दिनकर कुमार का ब्लॉग: अंतर्राष्ट्रीय तस्करी केंद्र बन रहा मिजोरम
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: July 26, 2019 03:29 PM2019-07-26T15:29:47+5:302019-07-26T15:29:47+5:30
प्रवर्तन एजेंसियों ने बताया कि म्यांमार के वा राज्य में उत्पादित लाखों याबा की गोलियों की तस्करी मिजोरम से की जाती है. चिन (म्यांमार के नागरिकों) की आबादी का एक वर्ग, जो अवैध रूप से मिजोरम में बसा हुआ है, कथित तौर पर ड्रग्स तस्करी नेटवर्क से जुड़ा हुआ है.
उत्कृष्ट फुटबॉल और संगीतकारों के लिए जाना जाने वाला सुरम्य मिजोरम दक्षिण एशिया के सबसे बड़े तस्करी केंद्र के रूप में उभर रहा है, जहां एक्स्टसी ड्रग्स, सोने और बंदूकों की धड़ल्ले से तस्करी हो रही है. मिजोरम-म्यांमार सीमा पर सेरछिप जिले के सैलुलक गांव में 17 जुलाई को 20 करोड़ रुपए से अधिक की एक्स्टसी ड्रग्स जब्त की गई थी. यह मिजोरम के इतिहास की सबसे बड़ी ड्रग की खेप थी.
यंग मिजो एसोसिएशन के स्वयंसेवकों ने म्यांमार की सीमा से आने वाले एक मिनी ट्रक को रोक दिया और मेथम्फेटामाइन की 6 लाख गोलियां काली मिर्च के छह बैगों से बरामद कीं. ड्रग्स की खेप के साथ छह संदिग्ध ड्रग पेडलर्स पकड़े गए. उन्होंने कबूल किया कि यह खेप म्यांमार के ताहान के लियानी की है.
प्रवर्तन एजेंसियों ने बताया कि म्यांमार के वा राज्य में उत्पादित लाखों याबा की गोलियों की तस्करी मिजोरम से की जाती है. चिन (म्यांमार के नागरिकों) की आबादी का एक वर्ग, जो अवैध रूप से मिजोरम में बसा हुआ है, कथित तौर पर ड्रग्स तस्करी नेटवर्क से जुड़ा हुआ है. म्यांमार के वा और कोंग क्षेत्नों में उत्पादित एक्स्टसी ड्रग्स की मुंबई, बेंगलुरु और नई दिल्ली में भारी
मांग है.
एक्स्टसी ड्रग्स के अलावा प्रवर्तन एजेंसियों के अनुसार मिजोरम भारत में सोने की तस्करी के लिए सबसे तेजी से बढ़ने वाले केंद्र के रूप में उभरा है. राजस्व खुफिया निदेशालय और अन्य प्रवर्तन एजेंसियों ने पिछले दो वर्षो के दौरान भारत में 800 किलोग्राम से अधिक सोना जब्त किया है और ज्यादातर मामलों में मिजोरम के माध्यम से खेप की तस्करी की गई थी. मिजोरम स्थित सोने के तस्कर चीन-म्यांमार तस्करी नेटवर्क का भी हिस्सा हैं. चीन दुनिया में सोने का सबसे बड़ा उत्पादक है और उत्पादन के एक बड़े हिस्से की मिजोरम के माध्यम से भारत में तस्करी की जाती है.
मिजोरम दक्षिण एशिया में ड्रग्स, सोना और हथियारों की तस्करी का सबसे बड़ा केंद्र है. ड्रग्स और सोने की तरह चिकनी सुपारी (ज्यादातर थाईलैंड और इंडोनेशिया से) की बड़ी खेप भी म्यांमार के रास्ते भारत में तस्करी की जाती है. मुख्य रूप से मिजोरम के माध्यम से भारत के सुदूर पूर्व में इसका अवैध व्यापार सालाना 3,500 करोड़ रुपए से अधिक होने का अनुमान है. चिकनी सुपारी गुटखा और पान मसाला की सभी किस्मों में से एक मुख्य सामग्री है. भारत में पान मसाला का बाजार 25,000 करोड़ रु. का है, और यह हर साल लगभग 10 प्रतिशत बढ़ रहा है.मिजोरम हथियारों की तस्करी का केंद्र भी है. चिन शरणार्थियों का एक वर्ग, जो अवैध रूप से मिजोरम में विभिन्न स्थानों पर बसा है, एक अंतर्राष्ट्रीय हथियार तस्करी नेटवर्क में शामिल है.