षों में 50-100 भौतिक क्यूबिट्स और 8 वर्षों में 50-1000 भौतिक क्यूबिट्स के साथ मध्यवर्ती स्तर के क्वांटम कम्प्यूटर विकसित करने की योजना है।
दरअसल, क्यूबिट्स या क्वांटम बिट्स क्वांटम कम्प्यूटरों द्वारा उपयोग की जाने वाली प्रक्रिया की इकाइयां हैं। इस मिशन का उद्देश्य भारत में क्वांटम प्रौद्योगिकी में एक जीवंत और अभिनव पारिस्थितिकी तंत्र बनाना, क्वांटम प्रौद्योगिकी के नेतृत्व वाले आर्थिक विकास को गति देना तथा भारत को क्वांटम प्रौद्योगिकियों और अनुप्रयोगों के विकास में अग्रणी देश बनाना है।
इसके अलावा भारत का लक्ष्य दूसरे देशों से तकनीक मांगने की बजाय, अपने स्तर पर क्वांटम तकनीक का स्वदेशी विकास करना है। क्वांटम प्रौद्योगिकी विज्ञान और इंजीनियरिंग का वह क्षेत्र है, जो क्वांटम यांत्रिकी के सिद्धांतों से संबंधित होता है।
यह सबसे छोटे पैमाने पर पदार्थ और ऊर्जा के व्यवहार का अध्ययन करता है। आधुनिक युग की तकनीकों और प्रौद्योगिकियों के विकास के सफर में क्वांटम प्रौद्योगिकी सबसे तेजी से विकसित हो रही प्रौद्योगिकियों में से एक है।
वैसे अभी तक इस तकनीक में अधिक तरक्की नहीं हो सकी और न ही इसका व्यावहारिक उपयोग संभव हो पाया है, लेकिन भविष्य में इसको लेकर अनेक संभावनाएं जताई जा रही हैं। क्वांटम प्रौद्योगिकी मुख्यतः क्वांटम मैकेनिक्स के सिद्धांतों पर आधारित होती है।