लोकसभा चुनाव 2019: लोकतंत्र का महात्योहार, 90 करोड़ मतदाता 39 दिनों में चुनेंगे 543 सांसद
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: March 11, 2019 06:30 AM2019-03-11T06:30:44+5:302019-03-11T06:30:44+5:30
चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव 2019 की घोषणा के साथ ही देश में लोकतंत्र के महात्योहार का आरंभ हो गया. अब सात चरणों में 90 करोड़ मतदाता 17वीं लोकसभा के प्रत्याशियों का चुनाव करेंगे. 16वीं लोक सभा का कार्यकाल तीन जून 2019 को समाप्त हो रहा है.
रविवार को चुनाव आयोग की घोषणा के साथ ही देश में लोकतंत्र के महात्योहार का आरंभ हो गया. अब सात चरणों में 90 करोड़ मतदाता 17वीं लोकसभा का गठन करेंगे, जो तीन जून को निर्धारित है. आयोग ने लोकसभा की कुल 543 सीटों पर चुनाव को अलग-अलग तरह से बांटा है. बड़े राज्यों में चार से अधिक चरणों में मतदान रखा है, जबकि छोटे राज्यों में एक ही चरण में मतदान पूरा कर लिया जाएगा.
इस व्यवस्था से साफ है कि चुनाव आयोग सीमावर्ती राज्यों में ही सुरक्षा बलों के आवागमन को आसान मानकर मतदान करवाने जा रहा है. उत्तर प्रदेश में हर चरण में मतदान होना और महाराष्ट्र में चार चरण में मतदान होना, भौगोलिक परिस्थितियों के मद्देनजर ही निर्णय लिया गया मालूम पड़ता है. हालांकि इससे देश के बड़े भाग में चुनाव के लगभग ढाई महीने चुनावी माहौल नजर आ सकता है.
आम तौर पर पिछले चुनावों में चरण के अनुसार राज्यों में शांति होने लगती थी. सभी चरणों के मतों की गिनती एक साथ 23 मई को होगी, जिसके बाद हार-जीत तय होगी. फिलहाल नए साल से ही चुनावी साल मान कर हर राजनीतिक दल चुनावी माहौल में गरम नजर आ रहा था. पिछले कुछ दिनों से चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की संभावना के चलते और रंगत आ गई थी. अब आने वाले लगभग ढाई माह में देश चुनाव में व्यस्त दिखाई देगा. बीते कई चुनावों से इस बार युवा और नए मतदाता अधिक मतदान करेंगे.
वीवीपैट मशीन भी पहली ही बार इस्तेमाल में लाई जाएगी जिससे मतदाता के मन में भरोसा कायम रखा जाए. दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का यह चुनाव पूरे जगत के लिए विशेष है. मगर इसमें देश की जनता की भूमिका अहम है. उसकी जागरुकता सही उम्मीदवार के चयन के साथ सरकार के गठन में भूमिका अदा कर सकती है. चुनावी व्यवस्था का अंतिम लक्ष्य वही है.
चुनाव एक निरंतर प्रक्रिया है, लेकिन मतदाता की भूमिका अहम है. बीते चुनावों में बढ़ते मतदान के आंकड़ों ने बेहतर संकेत दिए हैं. उम्मीद की जानी चाहिए कि आने वाले चुनावों में उत्साह बढ़ेगा और लोकतंत्र का महात्यौहार पूरे जोश के साथ देश में सम्पन्न होता दिखाई देगा.