चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने की तैयारी...चंद्रयान-3 मिशन से इतिहास रचेगा भारत!

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 11, 2023 11:35 AM2023-07-11T11:35:27+5:302023-07-11T13:14:51+5:30

पूरी दुनिया की नजरें चंद्रयान मिशन-3 पर हैं, क्योंकि भारत चांद के उस दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला है, जहां पर अब तक दुनिया का कोई देश नहीं पहुंचा है.

landing on south pole of moon, how India will create history with Chandrayaan-3 mission | चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने की तैयारी...चंद्रयान-3 मिशन से इतिहास रचेगा भारत!

चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने की तैयारी...चंद्रयान-3 मिशन से इतिहास रचेगा भारत!

रंजना मिश्रा

चांद का अन्वेषण करने के लिए चंद्रयान-3 हिंदुस्तान का तीसरा मिशन है. इसका काउंटडाउन शुरू हो चुका है. यानी चांद पर भारत का परचम लहराने की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. भारत चांद पर इतिहास रचने को तैयार है और इसके लिए श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर में तैयारी पूरी हो चुकी है. चंद्रयान-3 मिशन को अंजाम तक पहुंचाने के लिए रॉकेट समेत सारे जरूरी उपकरणों को असेंबल कर दिया गया है. 

चंद्रयान-3 को अपने नए प्रक्षेपण रॉकेट लॉन्च व्हीकल मार्क-3 यानी एलवीएम-3 से जोड़ा जा चुका है. 14 जुलाई 2023 को दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर चंद्रयान-3 चांद पर एक नया इतिहास रचने के लिए अपने कदम बढ़ाएगा. सबकुछ ठीक रहने पर ये 41 दिन की यात्रा के बाद 23 या 24 अगस्त को चांद पर उतरेगा. यानी चंद्रयान-3 का लैंडर चांद की सतह पर 23 या 24 अगस्त को सॉफ्ट लैंडिंग करेगा. ये लैंडिंग चांद के दक्षिणी ध्रुव पर होगी, जहां लैंडर और रोवर कम से कम 14 दिन तक काम करेंगे.

चंद्रयान-3 के तीन प्रमुख उद्देश्य हैं-पहला, चांद की सतह पर लैंडर की सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग. दूसरा, इसके रोवर को चांद की सतह पर चलाकर दिखाना. तीसरा, लैंडर और रोवर के जरिए वैज्ञानिक जांच-पड़ताल करना. दरअसल थोड़े-बहुत बदलावों के साथ चंद्रयान-3 का लक्ष्य भी चंद्रयान-2 जैसा ही है. 

पिछली बार चंद्रयान-2 के वक्त सॉफ्ट लैंडिंग में कामयाबी नहीं मिली थी, तब लैंडर और रोवर से जो वैज्ञानिक अन्वेषण होने थे वे नहीं हो पाए थे इसलिए इस बार मिशन के उस हिस्से पर फोकस किया जाएगा जिसमें सॉफ्ट लैंडिंग कराना, फिर लैंडर और रोवर के जरिये वैज्ञानिक अन्वेषण करना तथा इसरो के वैज्ञानिकों को डाटा भेजना शामिल है. 

पूरी दुनिया की नजरें चंद्रयान मिशन-3 पर हैं, क्योंकि भारत चांद के उस दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला है, जहां पर अब तक दुनिया का कोई देश नहीं पहुंचा है. चंद्रयान-3 चांद के दक्षिणी ध्रुव के रहस्यों से पर्दा उठाएगा, जिससे दुनिया अनजान है.  

Web Title: landing on south pole of moon, how India will create history with Chandrayaan-3 mission

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