ब्लॉग: राज्य सरकार की सराहनीय पहल है ‘लाड़का भाऊ’ योजना

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: July 19, 2024 11:03 IST2024-07-19T11:01:29+5:302024-07-19T11:03:50+5:30

बेरोजगारी के मुद्दे पर विधानसभा में घिरने के बाद राज्य की शिंदे सरकार युवाओं को लिए लोकलुभावन स्कीम यानी ‘लाड़का भाऊ’ योजना लागू करने जा रही है.

maharastra eknath shinde announces ladka bhau yojana | ब्लॉग: राज्य सरकार की सराहनीय पहल है ‘लाड़का भाऊ’ योजना

फाइल फोटो

Highlightsबेरोजगारी के मुद्दे पर विधानसभा में घिरने के बाद राज्य की शिंदे सरकार युवाओं को लिए लोकलुभावन स्कीम यानी ‘लाड़का भाऊ’ योजना लागू करने जा रही हैकुछ दिन पहले ही सरकार ने ‘लाड़की बहीण’ योजना लागू की हैछात्रों को हर महीने आठ हजार और ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने वालों को हर महीने 10 हजार रुपए देने का फैसला किया गया है

बेरोजगारी के मुद्दे पर विधानसभा में घिरने के बाद राज्य की शिंदे सरकार युवाओं को लिए लोकलुभावन स्कीम यानी ‘लाड़का भाऊ’ योजना लागू करने जा रही है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को लगता है कि यह योजना बेरोजगारी का समाधान करेगी. उन्होंने दावा किया है कि सरकार की नजर में लड़का-लड़की में फर्क नहीं है. इसे एक हद तक सही माना जा सकता है, क्योंकि कुछ दिन पहले ही सरकार ने ‘लाड़की बहीण’ योजना लागू की है,

जिसके तहत 21 वर्ष से 60 वर्ष के बीच की सभी पात्र महिलाओं को हर महीने 1500 रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है. अब ‘लाड़का भाऊ’ योजना के तहत डिप्लोमा कर रहे छात्रों को हर महीने आठ हजार और ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने वालों को हर महीने 10 हजार रुपए देने का फैसला किया गया है. इस योजना में युवाओं को फैक्ट्रियों में अप्रेंटिसशिप मिलेगी और सरकार की तरफ से उन्हें स्कॉलरशिप दी जाएगी. इस सहायता से सरकार युवाओं को अपने पक्ष में ला सकती है. गौरतलब है कि अक्तूबर और नवंबर में राज्य में विधानसभा के चुनाव होंगे.

पिछले लोकसभा चुनाव में महायुति को करारी हार का सामना करना पड़ा था. इस योजना से भले ही राजनीतिक लक्ष्य साधने का प्रयास किया जा रहा हो, लेकिन युवाओं के लिहाज से एक सराहनीय योजना है. बेरोजगारी की समस्या प्रदेश या देश में ही नहीं, विश्वव्यापी है. अपने देश की बात करें तो जनसंख्या वृद्धि की तुलना में व्यापार, उद्योग, वाणिज्य और कृषि में देश में आर्थिक अवसरों में आनुपातिक रूप से वृद्धि नहीं हुई है, जिसके परिणामस्वरूप रोजगार पाने के अवसरों की तुलना में रोजगार चाहने वाले युवाओं की संख्या अधिक है.

कुछ हद तक हमारी शिक्षा प्रणाली भी दोषपूर्ण है. बेरोजगारी का असर लोगों की जीवन-शैली पर पड़ रहा है. इसके कारण अपराध-दर भी बढ़ती है. अक्सर गांवों और छोटे शहरों में रोजगार के लाभप्रद अवसर न होने के कारण युवावर्ग काम की तलाश में बड़े शहरों की ओर बढ़ता है. इससे शहरों की व्यवस्था भी चरमरा जाती है. गांवों और छोटे शहरों में ही स्थानीय साधनों के अनुसार उद्योग विकसित करना चाहिए ताकि युवाओं को काम की तलाश में घर से बहुत दूर न जाना पड़े.

कृषि आधारित अथवा वन आधारित उद्योगों की अधिक से अधिक स्थापना की जानी चाहिए जिससे इन उद्योगों का विकास तो होगा ही, उस क्षेत्र के लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे. लोगों को स्व-रोजगार के लिए भी प्रेरित किया जाना चाहिए. सरकार की यह योजना केवल चुनाव जीतने का साधन ही न बने, बल्कि युवाओं को बेहतर कमाई और सम्मान के साथ जीवन जीने में सहायता भी प्रदान करे.

Web Title: maharastra eknath shinde announces ladka bhau yojana

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