केरल में बाढ़ की विभीषिका: आज प्रकृति का यह अनुपम क्षेत्न संकट में

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: August 22, 2018 05:44 AM2018-08-22T05:44:53+5:302018-08-22T05:44:53+5:30

बाढ़ की विभीषिका खत्म होने के बाद ही नुकसान का वास्तविक आंकड़ा सामने आ सकेगा। यहां तक कि मृतकों की संख्या भी बढ़ सकती है।

Kerala Flood: Kerala beautiful nature faced worst disaster in 100 year | केरल में बाढ़ की विभीषिका: आज प्रकृति का यह अनुपम क्षेत्न संकट में

केरल में बाढ़ की विभीषिका: आज प्रकृति का यह अनुपम क्षेत्न संकट में

अवधेश कुमार

केरल में बाढ़ के भीषण दृश्यों ने पूरे देश का ध्यान खींचा है। कहा जा रहा है कि 94 वर्ष पहले एक बार वहां भीषण बाढ़ आई थी लेकिन उसका प्रकोप भी इतना विकराल नहीं था। केरल को ईश्वर का घर कहा जाता है। यह भारत का ऐसा हिस्सा है जहां मानसून एक जून को सबसे पहले आता है। यह दक्षिण में भारत के आखिरी छोर का वह भाग है, जो लगभग 600 किलोमीटर तक फिरोजी रंग के अरब सागर से घिरा है। आज प्रकृति का यह अनुपम क्षेत्न संकट में है। 

बाढ़ की विभीषिका खत्म होने के बाद ही नुकसान का वास्तविक आंकड़ा सामने आ सकेगा। यहां तक कि मृतकों की संख्या भी बढ़ सकती है। पालतू जानवरों को जितना संभव है बचाया गया है, फिर भी हजारों की संख्या में वे कहां बह गए होंगे पता करना कठिन है। इस समय सबसे जरूरी है बचाव, राहत, स्वास्थ्य सेवा, यातायात संपर्क एवं संवाद बहाली और उन पर जितना संभव है उतना काम हो रहा है। वस्तुत: यह आपदा प्रबंधन में भारत की नई स्थिति है जिसका दर्शन पिछले कई वर्षो से हो रहा है। यह देखकर आश्वासन मिलता है कि भविष्य में भी ऐसी आपदा आई तो पहले की तरह लोग भगवान भरोसे नहीं छोड़े जाएंगे। किंतु यहां यह प्रश्न उठना भी स्वाभाविक है कि आखिर ऐसी भीषण बाढ़ उस क्षेत्न में आई कैसे जिसे प्रकृति ने अब तक अपनी गोद में सुरक्षित रखा था?

भारतीय मौसम विभाग का कहना है कि 1 जून से 19 अगस्त तक वास्तविक वर्षा 2366 मिमी थी जबकि आमतौर पर इसे 1663 मिमी होना चाहिए था। यानी 42 प्रतिशत अधिक। अगस्त के आरंभिक 19 दिनों में 287 मिमी की जगह 758 मिमी बारिश हुई। इसमें भी ज्यादा बारिश 8 से 16 अगस्त के बीच हुई। यानी कुल मिलाकर अत्यधिक बारिश के कारण सारा संकट पैदा हुआ है। ज्यादा बारिश होने पर पानी अपना विकराल रूप दिखाता ही है। केरल में कुल 41 नदियां और 80 बांध हैं। भारी वर्षा से नदियों और बांध दोनों की स्थिति विकराल हो गई। 35 बांधों में क्षमता से ज्यादा जल हो जाने के कारण नदियों में पानी छोड़ा जाने लगा। यही एकमात्न विकल्प था। परिणामत: नदियों के आसपास के क्षेत्नों में बाढ़ आनी ही थी।

Web Title: Kerala Flood: Kerala beautiful nature faced worst disaster in 100 year

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