Parents' Day 2023: माता-पिता के जीवन में उदासी नहीं, उमंग हो

By ललित गर्ग | Published: June 1, 2023 11:57 AM2023-06-01T11:57:14+5:302023-06-01T12:15:27+5:30

अभिभावकों को लेकर जो गंभीर समस्याएं आज पैदा हुई हैं, वह अचानक ही नहीं हुई, बल्कि उपभोक्तावादी संस्कृति तथा महानगरीय अधुनातन बोध के तहत बदलते सामाजिक मूल्यों, नई पीढ़ी की सोच में परिवर्तन आने, महंगाई के बढ़ने और व्यक्ति के अपने बच्चों और पत्नी तक सीमित हो जाने की प्रवृत्ति के कारण बड़े-बूढ़ों के लिए अनेक समस्याएं आ खड़ी हुई हैं।

Parent Day 2023 role of father mother in modern world | Parents' Day 2023: माता-पिता के जीवन में उदासी नहीं, उमंग हो

फोटो सोर्स: ANI (प्रतिकात्मक फोटो)

Highlightsपूरी दुनिया में आज विश्व माता-पिता दिवस मनाया जा रहा है। विश्वभर में ये दिन अभिभावकों को सम्मान देने का दिन है।ऐसे में भारत में जिस तरीके से माता पिता अपना जीवन बिता रहे है, उस पर चिंता की जरूरत है।

Parent's Day 2023:  विश्व माता-पिता (अभिभावक) दिवस 1 जून को मनाया जाता है. यह विश्वभर के उन अभिभावकों को सम्मान देने का दिन है, जो अपने बच्चों के प्रति नि:स्वार्थ भाव से समर्पित हैं तथा जीवनभर त्याग करते हुए बच्चों का पालन-पोषण करते हैं. बच्चों की सुरक्षा, विकास व समृद्धि के बारे में सोचते हैं. बावजूद बच्चों द्वारा माता-पिता की लगातार उपेक्षा, दुर्व्यवहार एवं प्रताड़ना की स्थितियां बढ़ती जा रही है, जिन पर नियंत्रण के लिए यह दिवस मनाया जाता है. 

शोध में क्या पता चला है

बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार किस सीमा तक, कितना, किस रूप में और कितनी बार होता है तथा इसके पीछे कारण क्या हैं, इस पर हुए शोध में पता चला कि 82 प्रतिशत पीड़ित बुजुर्ग अपने परिवार के सम्मान के चलते इसकी शिकायत नहीं करते. समाज का एक सच यह है कि जो आज जवान है, उसे कल माता-पिता भी होना होगा और इस सच से कोई नहीं बच सकता. हमें समझना चाहिए कि माता-पिता परिवार एवं समाज की अमूल्य विरासत होते हैं. 

क्यों सहमें हुए है आज के माता-पिता

आखिर आज के माता-पिता अपने ही घर की दहलीज पर सहमे-सहमे क्यों खड़े हैं, उनकी आंखों में भविष्य को लेकर भय क्यों है, असुरक्षा और दहशत क्यों है, दिल में अंतहीन दर्द क्यों है? इन त्रासद एवं डरावनी स्थितियों से माता-पिता को मुक्ति दिलानी होगी. सुधार की संभावना हर समय है. हम पारिवारिक जीवन में माता-पिता को उचित सम्मान दें, इसके लिए सही दिशा में चलें, सही सोचें, सही करें. इसके लिए आज विचारक्रांति ही नहीं, बल्कि व्यक्तिक्रांति की जरूरत है. 

आखिर आज ऐसा क्यों हो रहा है

अभिभावकों को लेकर जो गंभीर समस्याएं आज पैदा हुई हैं, वह अचानक ही नहीं हुई, बल्कि उपभोक्तावादी संस्कृति तथा महानगरीय अधुनातन बोध के तहत बदलते सामाजिक मूल्यों, नई पीढ़ी की सोच में परिवर्तन आने, महंगाई के बढ़ने और व्यक्ति के अपने बच्चों और पत्नी तक सीमित हो जाने की प्रवृत्ति के कारण बड़े-बूढ़ों के लिए अनेक समस्याएं आ खड़ी हुई हैं. 

अभिभावकों के लिए भी यह जरूरी है कि वे वार्धक्य को ओढ़े नहीं, बल्कि जीएं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नारे ‘सबका साथ, सबका विकास एवं सबका विश्वास’ की गूंज और भावना अभिभावकों के जीवन में उजाला बने, तभी नया भारत निर्मित होगा.
 

Web Title: Parent Day 2023 role of father mother in modern world

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