ब्लॉग: भारत जोड़ो यात्रा में दिखने लगी है सकारात्मकता-बदलने लगी है राहुल गांधी की छवि, महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दे भाजपा के लिए आज भी है चुनौती

By विश्वनाथ सचदेव | Published: January 11, 2023 05:09 PM2023-01-11T17:09:02+5:302023-01-11T17:18:34+5:30

आपको बता दें कि आम चुनाव अभी कुछ दूर हैं, पर नौ राज्यों में चुनाव बहुत दूर नहीं हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों का मुकाबला भाजपा कैसे करेगी।

Positivity in Bharat Jodo Yatra Rahul Gandhi image changing issues like inflation unemployment still challenging BJP | ब्लॉग: भारत जोड़ो यात्रा में दिखने लगी है सकारात्मकता-बदलने लगी है राहुल गांधी की छवि, महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दे भाजपा के लिए आज भी है चुनौती

फोटो सोर्स: Twitter @CHARANJITCHANNI / @SevadalTL/ ANI

Highlightsराहुल गांधी द्वारा शुरू की गई भारत जोड़ो यात्रा में सकारात्मकता दिखने लगी है। यही नहीं इस यात्रा से कांग्रेस नेता की छवि भी बदलने लगी है।ऐसे में भाजपा के लिए आज भी महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दे चुनौती साबित हो रहे है।

नई दिल्ली:राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ जब शुरू हुई तो ऐसे लोगों की कमी नहीं थी, जिन्होंने इसे संशय की दृष्टि से देखा था. बहुतों ने मजाक भी उड़ाया था और बार-बार इस आशय का संदेश देने की कोशिश की थी कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी का यह दांव ‘सफल’ होने जैसी चीज ही नहीं है. 

भारत जोड़ो यात्रा’ से बदल रही है राहुल गांधी की छवि

सफलता से उनका क्या आशय था, यह तो नहीं पता, पर जिस तरीके और गति से यह यात्रा आगे बढ़ रही है, उसने देश के सत्तारूढ़ दल में खलबली अवश्य मचा दी है. इस यात्रा को जो जनसमर्थन मिल रहा है और जिस तरह से राहुल गांधी की छवि में अंतर आ रहा है, वह कांग्रेस पार्टी के लिए निश्चित रूप से उत्साहवर्धक है और भाजपा के लिए एक खतरे की घंटी भी.

यह कहना तो अभी मुश्किल है कि कांग्रेस पार्टी को इस यात्रा का कितना राजनीतिक लाभ मिलेगा अथवा यह जनसमर्थन आम चुनाव में वोटों में कितना बदलेगा, पर यह स्पष्ट दिख रहा है कि यात्रा की शुरुआत में ‘भारत जोड़ने’ को लेकर कांग्रेस-विरोधी जो मजाक उड़ा रहे थे, अब उनका स्वर धीमा पड़ गया है. 

जिस यात्रा का पहले उड़ाया गया था मजाक, अब वह असर दिखा रहा है

भाजपा के छोटे-बड़े कई नेता इस आशय के बयान दे रहे थे कि किस भारत को जोड़ने की बात राहुल गांधी कह रहे हैं, भारत को जोड़ना ही है तो उन्हें अफगानिस्तान में जाकर यह यात्रा करनी चाहिए! 

उनके कहने का मतलब साफ था कि भारत तो अफगानिस्तान से लेकर म्यांमार तक फैला था, इन देशों को भारत में जोड़ने की बात राहुल गांधी को करनी चाहिए. सच पूछा जाए तो आज यह सोच ही मजाक लग रही है, पर यही कह कर कोशिश की जा रही थी इस यात्रा का मजाक उड़ाने की.

महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों भाजपा पर आने वाले चुनाव में हाबी रहेंगे

यह सही है कि देश को जोड़ने की अपनी बात को, और अपनी इस कोशिश को, राहुल गांधी चुनावी राजनीति से अलग करके दिखाना चाह रहे हैं, पर हकीकत यही है कि यह एक सोचा-समझा राजनीतिक दांव है, और अब जबकि यात्रा दो तिहाई से अधिक पूरी हो चुकी है, भाजपा को भी यह डर सताने लगा है कि कहीं दांव सफल न हो जाए!

आम चुनाव अभी कुछ दूर हैं, पर नौ राज्यों में चुनाव बहुत दूर नहीं हैं. यह देखना दिलचस्प होगा कि महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों का मुकाबला भाजपा कैसे करेगी. देश में बेरोजगार युवाओं की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है. आंकड़ों से भले ही कुछ भी समझाने की कोशिश की जा रही हो, पर भूख का तर्क सबसे मजबूत होता है. 

क्या भाजपा को मुफ्त ‘रेवड़ियों’ का लाभ भी मिलेगा?

अस्सी करोड़ भारतीयों को मुफ्त राशन देने की योजना को एक साल के लिए और बढ़ा दिया गया है. इन ‘रेवड़ियों’ का लाभ भाजपा को मिल सकता है, पर यह सवाल तो पूछा ही जाएगा कि वे कैसी नीतियां हैं जिनके चलते देश की आधी से ज्यादा आबादी को मुफ्त अनाज देने की जरूरत खत्म ही नहीं हो रही?
 

Web Title: Positivity in Bharat Jodo Yatra Rahul Gandhi image changing issues like inflation unemployment still challenging BJP

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