पुलवामा हमले पर क्यों नहीं आई नसीरुद्दीन शाह की पतिक्रिया?

By विकास कुमार | Updated: February 16, 2019 19:14 IST2019-02-16T17:57:50+5:302019-02-16T19:14:10+5:30

सलमान खान, शाहरुख़ खान और आमिर खान के अलावा अजय देवगन, अक्षय कुमार, जावेद अख्तर, कंगना रानौत, शबाना आजमी और तमाम कलाकारों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. लेकिन नसीरुद्दीन शाह ख़ामोशी की चादर ओढ़े नेपथ्य में चले गए हैं.

PULWAMA ATTACK: Nasiruddin Shah has not spoken on CRPF martyrs yet | पुलवामा हमले पर क्यों नहीं आई नसीरुद्दीन शाह की पतिक्रिया?

पुलवामा हमले पर क्यों नहीं आई नसीरुद्दीन शाह की पतिक्रिया?

Highlightsबॉलीवुड के अधिकाँश लोगों ने पुलवामा हमले को लेकर अपने गुस्से का इजहार किया है.नसीरुद्दीन शाह ख़ामोशी की चादर ओढ़े नेपथ्य में चले गए हैं.

पुलवामा में पाकिस्तान की कायराना आतंकवादी हमले के बाद पूरे देश ने अपना गुस्सा जाहिर किया. राजनेता से लेकर बॉलीवुड के तमाम लोगों ने जवानों को श्रद्धांजलि दी है. लेकिन इस बीच कुछ खामोश नामों में नसीरुद्दीन शाह का नाम सबसे ऊपर आ रहा है. बॉलीवुड के अधिकांश लोगों ने प्रतिक्रिया दी है लेकिन नसीरुद्दीन शाह अभी तक चुप्पी साधे हुए हैं. उनकी तरफ से इतने बड़े अमानवीय हमले को लेकर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलना चौंकाने वाला है. 

नसीरुद्दीन शाह ने हाल ही में कहा था कि देश में नफरत का माहौल बन रहा है और उन्हें इस बात की चिंता रहती है कि कहीं उनके बच्चों को साम्प्रदायिकता के नाम पर कुर्बान न कर दिया जाये. इस बयान को लेकर उनकी आलोचना भी हुई थी. लेकिन आज जब देश पर इतनी बड़ी आफत आई है तो सहिष्णुता का ठेका लेने वाले नसीरुद्दीन शाह देश के शहीद जवानों के पक्ष में दो वाक्य भी बोलने की हिमाकत नहीं उठा पा रहे हैं. 



 



 



 



 



 



 

बॉलीवुड में हर चेहरे ने इस दुःख की घड़ी में ट्वीट किया है. तीनों खान के अलावा अजय देवगन, अक्षय कुमार, जावेद अख्तर, कंगना रानौत, शबाना आजमी और तमाम कलाकारों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. लेकिन नसीरुद्दीन शाह ख़ामोशी की चादर ओढ़े नेपथ्य में चले गए हैं. देश के सहिष्णुता के ठेकेदार के जुबान पर ताला क्यों लग गया इसकी वजह सभी लोग जानना चाहते हैं?

नसीरुद्दीन शाह एक मौके पर कह चुके हैं कि उन्हें पकिस्तान में भी उतना ही प्यार मिलता है जितना भारत में मिलता है. नसीर को नजदीक से जानने वाले लोग कहते हैं कि वो अपनी बातों को बेबाक तरीकों से रखते हैं और यहीं उनकी सबसे बड़ी खूबी है. समाज की कमियों के उठाने के अलावा क्या नसीरुद्दीन शाह प्रतिक्रियावादी नहीं हैं. दरअसल हिंदुस्तान के कलाकार और बुद्धिजीवियों का एक वर्ग हमेशा से अपनी सहूलियत के अनुसार बयान देता रहा है. 

जब पूरा देश गमगीन है तो ऐसे में कम से कम शाह एक प्रतिक्रिया तो दे ही सकते थे. लेकिन इस मुद्दे पर उनकी ख़ामोशी ने ये बता दिया है कि उनकी भावनाएं सेलेक्टिव हैं और समाज के हित से ज्यादा खुद के हित के लिए हैं. 


 

Web Title: PULWAMA ATTACK: Nasiruddin Shah has not spoken on CRPF martyrs yet

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