ब्लॉग: फिर से एकजुट हो रहा 'इंडिया' गठबंधन!

By राजकुमार सिंह | Published: February 26, 2024 10:44 AM2024-02-26T10:44:48+5:302024-02-26T10:46:21+5:30

नीतीश के बाद जयंत चौधरी के झटके से लगा था कि ‘इंडिया’ इतिहास की बात है, लेकिन 21 फरवरी को सपा और कांग्रेस के बीच अचानक हुए सीट बंटवारे के बाद समीकरण तेजी से बदले हैं।

Lok Sabha Elections 2024 'India' alliance uniting again | ब्लॉग: फिर से एकजुट हो रहा 'इंडिया' गठबंधन!

(फाइल फोटो)

Highlightsलोकसभा चुनाव का बिगुल तो मार्च में बजेगा, पर बिसात बिछनी शुरू हो गई हैविपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की गाड़ी भी पटरी पर वापस लौट रही हैसपा और कांग्रेस के बीच अचानक हुए सीट बंटवारे के बाद समीकरण तेजी से बदले हैं

लोकसभा चुनाव का बिगुल तो मार्च में बजेगा, पर बिसात बिछनी शुरू हो गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा तो हमेशा चुनावी मोड में रहते हैं, पर नीतीश कुमार और जयंत चौधरी के अलगाव से बिखराव के कगार पर दिख रहे विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की गाड़ी भी पटरी पर वापस लौट रही है। सपा और आप के साथ कांग्रेस का सीट बंटवारा हो चुका है तो तृणमूल कांग्रेस से बातचीत निर्णायक दौर में होने के संकेत हैं। महाराष्ट्र में भी राहुल गांधी और शरद पवार में संवाद से सबकुछ तय हो जाने के दावे हैं।

नीतीश के बाद जयंत चौधरी के झटके से लगा था कि ‘इंडिया’ इतिहास की बात है, लेकिन 21 फरवरी को सपा और कांग्रेस के बीच अचानक हुए सीट बंटवारे के बाद समीकरण तेजी से बदले हैं। उत्तर प्रदेश में तो कांग्रेस 17 सीटों पर मान ही गई, जिस सपा को विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में एक भी सीट देने लायक नहीं समझा था, उसे अब खजुराहो लोकसभा सीट दे दी गई। अब आप और कांग्रेस में दिल्ली ही नहीं, बल्कि गुजरात, गोवा, हरियाणा और चंडीगढ़ में भी सीट बंटवारा हो गया है।

अगर ममता बनर्जी असम और मेघालय में सीट मिलने पर पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को दो सीटों से ज्यादा देने पर मान जाती हैं, तो वहां भी भाजपा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। वाम मोर्चा की भूमिका पर भी काफी कुछ निर्भर करेगा। तय है कि मुख्य मुकाबला दोनों गठबंधनों: एनडीए और ‘इंडिया’ के बीच होगा।  चुनाव एकतरफा भी नहीं होगा, लेकिन पिछले दिनों ‘इंडिया’ के अंतर्कलह से जो नकारात्मक संदेश गए हैं, उनसे उबरना आसान नहीं। चुनावी राजनीति अंकगणित नहीं होती, पर सच है कि पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा को 37.4 प्रतिशत वोट ही मिले थे। पूरे एनडीए का वोट प्रतिशत भी 45 से ऊपर नहीं गया यानी 55 प्रतिशत वोट गैर एनडीए दलों को मिले। 

पर क्या पिछले दस साल में-खासकर ‘इंडिया’ बनने के बाद विपक्ष वैसी विश्वसनीयता बना पाया है कि अतीत के अनुभवों को नजरअंदाज कर मतदाता उस पर दांव लगा सकें? विश्वसनीयता उन मुद्दों पर जनमत जगाने और जनादेश हासिल करने के लिए भी अहम् है, जिन पर ‘इंडिया’ चुनाव में मोदी सरकार को घेरना चाहेगा। बेशक एनडीए में ‘इंडिया’ से ज्यादा घटक दल हैं। सीट बंटवारा आसान नहीं होगा, लेकिन वैसी अराजकता वहां नहीं दिखती, जैसी नवंबर में हुए पांच राज्यों के चुनावों के बाद ‘इंडिया’ में नजर आई। लोकसभा चुनाव की घोषणा दूर नहीं है, पर ‘इंडिया’ पीएम फेस तो दूर, संयोजक और साझा न्यूनतम कार्यक्रम तक तय नहीं कर पाया है जबकि एनडीए के पास नरेंद्र मोदी के रूप में जांचा-परखा, अनुभवी और सर्व स्वीकार्य नेतृत्व भी है।

Web Title: Lok Sabha Elections 2024 'India' alliance uniting again

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे