पीयूष पांडे का ब्लॉग: कोरोना काल में प्रेम और प्रेमी

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: June 13, 2020 01:05 PM2020-06-13T13:05:36+5:302020-06-13T13:05:36+5:30

कुछ दिन पहले तक प्रेमी-प्रेमिका आराम से घर से निकलकर इश्क-मुहब्बत के गीत गाया करते थे. इन दिनों घर से निकलने की बात कहते ही घरवाले सीआईडी के एसीपी प्रद्युम्न की तरह पचास सवाल करते हैं.

Piyush Pandey's Blog: Love and Lovers in the Corona Period | पीयूष पांडे का ब्लॉग: कोरोना काल में प्रेम और प्रेमी

पीयूष पांडे का ब्लॉग: कोरोना काल में प्रेम और प्रेमी

कोरोना काल में शेयर बाजार का सूचकांक तो धराशायी होने के बाद पटरी पर लौट रहा है, लेकिन प्रेम और प्रेमियों का सूचकांक अभी भी औंधे मुंह गिरा पड़ा है. जिस तरह पड़ोसी देशों में चीन ने भारत को सबसे ज्यादा परेशान किया हुआ है, वैसे ही कोरोना से त्रस्त तमाम समुदायों में सबसे ज्यादा परेशान प्रेमी समुदाय है.

कुछ दिन पहले तक प्रेमी-प्रेमिका आराम से घर से निकलकर इश्क-मुहब्बत के गीत गाया करते थे. इन दिनों घर से निकलने की बात कहते ही घरवाले सीआईडी के एसीपी प्रद्युम्न की तरह पचास सवाल करते हैं.

कहां-कब-कैसे-क्यों जैसे सवाल सुनते ही प्रेम की धधकती अग्नि वैसे ही ठंडी हो जाती है, जैसे इन दिनों पाकिस्तान ठंडा पड़ा है. प्यार करने वालों के लिए जमाने ने यूं तो कभी कोई सुरक्षित जगह नहीं बनाई, लेकिन जब से मॉल संस्कृति आई थी, तब से प्रेमी समुदाय खुश था क्योंकि एयरकंडीशन्ड जगह में नि:शुल्क प्रेम पनप पा रहा था.

वो मॉल भी अब बंद पड़े हैं. कुछ जगह खुले हैं तो वहां सुरक्षित दूरी है. प्रेमियों को दो इंच की दूरी बर्दाश्त नहीं होती और वहां दो मीटर की दूरी का नियम बनाया जा रहा है.  

मास्क प्रेम का सबसे बड़ा दुश्मन है. कई सरकारों ने मास्क न पहनने पर आर्थिक जुर्माना लगा दिया है. प्रेमी-प्रेमिका मास्क उतार कर एक-दूसरे को दो पल निहारना भी चाहें तो कानून का डंडा चलने का डर सताने लगता है. और महबूब का चेहरा ही नहीं दिखा तो कैसे कविता लिखी जाएगी और कैसे शायरी होगी?

कई लड़कियां लड़के से मिलने इसलिए वक्त पर नहीं पहुंच पा रहीं क्योंकि उन्हें ‘मैचिंग’ का मास्क नहीं मिल पाता. प्रेमी-प्रेमिका साथ हो तो कई काम किए जा सकते हैं.

मसलन-लाल किले की दीवार या पब्लिक पार्क के पुराने पीपल के पेड़ पर दिल के आकार में अपना नाम जनम-जनम के लिए गोदा जा सकता है. अथवा एक-दूसरे का हाथ हाथों में लिए घर से भागने या शादी वगैरह की प्लानिंग हो सकती है. लेकिन आजकल सब ठप पड़ा है क्योंकि पहली चिंता यह होती है कि मिला कहां और कैसे जाए?

जिस तरह नेता चुनाव जीतने के बाद चार दिन मोहल्ले में न आए तो मुहल्ला ही भूल जाता है, वैसे ही कई प्रेमी-प्रेमिका चार दिन तक एक-दूसरे की शक्ल न देखें तो उन्हें एक दूसरे को भूलने का डर लगने लगता है. ऐसे में कोरोना काल में प्रेम और प्रेमी जूम और व्हाट्सएप्प जैसे एप्प के मोहताज हो गए हैं. 

भला हो व्हाट्सएप्प यूनिवर्सिटी का, जिस पर फॉरवर्ड होते ज्ञान को एक-दूसरे को भेजते हुए प्रेम का तार कई प्रेमी बांधे हुए हैं. मेरी सरकार से मांग है कि वो प्रेमियों के लिए भी राहत पैकेज का ऐलान करे. उन्हें प्रेम मजदूर की श्रेणी में रखे. क्या कहते हैं आप?

Web Title: Piyush Pandey's Blog: Love and Lovers in the Corona Period

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